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किसानों को ऋण देने की एवज में जबरन बीमा करवाने को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी, मजदूर संघ ने दिया समर्थन

मरुधरा ग्रामीण बैंक के उच्च प्रबंधकों के किसानों को ऋण देने की एवज में जबरन बीमा करवाने का मामला सामने आया है. किसानों के साथ इंश्योरेंस के नाम पर लूट-खसोट के खिलाफ कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है. ऐसे में भारतीय मजदूर संघ ने हड़ताल को पूर्ण समर्थन देने का निर्णय किया है.

जयपुर, Managers stealing farmers
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Published : Oct 15, 2019, 9:58 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 1:30 AM IST

जयपुर. प्रदेश में कार्यरत राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक में उच्च प्रबंधकों के किसानों को ऋण देने की एवज में जबरन बीमा करवाने के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है. बता दें कि राज्य में बैंक में कार्यरत 702 क्षेत्रीय कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों की हड़ताल चल रही है. ऐसे में भारतीय मजदूर संघ ने हड़ताल को पूर्ण समर्थन देने का निर्णय लिया है, साथ ही इस पूरे मामले में केंद्र सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया.

मरुधरा ग्रामीण बैंक के उच्च प्रबंधकों के धोखाधड़ी का हुआ पर्दाफाश

इसे लेकर भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष बिशनसिंह और सदस्य आरके गौतम ने प्रेसवार्ता में बताया कि बैंक प्रबंधकों की हठधर्मिता के कारण लाखों ग्राहकों के अरबो रुपयों के चेक अटके हैं और लेन-देन भी पिछले 4 अक्टूबर से ठप पड़ा है. उनका आरोप है कि व्यापारिक बैंकों की तरह ही ग्रामीण बैंक में भी किसान क्रेडिट कार्ड और कृषि ऋणों पर ब्याज दर पर प्रतिस्पर्धी निर्धारित की जाती है, जिससे बैंक का व्यवसाय बढ़ सके.

पढ़ें: जयपुरः मालवीय नगर में दिनदहाड़े युवक पर फायरिंग, दहशत का माहौल

साथ ही सिंगल विंडो ऑपरेटर को दसवें वेतन समझौते के अनुसार 1,640 रुपये प्रतिमाह भत्ता दिया जाता है. इसके अलवा उपार्जित अवकाश की अधिकतम सीमा 240 से बढ़ाकर 270 कर दी जाती है और मित्रा कमेटी की सिफारिशे संगठन से वार्ता करके ही क्रियान्वित की जाती है.

उनहोंने ये भी कहा कि पूर्वाग्रह से ग्रसित स्थानांतरण, निलंबन कारण बताओ नोटिस तुरंत वापस हो. साथ ही वेतन, भत्ते और सुविधाओं का भुगतान समय पर किया जाए और अगर उनकी इन सभी मांगो पर गौर नहीं किया गया तो भारतीय मजदूर संघ राजस्थान आंदोलन में अगली अग्रिम निर्णायक भूमिका निभाएगा.

जयपुर. प्रदेश में कार्यरत राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक में उच्च प्रबंधकों के किसानों को ऋण देने की एवज में जबरन बीमा करवाने के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है. बता दें कि राज्य में बैंक में कार्यरत 702 क्षेत्रीय कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों की हड़ताल चल रही है. ऐसे में भारतीय मजदूर संघ ने हड़ताल को पूर्ण समर्थन देने का निर्णय लिया है, साथ ही इस पूरे मामले में केंद्र सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया.

मरुधरा ग्रामीण बैंक के उच्च प्रबंधकों के धोखाधड़ी का हुआ पर्दाफाश

इसे लेकर भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष बिशनसिंह और सदस्य आरके गौतम ने प्रेसवार्ता में बताया कि बैंक प्रबंधकों की हठधर्मिता के कारण लाखों ग्राहकों के अरबो रुपयों के चेक अटके हैं और लेन-देन भी पिछले 4 अक्टूबर से ठप पड़ा है. उनका आरोप है कि व्यापारिक बैंकों की तरह ही ग्रामीण बैंक में भी किसान क्रेडिट कार्ड और कृषि ऋणों पर ब्याज दर पर प्रतिस्पर्धी निर्धारित की जाती है, जिससे बैंक का व्यवसाय बढ़ सके.

