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स्पेशल: जयपुर मेट्रो को घाटे से उबारने में विफल रहे तमाम प्रयास, अब शुरु किया ये कॉन्सेप्ट

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Published : Feb 2, 2020, 8:58 PM IST

जयपुर मेट्रो जब से चालू हुई है, तब से घाटे में चल रही है. इसको घाटे से उबारने के लिए मेट्रो प्रशासन अबतक कई प्रयोग कर चुका है, जिनमें कॉस्ट कटिंग, फ्री-स्पेस को लीज पर देना शामिल है. लेकिन, फर्क ना पड़ने पर अब प्रशासन की ओर से फेयर बॉक्स बढ़ाने के लिए रिटेल स्टोर्स, विज्ञापन और मेट्रो में समारोह की बुकिंग का कॉन्सेप्ट शुरू किया गया है.

जयपुर न्यूज, jaipur news
घाटे से उबरने के लिये मेट्रो प्रशासन अपना रहा तमाम हथकंडे

जयपुर. घाटे में चल रही जयपुर मेट्रो के राजस्व में बढ़ाने के लिए मेट्रो प्रशासन ने कई प्रयोग किए हैं. जहां एक अल्पकालिक लाइसेंस नीति जारी कर जयपुर मेट्रो ट्रेन में जन्मदिन और अन्य समारोह के लिए देना शुरू किया. वहीं खाली पड़ी जगहों पर रिटेल स्पेस को 10 साल के लिए लीज पर दिया जा रहा है. साथ ही विज्ञापन के लिए जगह उपलब्ध कराई जा रही है.

घाटे से उबरने के लिये मेट्रो प्रशासन अपना रहा तमाम हथकंडे

कॉस्ट कटिंग कर की घाटे में कमी

कॉस्ट कटिंग कर 31 करोड़ के घाटे को 25 करोड़ करने में कामयाब हुई जयपुर मेट्रो, अब 3 साल का लक्ष्य लेकर नो प्रॉफिट नो लॉस की स्थिति में आने की तैयारी कर रही है. जयपुर मेट्रो की ओर से तमाम मेट्रो स्टेशन पर खाली स्थान को लीज पर देने के लिए निविदा आमंत्रित की गई है.

रिटेल स्पेस को दिया लीज पर

जयपुर के वर्तमान 9 मेट्रो स्टेशन पर करीब 8 हजार 598 स्क्वायर मीटर जगह खाली थी, जहां 57 रिटेल स्पेस उपलब्ध कराए गए. जिनमें 53 छोटे और चार बड़े रिटेल स्पेस है. शुरुआत में ये रिटेल स्पेस 7 साल के लिए लीज पर देने का प्रस्ताव था, जिसे 10 साल तक बढ़ाया गया. यही नहीं अल्पकालिक लाइसेंस नीति जारी कर जयपुर मेट्रो ट्रेन में जन्मदिन और अन्य समारोह के लिये देना शुरू किया.

पढ़ेंः अजमेरः कोरोना वायरस के संदिग्ध पाए गए पति-पत्नी, हनीमून मनाने गए थे चाइना

खोले जा सकते हैं बड़े शोरूम

मेट्रो एमडी मुकेश सिंघल ने बताया कि शॉप्स, कियोस्क, कैफे, एटीएम के लिए करीब 53 छोटे रिटेल स्पेस मेट्रो स्टेशंस पर मौजूद है. ये रिटेल स्पेस तकरीबन 3 हजार 343 स्क्वायर मीटर के हैं. इसके अलावा 5 हजार 255 स्क्वायर मीटर के 4 बड़ी जगह रामनगर, सिविल लाइंस और रेलवे स्टेशन मेट्रो स्टेशन पर मौजूद है.जहां बैंक, बिग बाजार और बड़े शोरूम खोले जा सकते हैं. इनसे करीब साढ़े 7 करोड़ रुपए मेट्रो रेल कॉरपोरेशन कमायेगा. साथ ही विज्ञापन के लिए जगह उपलब्ध कराई जा रही है.

पढ़ें- बाड़मेरः चौहटन के गांवो में टिड्डी अटैक, लहलहाते खेतों को खाली मैदान में किया तब्दील

फिलहाल, 4 बोगी वाली जयपुर मेट्रो 170 चक्कर लगा रही है, जिसकी कैपेसिटी 1 लाख 20 हजार राइडर की है. लेकिन, वर्तमान में महज 20 से 25 हजार राइडरशिप है. जिसके चलते मेट्रो फिलहाल घाटे में चल रही है. ऐसे में अब फेयर बॉक्स बढ़ाने के लिए रिटेल स्टोर्स, विज्ञापन और मेट्रो में समारोह की बुकिंग का कंसेप्ट शुरू किया गया है.

जयपुर. घाटे में चल रही जयपुर मेट्रो के राजस्व में बढ़ाने के लिए मेट्रो प्रशासन ने कई प्रयोग किए हैं. जहां एक अल्पकालिक लाइसेंस नीति जारी कर जयपुर मेट्रो ट्रेन में जन्मदिन और अन्य समारोह के लिए देना शुरू किया. वहीं खाली पड़ी जगहों पर रिटेल स्पेस को 10 साल के लिए लीज पर दिया जा रहा है. साथ ही विज्ञापन के लिए जगह उपलब्ध कराई जा रही है.

घाटे से उबरने के लिये मेट्रो प्रशासन अपना रहा तमाम हथकंडे

कॉस्ट कटिंग कर की घाटे में कमी

कॉस्ट कटिंग कर 31 करोड़ के घाटे को 25 करोड़ करने में कामयाब हुई जयपुर मेट्रो, अब 3 साल का लक्ष्य लेकर नो प्रॉफिट नो लॉस की स्थिति में आने की तैयारी कर रही है. जयपुर मेट्रो की ओर से तमाम मेट्रो स्टेशन पर खाली स्थान को लीज पर देने के लिए निविदा आमंत्रित की गई है.

