जयपुर. नीट काउंसलिंग में हो रही देरी (Delay In Neet PG Counseling) के कारण प्रदेशभर के रेजिडेंट (Resident Doctors Strike in Rajasthan) चिकित्सक सोमवार रात 8 बजे से संपूर्ण कार्य बहिष्कार कर रहे हैं. चिकित्सकों का कहना है कि उनकी आठ सूत्री मांगें हैं जिन्हें लेकर वे आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में हड़ताल को देखते हुए अस्पतालों में वैकल्पिक व्यवस्था की गई (Alternative arrangements in hospitals) और अतिरिक्त चिकित्सक लगाए गए हैं.
मामले को लेकर सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी ने कहा कि रेजिडेंट चिकित्सकों की हड़ताल को देखते हुए अस्पतालों में सीनियर रेजिडेंट और सीनियर डॉक्टर्स को लगाया गया हैं, जिससे अस्पताल में आने वाले मरीजों को परेशानी न हो हालांकि, हड़ताल को देखते हुए आम दिनों की तुलना में अस्पताल में आज भीड़ कम नजर आई. आमतौर पर हर दिन 10 से 11 हजार मरीजों की ओपीडी होती है तो वहीं आज इनकी संख्या 7 से 8 हजार रही.
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डॉ. भंडारी ने कहा कि हम लगातार रेजिडेंट चिकित्सकों से संपर्क बनाए हुए हैं. दावा किया जा रहा है कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज में तकरीबन 2000 रेजिडेंट चिकित्सक हैं, लेकिन इमरजेंसी से जुड़ी सेवाओं को प्रभावित नहीं होने दिया गया है.
दरअसल, बीते आठ दिनों से रेजिडेंट चिकित्सक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. चिकित्सकों की मांग है कि नीट पीजी काउंसलिंग जल्द से जल्द शुरू की जाए, हालांकि काउंसलिंग से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, लेकिन रेजिडेंट चिकित्सकों का कहना है कि सरकार मामले में हस्तक्षेप करे. अपनी इन्हीं मांगों को लेकर रेजिडेंट चिकित्सक लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.
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ऐसे में रेजिडेंट चिकित्सक सोमवार रात 8 बजे से पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार पर चले गए. इसमें आईसीयू और आपातकालीन सेवाएं भी शामिल हैं. रेजिडेंट चिकित्सकों की आठ सूत्रीय मांगे हैं जिनमें नीट पीजी काउंसलिंग शुरू करवाने के अलावा, शैक्षणिक गतिविधियों में आ रही परेशानी, रेजिडेंट्स की पीजी पूर्ण होने के बाद कई महीनों तक वेतन संबंधी समस्याएं और मेडिकल कॉलेजों में प्री-पैराक्लिनिकल विषय में सीनियर रेजिडेंट की सीटें नहीं होने की मांग की जा रही है.
हालांकि मामले को लेकर हाल ही में प्रदेश के चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर काउंसलिंग मामले में आवश्यक कार्यवाही करने का आग्रह भी किया था. इसी दौरान 1054 जूनियर रेजिडेंट के अस्थाई पद भी स्वीकृत किए गए थे.