जयपुर. राजस्थान से उत्तर प्रदेश और पंजाब जाने वाले नेता व कार्यकर्ताओं की टीम के समन्वय के लिए प्रदेश स्तर पर जिम्मेदारी दी गई है. उत्तर प्रदेश में राजस्थान से जाने वाले भाजपा कार्यकर्ता और नेताओं की संख्या 80 से अधिक होगी और इन पर समन्वय की दृष्टि से प्रदेश भाजपा मंत्री अशोक सैनी और प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक मटोरिया को लगाया गया है.
वहीं, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में राजस्थान से यूपी के 11 जिलों में करीब 100 कार्यकर्ता और नेता पहुंचेंगे. इनके समन्वय के लिए राजस्थान भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, विधायक कन्हैया लाल चौधरी और पूर्व विधायक रामहेत यादव को जिम्मेदारी दी गई है.
यहां को बता दें कि पंजाब में भाजपा ने राजस्थान से आने वाले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को (Punjab BJP Election Incharge Gajendra Singh Shekhawat) चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है. यूपी में राजस्थान से आने वाले केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को सह प्रभारी की जिम्मेदारी मिली है.
इन सीमावर्ती जिलों से जाएंगे अधिकतर कार्यकर्ता...
उत्तर प्रदेश चुनाव में राजस्थान से जिन कार्यकर्ताओं नेताओं को संगठनात्मक जिम्मेदारी के तहत भेजा गया है. उनमें अधिकतर कार्यकर्ता सीमावर्ती जिले भरतपुर, धौलपुर और अलवर से जुड़े हैं. वहीं, पंजाब में जिन कार्यकर्ताओं को राजस्थान से भेजा जाएगा वो अधिकतर बीकानेर, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले के हैं.
11 दिसंबर को पंजाब और 14 दिसंबर को उत्तर प्रदेश में है बैठक...
दोनों ही प्रदेशों में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने संगठनात्मक दृष्टि से तैयारियां शुरू कर दी है. इसी कड़ी में पंजाब के जालंधर में 11 दिसंबर को बैठक रखी गई है. यह बैठक राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री सौदान सिंह लेंगे, जिसमें राजस्थान से अभिषेक मटोरिया और अशोक सैनी शामिल होंगे. इसी तरह 14 दिसंबर को उत्तर प्रदेश में संगठनात्मक बैठक होगी, जिसमें राजस्थान से मुकेश दाधीच, कन्हैया लाल चौधरी और रामहेत यादव शामिल होंगे.
प्रवासियों को भाजपा से जोड़ना और पार्टी के पक्ष में प्रचार रहेगा काम...
पंजाब में सीमावर्ती जिले के अधिकतर परिवार ऐसे हैं, जिनके संपर्क राजस्थान के परिवारों से हैं. वहीं, व्यापार की दृष्टि से भी इन सीमावर्ती जिलों में राजस्थान के लोगों का आना जाना लगातार बना रहता है. यही स्थिति उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में भी है. राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में रहने वाले अधिकतर लोगों के परिवार यूपी के इन जिलों में है और यहां आना जाना भी लगा रहता है.
ऐसे में राजस्थान भाजपा के इन प्रदेशों में जाने वाले कार्यकर्ता और नेताओं की जिम्मेदारी, वहां रह रहे प्रवासी राजस्थानियों को एकत्रित करके भाजपा के पक्ष में जोड़ना और संगठनात्मक दृष्टि से स्थानीय इकाई जो भी जिम्मेदारी दे उसका निर्वहन करना होगा.