जयपुर. कोविड-19 संक्रमण (covid-19 infection) के बीच देश में जीका वायरस (Zika virus) ने भी दस्तक दे दी है. जहां केरल (Kerala) में जीका वायरस के मामले देखने को मिले थे. जिसके बाद राजस्थान (Rajasthan) में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है. बता दें कि करीब 3 साल पहले राजस्थान में बड़ी संख्या में जीका वायरस (Zika virus) से संक्रमित मरीज देखने को मिले थे और उस दौरान पूरे चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया था. यहां तक की अमेरिका की ओर से एक ट्रैवल एडवाइजरी (travel advisory) भी राजस्थान को लेकर जारी कर दी गई थी.
मच्छर जनित रोग कि फिलहाल न तो कोई दवा है और न ही कोई वैक्सीन (Vaccine) अभी तक तैयार हो पाई है. ऐसे में चिकित्सकों का दावा है कि यदि किसी व्यक्ति में इस वायरस के लक्षण देखने को मिलते हैं, तो कई बार जान बचाने तक मुश्किल हो जाती है. मामले को लेकर सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज (Sawai Mansingh Medical College) के सीनियर प्रोफेसर और फार्मकोलॉजिस्ट डॉक्टर लोकेंद्र शर्मा (Pharmacologist Dr Lokendra Sharma) का कहना है कि जीका वायरस एडीज मच्छर (aedes mosquito) के काटने से फैलता है. खासकर यदि किसी गर्भवती महिला (pregnant woman) को यह मच्छर काट ले तो हालात बिगड़ सकते हैं. जीका एक मच्छर जनित बीमारी है और इस समय मानसून के कारण यह वायरस तेजी से फैल सकता है.
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3 साल पहले की बात की जाए तो जीका वायरस के चलते जयपुर में हालात बिगड़े थे और इसके बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया था. इस दौरान तकरीबन 160 से अधिक संक्रमण के मामले अकेले जयपुर में देखने को मिले थे. ऐसे में अब चिकित्सा विभाग (medical Department) की ओर से प्रदेश में भी अलर्ट जारी किया गया है. डॉक्टर लोकेंद्र शर्मा का कहना है कि यह वायरस गर्भवती महिलाओं और गर्भस्थ शिशु के लिए काफी खतरनाक है. राजस्थान की बात की जाए तो 22 सितंबर वर्ष 2018 में जीका वायरस का सबसे पहला मामला देखने को मिला था.
राजधानी जयपुर में जब 3 साल पहले जीका संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे थे, तब अमेरिका से एक ट्रैवल एडवाइजरी भी जारी की गई थी, जिसमें अमेरिकी सैलानियों को राजस्थान नहीं जाने की सलाह दी गई थी. एडवाइजरी के बाद प्रदेश में काफी हड़कंप भी मचा था और राज्य सरकार ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर अमेरिका से इस एडवाइजरी को वापस लेने की मांग रखी थी. हालांकि कुछ समय बाद अमेरिका ने अपनी यह एडवाइजरी वापस ले ली थी. यह एडवाइजरी अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन की ओर से जारी की गई थी.
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मामले को लेकर डॉक्टर लोकेंद्र शर्मा का कहना है कि फिलहाल इस वायरस की न कोई दवा तैयार हो पाई है और न ही वैक्सीन बन पाई है, तो ऐसे में फिलहाल सावधानी ही बचाव है. इस समय गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा काफी महत्वपूर्ण है. डॉ. शर्मा का कहना है कि आमतौर पर मच्छर जनित बीमारियां इकट्ठे हुए पानी के चलते फैलती है तो ऐसे में कोशिश करें कि घर में पानी इकट्ठा नहीं होने दे और साथ ही मच्छरदानी का उपयोग भी करें.