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SPECIAL: मानसून से पहले जयपुर का ड्रेनेज सिस्टम सुधारना बड़ी चुनौती

राजधानी जयपुर में इस साल मानसून से पहले शहर के सभी 889 नालों की सफाई का दावा किया जा रहा है. पिछले साल भी ऐसे दावे किए गए लेकिन शहर में जगह-जगह हुए जलजमाव ने नाला सफाई और ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल कर रख दी थी. अब इस साल हेरिटेज निगम में कांग्रेस बोर्ड और ग्रेटर निगम में बीजेपी बोर्ड के सामने बड़ी चुनौती है.

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Published : May 3, 2021, 10:06 PM IST

Updated : May 3, 2021, 10:43 PM IST

Jaipur drainage system,  functioning of underground drainage system
मानसून से पहले जयपुर का ड्रेनेज सिस्टम सुधारना बड़ी चुनौती

जयपुर. 18 नवंबर 1727 को महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने जिस जयपुर की नींव रखी थी, उसमें सड़कों पर पानी ठहरता नहीं था. इस ड्रेनेज सिस्टम का दूसरे शहर भी अध्ययन किया करते थे. अब उसी जयपुर के ड्रेनेज सिस्टम को विकास के नाम पर नेस्तनाबूद कर दिया गया. नतीजन बीते साल आई मूसलाधार बारिश में जयपुर का ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह फेल साबित हुआ. हालांकि इस बार 2 नगर निगम की सामूहिक जिम्मेदारी है.

मानसून से पहले जयपुर का ड्रेनेज सिस्टम सुधारना बड़ी चुनौती

पढ़ें- SPECIAL : अपना घर आश्रम में 2164 लोगों के पास नहीं है आधार कार्ड या पहचान पत्र...गंभीर संक्रमण के संकट में कैसे होगा वैक्सीनेशन

नालों की कर रहे सफाई

हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में आने वाले 364 और ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में आने वाले 525 नालों को चिन्हित कर सफाई की जा रही है. इसके अलावा 10 से 15 फीट गहराई वाले 14 बड़े नालों से भी मलबा बाहर निकालकर साफ किया जा रहा है. सड़क का पानी बिना बाधा के नाले में चला जाए इसके लिए नालों में पानी के प्रवेश मार्ग (शूट) भी साफ किए जा रहे हैं.

सभी वार्डों में नालों की सफाई का दावा

हेरिटेज निगम महापौर की मानें तो लगभग सभी वार्डों में नालों की सफाई हो चुकी है. सड़क और नाली मरम्मत के लिए 40 करोड़ का बजट भी जारी किया हुआ है. इसके अलावा सभी बड़े नालों को पीपीपी मोड(PPP mode) के तहत कवर कराया जाएगा. इससे नगर निगम की आय भी होगी.

Jaipur drainage system,  functioning of underground drainage system
सुधरेगा ड्रेनेज सिस्टम !

पढ़ें- SPECIAL : बीकानेर में 'कगार' पर है कोरोना फाइटिंग सिस्टम...PBM अस्पताल पर लगातार बढ़ रहा दबाव, मरीज बढ़े तो चरमराएगी व्यवस्था

राजधानी के 5 से 6 फुट चौड़ाई और 6 से 7 फुट गहराई वाले छोटे नाले तकरीबन 450 किलोमीटर लंबाई वाले हैं. जबकि 14 बड़े नालों की लंबाई भी 28 से 30 किलोमीटर है. जिनमें बिना बाधा के पानी जाए तो शहर में जल जमाव की स्थिति ही ना बने. हालांकि आमजन को वर्षा से होने वाले जलभराव की समस्या से निजात के लिए 2.8 किलोमीटर लंबे पक्के कवर नाले का कार्यादेश भी बीते दिनों जारी किया गया था, जो फिलहाल कोविड की वजह से अटका हुआ है.

मानसून से पहले सभी बड़े नालों की सफाई का टारगेट

ग्रेटर नगर निगम एडिशनल कमिश्नर ब्रजेश चांदोलिया के अनुसार क्षेत्र में नालों की सफाई का काम जारी है. इस बार जोन वाइज वर्क आर्डर जारी किया गया है. टारगेट यही है कि मानसून से पहले सभी बड़े नालों की सफाई का काम पूरा हो जाए. नाले मरम्मत के प्रस्ताव भी इंजीनियरिंग विंग के माध्यम से मंगवाए जा रहे हैं.

