जयपुर. मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार पर छाए संकट और कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया है. गहलोत ने अपने ट्वीट में सिंधिया को अवसरवादी नेता करार दिया है. साथ ही उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि सिंधिया ने अपने फायदे के लिए लोगों के विश्वास और विचारधारा के साथ विश्वासघात किया है.
मध्यप्रदेश के कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी के साथ हाथ मिलाने पर पूरे देश की राजनीति में भूचाल आ गया है. मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार गिरने की स्थिति में आ गई है. वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी के साथ हाथ मिलाने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए सिंधिया पर तीखा हमला बोला है.
-
Joining hands with BJP in a time of national crisis speaks volumes about a leaders self-indulgent political ambitions. Especially when the BJP ruining the economy, democratic institutions, social fabric and as well the Judiciary.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 10, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
1/2
">Joining hands with BJP in a time of national crisis speaks volumes about a leaders self-indulgent political ambitions. Especially when the BJP ruining the economy, democratic institutions, social fabric and as well the Judiciary.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 10, 2020
1/2Joining hands with BJP in a time of national crisis speaks volumes about a leaders self-indulgent political ambitions. Especially when the BJP ruining the economy, democratic institutions, social fabric and as well the Judiciary.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 10, 2020
1/2
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सिंधिया को लेकर किया ट्वीट कर कहा कि राष्ट्रीय संकट के समय में बीजेपी के साथ हाथ मिलाने से नेताओं की स्वराजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के बारे में बात की जाती है. खासकर जब भाजपा अर्थव्यवस्था, लोकतांत्रिक संस्थानों, सामाजिक ताने- बाने और साथ ही न्याय पालिका को बर्बाद कर रही हो. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोगों के विश्वास के साथ-साथ विचारधारा के साथ विश्वासघात किया है. ऐसे लोग साबित करते हैं कि वे शक्ति के बिना कामयाब नहीं हो सकते. जल्द ही बेहतर के लिए छोड़ देते हैं.
-
Mr Scindia has betrayed the trust of the people as well as the ideology. Such people proves they can’t thrive without power. Sooner they leave the better.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 10, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
2/2
">Mr Scindia has betrayed the trust of the people as well as the ideology. Such people proves they can’t thrive without power. Sooner they leave the better.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 10, 2020
2/2Mr Scindia has betrayed the trust of the people as well as the ideology. Such people proves they can’t thrive without power. Sooner they leave the better.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 10, 2020
2/2
पढ़ें- राजस्थान में नहीं MP जैसी स्थिति, लेकिन कांग्रेस को इन 3 बातों का रखना होगा ध्यान
बता दें कि मध्य प्रदेश के राजपरिवार से आने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी ही पार्टी को बड़ा झटका दिया. मुख्यमंत्री कमलनाथ से नाराज चल रहे सिंधिया ने मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. सिंधिया ने खुद ट्वीट कर अपनी इस्तीफे की जानकारी दी. सिंधिया के इस्तीफे के बाद उनके खेमे के 21 विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया. इसके बाद से ही देशभर में राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है. जानकारी के मुताबिक ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी के साथ हाथ मिला रहे हैं.
- — Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) March 10, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) March 10, 2020
">— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) March 10, 2020
बीजेपी में शामिल हो सकते हैं सिंधिया
मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर संकट गहराता जा रहा है, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है, सिंधिया समर्थक करीब 14 से ज्यादा विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया है, आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ सिंधिया पीएम मोदी से उनके आवास पर जाकर मिले थे, करीब 1 घंटे तक बैठक चली थी, कांग्रेस में अपनी अनदेखी के कारण सिंधिया पिछले कई महीनों से नाराज चल रहे थे. सिंधिया मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनना चाहते थे वह उनको नहीं बनाया गया, प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते थे वह भी उनको नहीं बनाया, मध्य प्रदेश से कांग्रेस कोटे से राज्यसभा जाना चाहते थे वह भी उनको नहीं भेजा जा रहा था, करीब 45 दिनों से सिंधिया बीजेपी के संपर्क में थे.