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केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह को फंसाने के लिए की गई फोन टेपिंग गैरकानूनीः गुलाबचंद कटारिया

भाजपा प्रदेश कार्यालय में शुक्रवार को फोन टेपिंग और भाजपा के केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को फंसाने के मामले को लेकर प्रेसवार्ता की गई. इसमें भाजपा के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने फोन टेपिंग कराने को लेकर कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाया.

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फोन टेपिंग गैरकानूनीः गुलाबचंद कटारिया
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Published : Jul 17, 2020, 9:13 PM IST

जयपुर. भाजपा प्रदेश कार्यालय में शुक्रवार को फोन टेपिंग और भाजपा के केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को फंसाने के मामले को लेकर प्रेसवार्ता की गई. इसमें भाजपा के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने फोन टेपिंग कराने को लेकर कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि फोन टेप कराने का एक लीगल प्रोसेस होता है. इसके लिए गृह मंत्रालय से इसकी अनुमति लेनी होती है और बाकायदा इसके लिए फाइल चलाई जाती है वही अधिकृत टेपिंग मानी जाती है.

फोन टेपिंग गैरकानूनीः गुलाबचंद कटारिया

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि यदि एसीबी भी कोई फोन टेप करती है तो उसके लिए भी उन्हें अनुमति लेनी होती है. उसका एक प्रोसेस होता है, अगर ऐसा नहीं होता तो कोई भी व्यक्ति किसी को भी फंसा सकता है. आजकल मीडिया भी ऐसा हो गया है कि वह मुझे किसी लड़की के साथ हंसता हुआ दिखाकर भी मेरा चरित्र खराब कर सकता है. कटारिया ने सवाल किया कि किस अधिकार के तहत यह फोन टेपिंग की गई और गजेंद्र सिंह शेखावत को फंसाया गया.

पढ़ेंः वसुंधरा राजे के खिलाफ बेनीवाल के Tweet पर भड़के भाजपा नेता, नड्डा, पूनिया और कटारिया ने दी नसीहत

उन्होंने सरकार को चुनौती दी कि इस तरह से फोन टेपिंग करना कानून में भी मान्य नहीं है, यह कोई सबूत नहीं माना जा सकता. यह टेपिंग किसी सरकारी एजेंसी से नहीं की यदि सरकारी एजेंसी की ओर से टेपिंग की जाती तो सरकार इस मामले में आगे बढ़ सकती थी. गुलाबचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के रिश्तों को लेकर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा यह झगड़ा कांग्रेस के घर का झगड़ा है और यह तभी से है जब से मुख्यमंत्री का चयन हुआ है.

पढ़ेंः कांग्रेस को कटारिया की दो टूक, कहा- आरोप लगाने वाले खुद भी कार्रवाई के लिए रहें तैयार

विधानसभा में भी देखा गया है कि जब मुख्यमंत्री बोलते हैं तो उपमुख्यमंत्री चले जाते थे और जब जब उपमुख्यमंत्री बोलते थे तो मुख्यमंत्री अपनी सीट पर नहीं होते थे. दोनों के झगड़ों में जनता की स्थिति खराब हो गई है और यह दोष कांग्रेस भाजपा कर मांझनें की कोशिश कर रही है. इस तरह से फोन टेपिंग करने से राजनेताओं की प्रतिष्ठा मटियामेट हो जाएगी. उन्होंने सरकार से कहा कि यदि सत्य है तो प्रमाणित करो दंडित करो किसी को किसी से बात करने पर या फोन टेपिंग करने पर फंसाया नहीं जा सकता.

पढ़ेंः विधायकों को नोटिस देने के मामले में बोले गुलाबचंद कटारिया, कहा- विधानसभा सचिवालय का क्षेत्राधिकार ही नहीं बनता

गुलाबचंद कटारिया ने कहा फोन टेपिंग मामले में गजेंद्र सिंह पर मामला दर्ज कराने में सरकार ने जल्दबाजी की. सरकार को पहले तथ्यों को परखना चाहिए था. उन्होंने कहा कि इस तरह से लोकतंत्र की गरिमा गिरती है. कटारिया ने साफ किया कि फोन टेपिंग कराने के लिए चाहे एसओजी हो या एसीबी, उसे होम मिनिस्ट्री से परमिशन लेनी ही पड़ती है. यह जो फोन टेपिंग कराई गई है यह गैरकानूनी है.

पढ़ेंः सियासी संग्राम के बीच होता रहा वसुंधरा राजे का इंतजार..