पढ़ें: जयपुरः मालवीय नगर में दिनदहाड़े युवक पर फायरिंग, दहशत का माहौल

साथ ही सिंगल विंडो ऑपरेटर को दसवें वेतन समझौते के अनुसार 1,640 रुपये प्रतिमाह भत्ता दिया जाता है. इसके अलवा उपार्जित अवकाश की अधिकतम सीमा 240 से बढ़ाकर 270 कर दी जाती है और मित्रा कमेटी की सिफारिशे संगठन से वार्ता करके ही क्रियान्वित की जाती है.

उनहोंने ये भी कहा कि पूर्वाग्रह से ग्रसित स्थानांतरण, निलंबन कारण बताओ नोटिस तुरंत वापस हो. साथ ही वेतन, भत्ते और सुविधाओं का भुगतान समय पर किया जाए और अगर उनकी इन सभी मांगो पर गौर नहीं किया गया तो भारतीय मजदूर संघ राजस्थान आंदोलन में अगली अग्रिम निर्णायक भूमिका निभाएगा.

Intro:
मरुधरा ग्रामीण बैंक में उच्च प्रबंधन की किसानो के साथ इंश्योरेंस के नाम पर लूट खसोट के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है. ऐसे में भारतीय मजदूर संघ ने हड़ताल को पूर्ण समर्थन देने का निर्णय किया है. जिसको लेकर पदाधिकारियों ने प्रेसवार्ता कर सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने का अनुरोध भी किया.


Body:जयपुर : प्रदेश में कार्यरत राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक में उच्च प्रबंधन के किसानों को ऋण देने की एवज में जबरन बीमा करने के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल लगातार जारी है. राज्य में कार्यरत 702 के शाखाओं क्षेत्रीय कार्यालय में अधिकारियों व कर्मचारियों की ये हड़ताल चल रही है. ऐसे में भारतीय मजदूर संघ ने हड़ताल को पूर्ण समर्थन देने का निर्णय किया है. साथ ही केंद्र सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने का अनुरोध भी किया.

जिसको लेकर भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष बिशनसिंह व सदस्य आरके गौतम ने प्रेसवार्ता में बताया, की बैंक प्रबंधन की हठधर्मिता के कारण लाखो ग्राहकों के अरबो रुपयों के चैक अटके है. तो लेन देन भी पिछले 4 अक्टूबर से ठप पड़ा है. उनकी मांग है, कि व्यापारिक बैंकों की तरह ही ग्रामीण बैंक में भी किसान क्रेडिट कार्ड व कृषि ऋणों पर ब्याज दर पर प्रतिस्पर्धी निर्धारित की जावे जिससे बैंक का व्यवसाय बढ़ सके. साथ ही सिंगल विंडो ऑपरेटर को दसवें वेतन समझौते के अनुसार 1640 रुपये प्रतिमाह भत्ता दिया जावे. उपार्जित अवकाश की अधिकतम सीमा 240 से बढ़ाकर 270 की जावे और मित्रा कमेटी की सिफारिशें संगठन से वार्ता करके ही क्रियान्वित की जावे.

इसके अलावा हड़ताल के दौरान पूर्वाग्रह से ग्रसित स्थानांतरण, निलंबन कारण बताओ नोटिस को तुरंत वापस हो. साथ ही वेतन, भत्ते और सुविधाओं का भुगतान समय पर किया जाए. यदि इन सभी मांगो पर गौर नहीं किया जाएगा. तो भारतीय मजदूर संघ राजस्थान आंदोलन में अगली अग्रिम निर्णायक भूमिका निभाएगा.

बाइट- आरके गौतम, सदस्य, भारतीय मजदूर संघ, राजस्थान




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Last Updated : Oct 16, 2019, 1:30 AM IST
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