जयपुर. राजस्थान लोक सेवा आयोग में सदस्यों के नियुक्ति पर भाजपा ने सवाल उठाए हैं. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर अपने चहेतों को आरपीएससी में लगाए जाने का आरोप लगाया है और ये भी कहा कि इससे आयोग की प्रतिष्ठा धूमिल होगी.
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डगमगाई सरकार के इस निर्णय के बाद RPSC
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किस प्रकार निष्पक्ष रूप से नौकरशाहों का चयन करेगा यह संदेह के घेरे में हो जायेगा जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। @RPSC1 @RajGovOfficial
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— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) October 14, 2020
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किस प्रकार निष्पक्ष रूप से नौकरशाहों का चयन करेगा यह संदेह के घेरे में हो जायेगा जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। @RPSC1 @RajGovOfficial
प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने एक ट्वीट कर लिखा कि राज्य की प्रशासनिक सेवाओं में अपने चहेतों को बिना योग्यता के पदों से नवाजने से राजस्थान लोक सेवा आयोग की प्रतिष्ठा धूमिल होगी. राठौड़ ने यह भी लिखा कि कम से कम इस प्रकार की संस्थाओं में तो विद्वान और योग्य सदस्यों का चयन किया जाना चाहिए था.
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बता दें कि बुधवार को पूर्व डीजीपी भूपेंद्र यादव को जहां आरपीएससी का चेयरमैन बनाया गया. वहीं इसके साथ ही राजस्थान लोक सेवा आयोग में 4 सदस्यों की नियुक्ति भी की गई.
इनमें कवि कुमार विश्वास की पत्नी डॉ. मंजू शर्मा, आईएएस निरंजन आर्य की पत्नी संगीता आर्य, पत्रकार जसवंत राठी और बाबूलाल कटारा के नाम शामिल है. अब राजेंद्र राठौड़ ने अपने ट्वीट के जरिए इन 4 सदस्यों की योग्यता और नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा किया है.