जयपुर. प्रदेश में कार्यरत राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक में उच्च प्रबंधकों के किसानों को ऋण देने की एवज में जबरन बीमा करवाने के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है. बता दें कि राज्य में बैंक में कार्यरत 702 क्षेत्रीय कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों की हड़ताल चल रही है. ऐसे में भारतीय मजदूर संघ ने हड़ताल को पूर्ण समर्थन देने का निर्णय लिया है, साथ ही इस पूरे मामले में केंद्र सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया.
इसे लेकर भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष बिशनसिंह और सदस्य आरके गौतम ने प्रेसवार्ता में बताया कि बैंक प्रबंधकों की हठधर्मिता के कारण लाखों ग्राहकों के अरबो रुपयों के चेक अटके हैं और लेन-देन भी पिछले 4 अक्टूबर से ठप पड़ा है. उनका आरोप है कि व्यापारिक बैंकों की तरह ही ग्रामीण बैंक में भी किसान क्रेडिट कार्ड और कृषि ऋणों पर ब्याज दर पर प्रतिस्पर्धी निर्धारित की जाती है, जिससे बैंक का व्यवसाय बढ़ सके.
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साथ ही सिंगल विंडो ऑपरेटर को दसवें वेतन समझौते के अनुसार 1,640 रुपये प्रतिमाह भत्ता दिया जाता है. इसके अलवा उपार्जित अवकाश की अधिकतम सीमा 240 से बढ़ाकर 270 कर दी जाती है और मित्रा कमेटी की सिफारिशे संगठन से वार्ता करके ही क्रियान्वित की जाती है.
उनहोंने ये भी कहा कि पूर्वाग्रह से ग्रसित स्थानांतरण, निलंबन कारण बताओ नोटिस तुरंत वापस हो. साथ ही वेतन, भत्ते और सुविधाओं का भुगतान समय पर किया जाए और अगर उनकी इन सभी मांगो पर गौर नहीं किया गया तो भारतीय मजदूर संघ राजस्थान आंदोलन में अगली अग्रिम निर्णायक भूमिका निभाएगा.