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बागी पार्षद कुसुम यादव को महापौर प्रत्याशी बनाने के पीछे दीया कुमारी का हाथ ! - दीया कुमारी

जयपुर हैरिटेज नगर निगम में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला. जिसके बाद भाजपा ने निर्दलीय पार्षद कुसुम यादव को अपना महापौर प्रत्याशी बनाया है. कुसुम यादव चुनावों से पहले भाजपा में ही थीं, लेकिन नगर निगम चुनावों में टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और वार्ड 74 से जीत दर्ज की. कुसुम को महापौर प्रत्याशी बनाने के पीछे दीया कुमारी का हाथ बताया जा रहा है.

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हेरिटेज नगर निगम से भाजपा ने कुसुम यादव को उतार महापौर के मैदान में
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Published : Nov 5, 2020, 5:23 PM IST

Updated : Nov 5, 2020, 9:57 PM IST

जयपुर. हैरिटेज नगर निगम में भले ही भाजपा के पास बोर्ड बनाने और अपने महापौर को जिताने के लिए पूर्ण बहुमत नहीं हो, लेकिन पार्टी ने अपनी ही बागी निर्दलीय पार्षद कुसुम यादव को चुनाव मैदान में खड़ा कर दिया है. हालांकि, कुसुम यादव को वापस भाजपा से जोड़ने और महापौर प्रत्याशी पद तक पहुचाने में सांसद और प्रदेश महामंत्री दीया कुमारी का बड़ा हाथ रहा. अब कुसुम यादव पार्टी के भीतर किसी भी प्रकार के मनमुटाव की बात से इनकार कर रही हैं.

बागी पार्षद कुसुम यादव ने कहा बीजेपी से मनमुटाव खत्म हुआ

पढे़ं: कोटा उत्तर से कांग्रेस की मंजू मेहरा तो अंतिम समय में BJP की संतोष बैरवा ने भरा नामांकन...

ईटीवी भारत से खास बातचीत में कुसुम यादव ने कहा कि वो संगठन की ही थी और अब वापस संगठन रूपी परिवार में वापस आ गई हैं. पहले उनका टिकट घोषित होने के बाद तकनीकी कारणों से सिंबल नहीं मिल पाया था. जिससे कुछ नाराजगी जरूर थी, लेकिन परिवार में मनमुटाव ज्यादा समय तक नहीं रहता और अब सारे मनमुटाव दूर हो चुके हैं.

हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि वापस भाजपा में आने का श्रेय किसे देंगी तो उन्होंने कहा कि इसका श्रेय भाजपा संगठन को ही जाएगा. कुसुम यादव को भाजपा ने उस नगर निगम में महापौर प्रत्याशी के तौर पर उतारा है जहां खुद भाजपा के पास पूर्ण बहुमत नहीं है, लेकिन यादव कहती हैं पार्टी के साथ मिलकर वे चुनाव लड़ रही हैं और कई निर्दलीय पार्षदों का भी सपोर्ट मिलेगा.

6 साल के लिए किया था पार्टी से निष्कासित...

भाजपा को हैरिटेज नगर निगम के महापौर के चुनावों के लिए निर्दलीय पार्षदों की जरूरत है. जिसके चलते कुसुम यादव को पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया. टिकट नहीं मिलने पर पार्टी ने कुसुम यादव को 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था. हालांकि, अब जब बीजेपी को निर्दलीयों की जरूरत पड़ी तो सबसे पहले कुसुम यादव को ही अपने साथ लिया और महापौर का प्रत्याशी भी बनाया.

पढे़ं: Special: जयपुर नगर निगम ग्रेटर से सौम्या गुर्जर और हेरिटेज से कुसुम यादव भाजपा महापौर प्रत्याशी, दोनों का विवादों से रहा है पुराना नाता

बुधवार रात सिटी पैलेस में बनी यादव की वापसी की राह...

बताया जा रहा है कि बुधवार देर रात सिटी पैलेस में इसकी पूरी पटकथा लिखी गई. जहां सांसद दीया कुमारी की मौजूदगी में कुसुम यादव से चर्चा हुई और पार्टी नेताओं के साथ चल रहे उनके मनमुटाव को दूर करने की कोशिश की गई. दीया कुमारी ने भी पार्टी के स्तर पर यादव के नाम को उच्च स्तर तक पहुंचाया और वहां उन्हें महापौर प्रत्याशी बनाए जाने की हरी झंडी भी मिल गई.

