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ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक विवादः सोमवार को खुद दौरा करेंगे खाचरियावास, कहा- ट्रायल फेल होने पर नहीं ली जाएगी फीस

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Published : Dec 25, 2020, 7:35 AM IST

परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, सोमवार को ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक का दौरा करेंगे. परिवहन मंत्री ने ट्रैक का विरोध कर रहे जनमोर्चा के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि ट्रायल फेल होने पर किसी तरह की कोई फीस नहीं ली जाएगी, साथ ही लाइसेंस के नियमों को भी सरलीकरण किया जाएगा.

Automatic driving track dispute, ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक विवाद
ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक विवाद पर खाचरियावास ने की बात

जयपुर. परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, सोमवार को ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक का दौरा करेंगे. परिवहन मंत्री ने ट्रैक का विरोध कर रहे जनमोर्चा के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि ट्रायल फेल होने पर किसी तरह की कोई फीस नहीं ली जाएगी, साथ ही लाइसेंस के नियमों को भी सरलीकरण किया जाएगा.

ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक विवाद पर खाचरियावास ने की बात

दरअसल, ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक को प्राइवेट कंपनी द्वारा कराए जाने और ड्राइविंग लाइसेंस ट्रायल में फेल होने पर फीस लेने के विरोध को लेकर जनमोर्चा विकास समिति जयपुर शहर के पदाधिकारियों की तरफ से विरोध किया जा रहा था. पदाधिकारियों की नाराजगी थी कि जगतपुरा जयपुर में ड्राइविंग लाइसेंस का ट्रायल परिवहन निरीक्षक के द्वारा नहीं हो रहा है, यह ट्रायल निजी कंपनी द्वारा लिया जा रहा है, जिसमें ₹235 अलग से शुल्क लिया जा रहा है. कोरोना काल में आम जनता की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है. भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है.

यह भी पढ़ेंः जाटों को आरक्षण मामले पर सरकार चिट्ठी लिखने को हुई तैयार, समाज महापड़ाव को लेकर 25 दिसंबर को करेगा अंतिम फैसला

पदाधिकारियों का कहना था कि सरकारी कार्यालय में निजी कंपनी का दखल भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगा. वैसे भी मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस की ट्रायल परिवहन निरीक्षक के द्वारा ही लिया जाता है, लेकिन उसके बावजूद भी वहां पर एक निजी कंपनी द्वारा ट्रायल लिया जा रहा है.

वहीं, इसका विरोध बढ़ता देख परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने जनमोर्चा विकास समिति के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए सचिवालय बुलाया. करीब आधे घंटे की वार्ता के बाद परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने जनमोर्चा के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि लाइसेंस नियमों में सरलीकरण किया जाएगा. लाइसेंस ट्रायल में फेल होने पर कोई फीस नहीं ली जाएगी. पुराने नियमों के अनुसार ही काम होगा. कोई प्राइवेट कंपनी की मनमानी नहीं चलेगी.

यह भी पढ़ेंः धौलपुर: डकैत लादेन का वीडियो वायरल, कहा- लादेन का एनकाउंटर छोटी मोटी चीज नहीं, मर भी गया तो हजार साल चलेगा बैर

परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने यह स्पष्ट किया कि वह सोमवार को जगतपुरा स्थित ऑटोमेटिक ड्राइविंग का दौरा करेंगे और वस्तु स्थिति का जायजा लेंगे. उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को लाइसेंस बनाने में दिक्कत नहीं आए, इसको लेकर नियमों में संशोधन का निर्णय लिया जा सकता है. किसी भी तरह की कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और ना ही भ्रष्टाचार होने दिया जाएगा. मंत्री ने कहा कि जनमोर्चा विकास समिति के पदाधिकारियों को भी इस बात को लेकर आश्वस्त कर दिया है कि वह आम जनता को कोरोना काल में किसी तरह से कोई आर्थिक नुकसान नहीं होने देंगे.

