जयपुर. चुनावी मोड पर आई भाजपा के मुख्यालय में लगातार दूसरे दिन भी बैठकों का दौर जारी रहा. पंचायतराज के बाद शुक्रवार को प्रदेश के निगम और निकायों से जुड़े जनप्रतिनिधियों की कार्यशाला (BJP workshop in Jaipur) हुई. जिसमें भाजपा नेताओं का प्रदेश सरकार के खिलाफ भेदभाव की राजनीति से जुड़ा दर्द झलका. बीजेपी से जुड़े जनप्रतिनिधियों ने गहलोत सरकार पर प्रतिशोध की राजनीति करने का आरोप लगाया. वहीं पार्टी ने इन जनप्रतिनिधियों से मिले फीडबैक के आधार पर गहलोत सरकार के खिलाफ ब्लैक पेपर जारी करने का निर्णय लिया (Black paper against CM Gehlot) है.
शुक्रवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित निगम निकाय जनप्रतिनिधियों की राज्यस्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने किया. इस दौरान संगठन महामंत्री चंद्रशेखर भी मौजूद रहे. कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में पूनिया, राठौड़ और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने संबोधित किया. इस दौरान एक सत्र इन जनप्रतिनिधियों के कामकाज के दौरान आने वाली कठिनाइयों पर चर्चा से जुड़ा भी रहा. जिसमें इन्होंने कांग्रेस सरकार में भाजपा बोर्ड और जनप्रतिनिधियों द्वारा लिए गए निर्णय को लागू करने में आ रही दिक्कतें और सरकार द्वारा भेदभाव की राजनीति करने का दर्द बयां किया. एक अन्य सत्र में प्रदेश सरकार के खिलाफ जन आंदोलन को लेकर भी निकाय जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर सुझाव लिए गए.
सौम्या गुर्जर की अनुपस्थिति रही चर्चाओं में: भाजपा की राज्य स्तरीय कार्यशाला जयपुर में हुई, लेकिन इसमें जयपुर नगर निगम ग्रेटर से जुड़ी भाजपा की महापौर सौम्या गुर्जर ही शामिल नहीं हुई, जो यहां मौजूद अन्य जनप्रतिनिधियों में चर्चा का विषय बना रहा. हालांकि नगर निगम ग्रेटर के उपमहापौर पुनीत कर्णावत और पार्षद गणेश चौधरी इस कार्यक्रम में जरूर शामिल हुए. बताया जा रहा है सौम्या गुर्जर का स्वास्थ्य खराब है जिसके चलते वे इस कार्यशाला में शामिल नहीं हुई. हालांकि पिछले दिनों वे निगम से जुड़े कई कार्यक्रमों में भी देखी गई थी.
गांव से शहरों तक पार्टी नेताओं को किया जा रहा सक्रिय: प्रदेश भाजपा संगठन के स्तर पर आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए अभी से गांव से लेकर शहरों तक पार्टी के छोटे से लेकर बड़े स्तर तक के जनप्रतिनिधियों को सक्रिय किया जा रहा है. इसके लिए पार्टी ने इन बैठकों का भी आयोजन किया और इनमें शामिल होने वाले जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र में किए जाने वाले संगठनात्मक कार्यों को लेकर अलग-अलग जिम्मेदारियां भी दी है. पार्टी चाहती है कि आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी राजस्थान में बूथ स्तर तक मजबूत हो जाए. इसके चलते बूथ सशक्तिकरण अभियान भी चल रहा है, जिसमें कमजोर बूथों पर भाजपा विशेष फोकस कर पार्टी की दृष्टि से उन्हें मजबूत करने में जुटी है.