जयपुर.अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-3 जयपुर महानगर द्वितीय ने नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन बेचने वाले आरोपी शंकर दयाल सैनी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा है कि आरोपी पर गंभीर आरोप है और पुलिस का अनुसंधान लंबित है. ऐसे में आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.
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जमानत अर्जी में कहा गया कि उसे प्रकरण में फंसाया गया है. इसके अलावा उससे न तो कोई पूछताछ होनी है और ना ही कोई बरामदगी शेष है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए. जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि आरोपी ने अन्य साथियों के साथ मिलकर बिना रेमडेसिवीर साल्ट वाले इंजेक्शन बेचकर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया है.
आरोपी इस नकली इंजेक्शन के पन्द्रह हजार रुपए तक वसूल करता था. प्रकरण में पुलिस का अनुसंधान जारी है. ऐसे में यदि आरोपी को जमानत दी गई तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है.
मामले में कोतवाली थाना पुलिस ने डिस्ट्रीब्यूटर राम अवतार यादव को इंजेक्शन बेचते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. जिसने बताया कि उसने शंकर और विक्रम सिंह से इंजेक्शन लिए थे. जबकि शंकर और विक्रम ने डॉ. जितेश अरोड़ा से यह इंजेक्शन खरीदे थे.