Jaipur drainage system,  functioning of underground drainage system
फाइल

द्रव्यवती नदी की सफाई का काम अधूरा

शहर में 47 किलोमीटर लंबी द्रव्यवती नदी भी है. जिसका कुछ काम अब भी अधूरा है. द्रव्यवती की सफाई के लिए 5 एसटीपी यानी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (Sewage Treatment Plant) लगे हैं. इसके बावजूद लगातार सीवर का पानी भी इसमें जा रहा है.

Jaipur drainage system,  functioning of underground drainage system
नाला

प्रॉपर मॉनिटरिंग की जरूरत

बहरहाल करोड़ों रुपए खर्च कर नालों की सफाई की जा रही है. अब इनकी प्रॉपर मॉनिटरिंग की जरूरत है, क्योंकि जयपुर का पुराना ड्रेनेज सिस्टम विकास और अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुका है.

जयपुर. 18 नवंबर 1727 को महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने जिस जयपुर की नींव रखी थी, उसमें सड़कों पर पानी ठहरता नहीं था. इस ड्रेनेज सिस्टम का दूसरे शहर भी अध्ययन किया करते थे. अब उसी जयपुर के ड्रेनेज सिस्टम को विकास के नाम पर नेस्तनाबूद कर दिया गया. नतीजन बीते साल आई मूसलाधार बारिश में जयपुर का ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह फेल साबित हुआ. हालांकि इस बार 2 नगर निगम की सामूहिक जिम्मेदारी है.

मानसून से पहले जयपुर का ड्रेनेज सिस्टम सुधारना बड़ी चुनौती

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नालों की कर रहे सफाई

हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में आने वाले 364 और ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में आने वाले 525 नालों को चिन्हित कर सफाई की जा रही है. इसके अलावा 10 से 15 फीट गहराई वाले 14 बड़े नालों से भी मलबा बाहर निकालकर साफ किया जा रहा है. सड़क का पानी बिना बाधा के नाले में चला जाए इसके लिए नालों में पानी के प्रवेश मार्ग (शूट) भी साफ किए जा रहे हैं.

सभी वार्डों में नालों की सफाई का दावा

हेरिटेज निगम महापौर की मानें तो लगभग सभी वार्डों में नालों की सफाई हो चुकी है. सड़क और नाली मरम्मत के लिए 40 करोड़ का बजट भी जारी किया हुआ है. इसके अलावा सभी बड़े नालों को पीपीपी मोड(PPP mode) के तहत कवर कराया जाएगा. इससे नगर निगम की आय भी होगी.

Jaipur drainage system,  functioning of underground drainage system
सुधरेगा ड्रेनेज सिस्टम !

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राजधानी के 5 से 6 फुट चौड़ाई और 6 से 7 फुट गहराई वाले छोटे नाले तकरीबन 450 किलोमीटर लंबाई वाले हैं. जबकि 14 बड़े नालों की लंबाई भी 28 से 30 किलोमीटर है. जिनमें बिना बाधा के पानी जाए तो शहर में जल जमाव की स्थिति ही ना बने. हालांकि आमजन को वर्षा से होने वाले जलभराव की समस्या से निजात के लिए 2.8 किलोमीटर लंबे पक्के कवर नाले का कार्यादेश भी बीते दिनों जारी किया गया था, जो फिलहाल कोविड की वजह से अटका हुआ है.

मानसून से पहले सभी बड़े नालों की सफाई का टारगेट

ग्रेटर नगर निगम एडिशनल कमिश्नर ब्रजेश चांदोलिया के अनुसार क्षेत्र में नालों की सफाई का काम जारी है. इस बार जोन वाइज वर्क आर्डर जारी किया गया है. टारगेट यही है कि मानसून से पहले सभी बड़े नालों की सफाई का काम पूरा हो जाए. नाले मरम्मत के प्रस्ताव भी इंजीनियरिंग विंग के माध्यम से मंगवाए जा रहे हैं.

Jaipur drainage system,  functioning of underground drainage system
फाइल

द्रव्यवती नदी की सफाई का काम अधूरा

शहर में 47 किलोमीटर लंबी द्रव्यवती नदी भी है. जिसका कुछ काम अब भी अधूरा है. द्रव्यवती की सफाई के लिए 5 एसटीपी यानी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (Sewage Treatment Plant) लगे हैं. इसके बावजूद लगातार सीवर का पानी भी इसमें जा रहा है.

Jaipur drainage system,  functioning of underground drainage system
नाला

प्रॉपर मॉनिटरिंग की जरूरत

बहरहाल करोड़ों रुपए खर्च कर नालों की सफाई की जा रही है. अब इनकी प्रॉपर मॉनिटरिंग की जरूरत है, क्योंकि जयपुर का पुराना ड्रेनेज सिस्टम विकास और अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुका है.

Last Updated : May 3, 2021, 10:43 PM IST
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