यह भी पढ़ेंः Exclusive: घुमंतु अर्ध घुमंतू जाति के उत्थान के लिए राजनीति में भागीदारी जरूरी: रतन नाथ कालबेलिया

बता दें, पूर्वर्ती वसुंधरा सरकार के समय ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक का काम शुरू किया गया था, लेकिन प्रदेश की गहलोत सरकार बनने के साथ ही इस ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक को बंद कर दिया गया था, लेकिन 2 साल बाद सरकार अब इस ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक को फिर से शुरू कर रही है. यह ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक एक निजी कंपनी द्वारा संचालित किया जाएगा, जिस का विरोध जनमोर्चा विकास समिति द्वारा किया जा रहा है.

जयपुर. परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, सोमवार को ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक का दौरा करेंगे. परिवहन मंत्री ने ट्रैक का विरोध कर रहे जनमोर्चा के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि ट्रायल फेल होने पर किसी तरह की कोई फीस नहीं ली जाएगी, साथ ही लाइसेंस के नियमों को भी सरलीकरण किया जाएगा.

ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक विवाद पर खाचरियावास ने की बात

दरअसल, ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक को प्राइवेट कंपनी द्वारा कराए जाने और ड्राइविंग लाइसेंस ट्रायल में फेल होने पर फीस लेने के विरोध को लेकर जनमोर्चा विकास समिति जयपुर शहर के पदाधिकारियों की तरफ से विरोध किया जा रहा था. पदाधिकारियों की नाराजगी थी कि जगतपुरा जयपुर में ड्राइविंग लाइसेंस का ट्रायल परिवहन निरीक्षक के द्वारा नहीं हो रहा है, यह ट्रायल निजी कंपनी द्वारा लिया जा रहा है, जिसमें ₹235 अलग से शुल्क लिया जा रहा है. कोरोना काल में आम जनता की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है. भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है.

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पदाधिकारियों का कहना था कि सरकारी कार्यालय में निजी कंपनी का दखल भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगा. वैसे भी मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस की ट्रायल परिवहन निरीक्षक के द्वारा ही लिया जाता है, लेकिन उसके बावजूद भी वहां पर एक निजी कंपनी द्वारा ट्रायल लिया जा रहा है.

वहीं, इसका विरोध बढ़ता देख परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने जनमोर्चा विकास समिति के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए सचिवालय बुलाया. करीब आधे घंटे की वार्ता के बाद परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने जनमोर्चा के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि लाइसेंस नियमों में सरलीकरण किया जाएगा. लाइसेंस ट्रायल में फेल होने पर कोई फीस नहीं ली जाएगी. पुराने नियमों के अनुसार ही काम होगा. कोई प्राइवेट कंपनी की मनमानी नहीं चलेगी.

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परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने यह स्पष्ट किया कि वह सोमवार को जगतपुरा स्थित ऑटोमेटिक ड्राइविंग का दौरा करेंगे और वस्तु स्थिति का जायजा लेंगे. उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को लाइसेंस बनाने में दिक्कत नहीं आए, इसको लेकर नियमों में संशोधन का निर्णय लिया जा सकता है. किसी भी तरह की कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और ना ही भ्रष्टाचार होने दिया जाएगा. मंत्री ने कहा कि जनमोर्चा विकास समिति के पदाधिकारियों को भी इस बात को लेकर आश्वस्त कर दिया है कि वह आम जनता को कोरोना काल में किसी तरह से कोई आर्थिक नुकसान नहीं होने देंगे.

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बता दें, पूर्वर्ती वसुंधरा सरकार के समय ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक का काम शुरू किया गया था, लेकिन प्रदेश की गहलोत सरकार बनने के साथ ही इस ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक को बंद कर दिया गया था, लेकिन 2 साल बाद सरकार अब इस ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक को फिर से शुरू कर रही है. यह ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक एक निजी कंपनी द्वारा संचालित किया जाएगा, जिस का विरोध जनमोर्चा विकास समिति द्वारा किया जा रहा है.

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