उधर, विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में गिरफ्तार अशोक सिंह को लेकर भी गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि उन्होंने कभी भी अशोक सिंह को नहीं देखा. उदयपुर संभाग या आसपास हुई में बैठकों में भी अशोक सिंह को कभी नहीं देखा. सचिन पायलट को लेकर गहलोत द्वारा दिए गए बयान को लेकर भी कटारिया ने कहा कि जो व्यक्ति 40 साल के अनुभव के बाद यहां तक पहुंचे है उसे इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि इंग्लिश बोलने और स्मार्ट दिखने को लेकर बीजेपी में किसी को कोई परेशानी नहीं है.

जयपुर. भाजपा प्रदेश कार्यालय में शुक्रवार को फोन टेपिंग और भाजपा के केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को फंसाने के मामले को लेकर प्रेसवार्ता की गई. इसमें भाजपा के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने फोन टेपिंग कराने को लेकर कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि फोन टेप कराने का एक लीगल प्रोसेस होता है. इसके लिए गृह मंत्रालय से इसकी अनुमति लेनी होती है और बाकायदा इसके लिए फाइल चलाई जाती है वही अधिकृत टेपिंग मानी जाती है.

फोन टेपिंग गैरकानूनीः गुलाबचंद कटारिया

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि यदि एसीबी भी कोई फोन टेप करती है तो उसके लिए भी उन्हें अनुमति लेनी होती है. उसका एक प्रोसेस होता है, अगर ऐसा नहीं होता तो कोई भी व्यक्ति किसी को भी फंसा सकता है. आजकल मीडिया भी ऐसा हो गया है कि वह मुझे किसी लड़की के साथ हंसता हुआ दिखाकर भी मेरा चरित्र खराब कर सकता है. कटारिया ने सवाल किया कि किस अधिकार के तहत यह फोन टेपिंग की गई और गजेंद्र सिंह शेखावत को फंसाया गया.

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उन्होंने सरकार को चुनौती दी कि इस तरह से फोन टेपिंग करना कानून में भी मान्य नहीं है, यह कोई सबूत नहीं माना जा सकता. यह टेपिंग किसी सरकारी एजेंसी से नहीं की यदि सरकारी एजेंसी की ओर से टेपिंग की जाती तो सरकार इस मामले में आगे बढ़ सकती थी. गुलाबचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के रिश्तों को लेकर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा यह झगड़ा कांग्रेस के घर का झगड़ा है और यह तभी से है जब से मुख्यमंत्री का चयन हुआ है.

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विधानसभा में भी देखा गया है कि जब मुख्यमंत्री बोलते हैं तो उपमुख्यमंत्री चले जाते थे और जब जब उपमुख्यमंत्री बोलते थे तो मुख्यमंत्री अपनी सीट पर नहीं होते थे. दोनों के झगड़ों में जनता की स्थिति खराब हो गई है और यह दोष कांग्रेस भाजपा कर मांझनें की कोशिश कर रही है. इस तरह से फोन टेपिंग करने से राजनेताओं की प्रतिष्ठा मटियामेट हो जाएगी. उन्होंने सरकार से कहा कि यदि सत्य है तो प्रमाणित करो दंडित करो किसी को किसी से बात करने पर या फोन टेपिंग करने पर फंसाया नहीं जा सकता.

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गुलाबचंद कटारिया ने कहा फोन टेपिंग मामले में गजेंद्र सिंह पर मामला दर्ज कराने में सरकार ने जल्दबाजी की. सरकार को पहले तथ्यों को परखना चाहिए था. उन्होंने कहा कि इस तरह से लोकतंत्र की गरिमा गिरती है. कटारिया ने साफ किया कि फोन टेपिंग कराने के लिए चाहे एसओजी हो या एसीबी, उसे होम मिनिस्ट्री से परमिशन लेनी ही पड़ती है. यह जो फोन टेपिंग कराई गई है यह गैरकानूनी है.

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उधर, विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में गिरफ्तार अशोक सिंह को लेकर भी गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि उन्होंने कभी भी अशोक सिंह को नहीं देखा. उदयपुर संभाग या आसपास हुई में बैठकों में भी अशोक सिंह को कभी नहीं देखा. सचिन पायलट को लेकर गहलोत द्वारा दिए गए बयान को लेकर भी कटारिया ने कहा कि जो व्यक्ति 40 साल के अनुभव के बाद यहां तक पहुंचे है उसे इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि इंग्लिश बोलने और स्मार्ट दिखने को लेकर बीजेपी में किसी को कोई परेशानी नहीं है.

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