रिटेल स्पेस को दिया लीज पर

जयपुर के वर्तमान 9 मेट्रो स्टेशन पर करीब 8 हजार 598 स्क्वायर मीटर जगह खाली थी, जहां 57 रिटेल स्पेस उपलब्ध कराए गए. जिनमें 53 छोटे और चार बड़े रिटेल स्पेस है. शुरुआत में ये रिटेल स्पेस 7 साल के लिए लीज पर देने का प्रस्ताव था, जिसे 10 साल तक बढ़ाया गया. यही नहीं अल्पकालिक लाइसेंस नीति जारी कर जयपुर मेट्रो ट्रेन में जन्मदिन और अन्य समारोह के लिये देना शुरू किया.

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खोले जा सकते हैं बड़े शोरूम

मेट्रो एमडी मुकेश सिंघल ने बताया कि शॉप्स, कियोस्क, कैफे, एटीएम के लिए करीब 53 छोटे रिटेल स्पेस मेट्रो स्टेशंस पर मौजूद है. ये रिटेल स्पेस तकरीबन 3 हजार 343 स्क्वायर मीटर के हैं. इसके अलावा 5 हजार 255 स्क्वायर मीटर के 4 बड़ी जगह रामनगर, सिविल लाइंस और रेलवे स्टेशन मेट्रो स्टेशन पर मौजूद है.जहां बैंक, बिग बाजार और बड़े शोरूम खोले जा सकते हैं. इनसे करीब साढ़े 7 करोड़ रुपए मेट्रो रेल कॉरपोरेशन कमायेगा. साथ ही विज्ञापन के लिए जगह उपलब्ध कराई जा रही है.

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फिलहाल, 4 बोगी वाली जयपुर मेट्रो 170 चक्कर लगा रही है, जिसकी कैपेसिटी 1 लाख 20 हजार राइडर की है. लेकिन, वर्तमान में महज 20 से 25 हजार राइडरशिप है. जिसके चलते मेट्रो फिलहाल घाटे में चल रही है. ऐसे में अब फेयर बॉक्स बढ़ाने के लिए रिटेल स्टोर्स, विज्ञापन और मेट्रो में समारोह की बुकिंग का कंसेप्ट शुरू किया गया है.

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जयपुर - घाटे में चल रही जयपुर मेट्रो के राजस्व में बढ़ाने के लिए मेट्रो प्रशासन ने कई प्रयोग किए हैं। जहां एक अल्पकालिक लाइसेंस नीति जारी कर जयपुर मेट्रो ट्रेन में जन्मदिन और अन्य समारोह के लिये देना शुरू किया। वहीं खाली पड़ी जगहों पर रिटेल स्पेस को 10 साल के लिए लीज पर दिया जा रहा है। साथ ही विज्ञापन के लिए जगह उपलब्ध कराई जा रही है।


Body:कॉस्ट कटिंग कर 31 करोड़ के घाटे को 25 करोड़ करने में कामयाब हुई जयपुर मेट्रो, अब 3 साल का लक्ष्य लेकर नो प्रॉफिट नो लॉस की स्थिति में आने की तैयारी कर रही है। जयपुर मेट्रो की ओर से तमाम मेट्रो स्टेशन पर खाली स्थान को लीज पर देने के लिए निविदा आमंत्रित की गई। जयपुर के वर्तमान 9 मेट्रो स्टेशन पर करीब 8 हज़ार 598 स्क्वायर मीटर जगह खाली थी। जहां 57 रिटेल स्पेस उपलब्ध कराए गये। जिनमें 53 छोटे और चार बड़े रिटेल स्पेस है। शुरुआत में ये रिटेल स्पेस 7 साल के लिए लीज पर देने का प्रस्ताव था। जिसे 10 साल तक बढ़ाया गया।यही नहीं अल्पकालिक लाइसेंस नीति जारी कर जयपुर मेट्रो ट्रेन में जन्मदिन और अन्य समारोह के लिये देना शुरू किया। मेट्रो एमडी मुकेश सिंघल ने बताया कि शॉप्स, कियोस्क, कैफे, एटीएम के लिए करीब 53 छोटे रिटेल स्पेस मेट्रो स्टेशंस पर मौजूद है। ये रिटेल स्पेस तकरीबन 3 हज़ार 343 स्क्वायर मीटर के हैं। इसके अलावा 5 हज़ार 255 स्क्वायर मीटर के 4 बड़ी जगह रामनगर, सिविल लाइंस और रेलवे स्टेशन मेट्रो स्टेशन पर मौजूद है। जहां बैंक, बिग बाजार और बड़े शोरूम खोले जा सकते हैं। इनसे करीब साढ़े 7 करोड़ रुपए मेट्रो रेल कॉरपोरेशन कमायेगा। साथ ही विज्ञापन के लिए जगह उपलब्ध कराई जा रही है।
बाईट - मुकेश सिंघल, मेट्रो एमडी


Conclusion:फिलहाल, चार बोगी वाली जयपुर मेट्रो 170 चक्कर लगा रही है। जिसकी कैपेसिटी 1 लाख 20 हज़ार राइडर की है। लेकिन वर्तमान में महज 20 से 25 हज़ार राइडरशिप है। जिसके चलते मेट्रो फिलहाल घाटे में चल रही है। ऐसे में अब फेयर बॉक्स बढ़ाने के लिए रिटेल स्टोर्स, विज्ञापन और मेट्रो में समारोह की बुकिंग का कंसेप्ट शुरू किया गया है।
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