जयपुर. असम के विधानसभा उपाध्यक्ष नुमाल मोमिन जयपुर में आयोजित हो रही भारतीय युवा संसद के दूसरे दिन युवाओं को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि युवा पॉलिटिक्स को गंदा समझते हैं, लेकिन इस गंदगी को दूर करने के लिए उन्हें राजनीति में उतरना होगा. युवाओं से बात करने पहुंचे मोमिन ने कहा कि बाहर से बहुत सी चीज गंदी लगती है, लेकिन राजनीति में आकर ही उन समस्याओं का समाधान किया जा सकता है. इस दौरान उन्होंने असम में लागू किए गए कैटल बिल के बारे में भी जानकारी दी.
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लोकतंत्र में युवाओं की भागीदारी किस तरह की हो इस पर बोलते हुए असम के विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि भारत में 25 से कम उम्र के 50 फीसदी युवा हैं. ऐसी स्थिति में लोकतंत्र में उनकी भागीदारी भी होनी चाहिए और यदि युवा राजनीति में आएंगे, तो वो और लंबी बेहतर सर्विस दे सकते हैं. देश को आगे बढ़ाने में युवा ही सक्षम है. ऐसे में उन्होंने भारत के युवाओं से अपील की कि वो राजनीति में आए और बाहर से जो चीज खराब दिख रही हैं, उनको ढूंढकर साफ सुथरा करें. राजनीति में युवा जुड़ेंगे तो वो समस्याओं का समाधान भी खोजेंगे.
मोमिन ने कहा कि युवाओं का मानना है कि कोई भी राजनीतिक दल सत्ता में आते ही बेरोजगारी को दूर कर सकता है. जो सरकार कर नहीं पाती. ऐसे में युवा इन्हें झूठा वादा समझने लगते हैं. युवाओं को जब वादे पूरे होते हुए नहीं दिखते हैं, तो वो इसे राजनीति का गंदा हिस्सा समझने लगते हैं, लेकिन ये प्रैक्टिकल है कि नौकरी देकर बेरोजगारी दूर नहीं की जा सकती. मोदी सरकार ने स्किल इंडिया का बड़ा प्रोग्राम लॉन्च किया है. जब लोग अपने स्किल डेवलप करेंगे, तो स्वरोजगार की ओर आगे बढ़ेंगे.
वहीं, हाल ही में असम विधानसभा में पास हुए नए मवेशी बिल को लेकर उन्होंने बताया कि मवेशियों के वध, उपभोग और परिवहन को विनियमित करने के लिए असम मवेशी संरक्षण बिल लाया गया. इसके तहत अब हिंदू, सिख और जैन बहुल इलाकों और धार्मिक स्थलों के 5 किलोमीटर के दायरे में गौ मांस बेचने और पशुओं के वध पर प्रतिबंध लगाया गया है. उन्होंने बताया कि इस कानून का उद्देश्य ये सुनिश्चित करना है कि उन क्षेत्रों में बीफ की बिक्री की अनुमति नहीं दी जाए, जहां बीफ नहीं खाने वाले समुदाय रहते हैं. उन्होंने अपेक्षा जताई कि दूसरे राज्य भी इस बिल को फॉलो करें.
असम में कोरोना संक्रमितों की संख्या पर बोलते हुए विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि पहले जो संक्रमण का आंकड़ा 9.6 फीसदी तक था वो गिर कर 0.3 फीसदी तक आ गया है. पहले की परिस्थितियों में बहुत हद तक सुधार हुआ है. कोविड-19 आईसीयू में मरीजों की संख्या भी बहुत कम हो गई है. यही स्थिति क्वारंटाइन सेंटर की है. उन्होंने दूसरे राज्य केरल से तुलना करते हुए असम की स्थिति बहुत अच्छी बताई. साथ ही कहा कि कोशिश यही है कि असम में कोरोना का एक भी मरीज ना हो. इस दौरान उन्होंने असम सरकार के काम की भी तारीफ की.