पूर्व विधायक मोहनलाल गुप्ता भी इसी रणनीति के तहत लगातार इस काम में जुटे रहे और अपने पुराने विश्वस्त अजय यादव की धर्मपत्नी व निर्दलीय पार्षद कुसुम यादव को वापस भाजपा परिवार में जोड़ने में कामयाब रहे. कुसुम यादव ने इस बार नगर निगम हैरिटेज के वार्ड 74 से निर्दलीय के रूप में चुनाव जीता है. इसके पहले कुसुम यादव पार्षद और जयपुर नगर निगम में सांस्कृतिक समिति की चेयरमैन भी रह चुकी हैं. कुसुम यादव के पति अजय यादव भी पूर्व में जयपुर नगर निगम के पार्षद रह चुके हैं.

जयपुर. हैरिटेज नगर निगम में भले ही भाजपा के पास बोर्ड बनाने और अपने महापौर को जिताने के लिए पूर्ण बहुमत नहीं हो, लेकिन पार्टी ने अपनी ही बागी निर्दलीय पार्षद कुसुम यादव को चुनाव मैदान में खड़ा कर दिया है. हालांकि, कुसुम यादव को वापस भाजपा से जोड़ने और महापौर प्रत्याशी पद तक पहुचाने में सांसद और प्रदेश महामंत्री दीया कुमारी का बड़ा हाथ रहा. अब कुसुम यादव पार्टी के भीतर किसी भी प्रकार के मनमुटाव की बात से इनकार कर रही हैं.

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ईटीवी भारत से खास बातचीत में कुसुम यादव ने कहा कि वो संगठन की ही थी और अब वापस संगठन रूपी परिवार में वापस आ गई हैं. पहले उनका टिकट घोषित होने के बाद तकनीकी कारणों से सिंबल नहीं मिल पाया था. जिससे कुछ नाराजगी जरूर थी, लेकिन परिवार में मनमुटाव ज्यादा समय तक नहीं रहता और अब सारे मनमुटाव दूर हो चुके हैं.

हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि वापस भाजपा में आने का श्रेय किसे देंगी तो उन्होंने कहा कि इसका श्रेय भाजपा संगठन को ही जाएगा. कुसुम यादव को भाजपा ने उस नगर निगम में महापौर प्रत्याशी के तौर पर उतारा है जहां खुद भाजपा के पास पूर्ण बहुमत नहीं है, लेकिन यादव कहती हैं पार्टी के साथ मिलकर वे चुनाव लड़ रही हैं और कई निर्दलीय पार्षदों का भी सपोर्ट मिलेगा.

6 साल के लिए किया था पार्टी से निष्कासित...

भाजपा को हैरिटेज नगर निगम के महापौर के चुनावों के लिए निर्दलीय पार्षदों की जरूरत है. जिसके चलते कुसुम यादव को पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया. टिकट नहीं मिलने पर पार्टी ने कुसुम यादव को 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था. हालांकि, अब जब बीजेपी को निर्दलीयों की जरूरत पड़ी तो सबसे पहले कुसुम यादव को ही अपने साथ लिया और महापौर का प्रत्याशी भी बनाया.

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बताया जा रहा है कि बुधवार देर रात सिटी पैलेस में इसकी पूरी पटकथा लिखी गई. जहां सांसद दीया कुमारी की मौजूदगी में कुसुम यादव से चर्चा हुई और पार्टी नेताओं के साथ चल रहे उनके मनमुटाव को दूर करने की कोशिश की गई. दीया कुमारी ने भी पार्टी के स्तर पर यादव के नाम को उच्च स्तर तक पहुंचाया और वहां उन्हें महापौर प्रत्याशी बनाए जाने की हरी झंडी भी मिल गई.

पूर्व विधायक मोहनलाल गुप्ता भी इसी रणनीति के तहत लगातार इस काम में जुटे रहे और अपने पुराने विश्वस्त अजय यादव की धर्मपत्नी व निर्दलीय पार्षद कुसुम यादव को वापस भाजपा परिवार में जोड़ने में कामयाब रहे. कुसुम यादव ने इस बार नगर निगम हैरिटेज के वार्ड 74 से निर्दलीय के रूप में चुनाव जीता है. इसके पहले कुसुम यादव पार्षद और जयपुर नगर निगम में सांस्कृतिक समिति की चेयरमैन भी रह चुकी हैं. कुसुम यादव के पति अजय यादव भी पूर्व में जयपुर नगर निगम के पार्षद रह चुके हैं.

Last Updated : Nov 5, 2020, 9:57 PM IST
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