जयपुर. बैंकों के निजीकरण के विरोध में (Bank Strike Against Privatization ) बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों की ओर से 2 दिन की देशव्यापी हड़ताल की जा रही है. ऐसे में आज दूसरे दिन भी बैंक बंद रहेंगे. 2 दिन की हड़ताल में प्रदेश में करीब 20 हजार करोड़ का लेनदेन (Approx 20 Thousand Crore Transaction Affected ) प्रभावित हुआ है.
केंद्र सरकार की ओर से संसद के वर्तमान सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक (Banking Law Amendment Bill) लाए जाने के विरोध में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने 2 दिन देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है. हड़ताल के पहले दिन सहायक महाप्रबंधक से लेकर सफाई कर्मचारी तक शामिल रहे. ऐसे में बैंक से जुड़ी अलग-अलग यूनियंस ने इस हड़ताल को समर्थन दिया है. जिसमें यूएफबीयू से जुड़े संगठन एआईबीए, इनबॉक, एआईबीओए, एनसीबीई, बैफी तथा इनबॉक शामिल है.
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बैंक यूनियंस का कहना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक जिनमें 157 लाख करोड़ रुपए आम जनता का जमा है उसका कस्टोडियन कौन होगा क्योंकि पूर्व में भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से बड़े कॉरपोरेट्स ने करोड़ों रुपए उधार लिया जिसे आज तक नहीं चुकाया. बैंक यूनियंस का कहना है कि बैंकों की ओर से वितरित की जाने वाली पेंशन और छोटे बचत वाले खाते निजीकरण के बाद जारी नहीं रह सकेंगे.
बता दें, हड़ताल से राजस्थान में करीब 20 हजार करोड़ का कारोबार (Day 2 of Bank Strike In Rajasthan) बाधित रहा और 4000 शाखाओं में कार्यरत सहायक महाप्रबंधक से लेकर सफाई कर्मचारी तक हड़ताल पर रहे. सार्वजनिक क्षेत्र के 6650 एटीएम में से जो खाली (Empty ATM Due To Bank Strike) हो गए, उनमें कैश दोबारा नहीं डाला जा सका.