जयपुर. सावन के आखिरी सोमवार और रक्षाबंधन त्योहार का इस बार दुर्लभ संयोग है. श्रावण मास में पांच सोमवार पड़े हैं. सावन का पहला सोमवार 6 जुलाई को तो वहीं अंतिम सोमवार 3 अगस्त को 7 शुभ संयोग बन रहे हैं. कहते हैं कि इस दिन उपवास रखने से भोलेनाथ की आराधना का फल दोगुना मिलता है.
ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि सावन के आखिरी 5वें सोमवारी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती धरती का भ्रमण करने के साथ अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हुए आशीर्वाद देते हैं. सावन के अंतिम सोमवार पूर्णिमा के दिन है. ऐसे में चंद्रमा को पूर्णिमा का देवता माना जाता है और सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. इसलिए यह पूर्णिमा और सोमवार का अद्भुत संयोग है. साथ ही इस दिन रक्षाबंधन का त्योहार आना एक दुर्लभ संयोग है. इस दिन व्रत रखने रक्षाबंधन मनाने का कहीं गुना लाभ मिलेगा.
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सावन के अंतिम सोमवार को रुद्राभिषेक, रुद्राष्टक और लिंगाष्टक का पाठ करना बहुत फलदायी माना जाता है. इस दिन भोलेनाथ का अभिषेक करने के बाद दान-पुण्य का भी महत्व मिलता है. वहीं भोलेनाथ की आराधना में लीन भक्तों को भगवान शिव के पंचमुख के अवतार की कथा पढ़ने और सुनने का भी अलग महत्व रहेगा. क्योंकि 5 सोमवार को भोलेनाथ के 5 मुख का प्रतीक माना जाता है.
इस दिन चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे. इस दिन प्रीति योग बनेगा जो सुबह 6.40 बजे तक रहेगा और उसके बाद आयुष्मान योग प्रांरभ हो जायेगा. इसके अलावा अंतिम सोमवार के दिन पितृ-तर्पण व ऋषि पूजन करने से जीवन में संकटकाल खत्म हो जाते है. सावन के अंतिम दिन बेलपत्र, दूध और जलाभिषेक से भगवान भोलेनाथ की पूजा करें.