जयपुर. विधानसभा में शनिवार को विपक्ष के वॉकआउट के बीच अधिवक्ता कल्याण निधि संशोधन विधेयक प्रस्ताव बहुमत के साथ पास हो गया. सदन में पास हुए संशोधन विधेयक बिल के बाद वकीलों ने इस फैसले का स्वागत किया. हालांकि वकालतनामे के स्टांप के रेट बढ़ाने को लेकर जरूर वकील खुश नहीं हैं. लेकिन वकीलों का कहना था कि 10 साल से अधिक समय से लंबित यह संशोधन विधेयक बिल देर से ही सही लेकिन पास हुआ इसके लिए सरकार का आभार.
पूर्व बार काउंसिल राजस्थान के पूर्व चेयरमैन सुशील शर्मा ने कहा कि आज विधानसभा में अधिवक्ता कल्याण निधि संशोधन विधेयक 2020 पास हुआ है उसके लिए सरकार को बार काउंसिल ऑफ राजस्थान और प्रदेश के सभी वकीलों की तरफ से आभार.
उन्होंने कहा कि सरकार ने संशोधित विधयेक बिल जो वकीलों के हित में 10 साल से लंबित चल रहा था, उसे शनिवार को बहुमत के साथ पास कराया. सुशील शर्मा ने कहा कि इस बिल में जो संशोधन किए उसमें जिसमे वकीलों की डेथ क्लेम की राशि 2 लाख 50 हजार से बढ़ाकर 8 लाख की गई है. रिटायरमेंट में जो वकील 40 साल पार कर ले उसको मिलने वाली 5 लाख की राशि को 15 लाख किया गया है.
वहीं, गंभीर बीमारी के लिए मिलने वाली राशि को 1 लाख से 3 लाख किया और साधारण बीमारी के लिए 40 हजार से बढ़कर 1 लाख किया गया है. इससे वकीलों को काफी लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि जिस समय बिल प्रस्ताव सदन में पास किया जा रहा था उस समय विपक्ष ने वॉकआउट किया जो गलत था. विपक्ष को चाहिए था कि वह सरकार के साथ वकीलों के हित में जो बिल संशोधित पेश किया जा रहा है उसमें सहमति जताते.
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वहीं, बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के चेयरमैन सैयद सहीद हसन ने कहा कि सरकार ने जो बिल पास किया है वह स्वागत योग्य है. हालांकि इस बिल में वकालतनामा को लेकर ₹100 का था उसको ₹200 का किया है वो ज्यादा है. इस पर विचार होना चाहिए. बाकी ऑल ओवर यह संशोधन विधेयक वकीलों के लिए काफी लाभकारी होगा. सैयद हसन ने भी विपक्ष के दुबारा किए गए वॉकआउट की निंदा की. उन्होंने कहा कि विपक्ष को इस तरह से संशोधन विधेयक प्रस्ताव पास के समय वॉक आउट नहीं करना चाहिए था ये गलत है.