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राजीनामा और संदेह के लाभ के आधार पर बरी भी कॉन्स्टेबल भर्ती के लिए पात्र: हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने कॉन्सटेबल भर्ती-2013 के मामले में एकलपीठ के आदेश को सही मानते हुए कहा है कि आपराधिक मामलों मे राजीनामा और संदेह के लाभ के आधार पर बरी उम्मीदवार कॉन्सटेबल भर्ती के लिए पात्र है. अपील में कहा गया था कि जो अभ्यर्थी ट्रायल कोर्ट से सीधे दोषमुक्त नहीं हुए हैं, उन्हें भर्ती के लिए पात्र नहीं माना जा सकता.

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Published : Jan 10, 2020, 8:10 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कॉन्सटेबल भर्ती-2013 के मामले में एकलपीठ के आदेश को सही मानते हुए कहा है कि आपराधिक मामलों मे राजीनामा और संदेह के लाभ के आधार पर बरी उम्मीदवार कॉन्सटेबल भर्ती के लिए पात्र है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की ओर से पेश अपील को खारिज करते हुए दिए.

कॉन्सटेबल भर्ती के लिए पात्र-हाईकोर्ट

अपील में एकलपीठ के गत 12 मार्च के उस आदेश को चुनौती दी गई थी. जिसमें एकलपीठ ने आपराधिक मामलों में राजीनामा और संदेह के लाभ के आधार पर बरी उम्मीदवारों को कॉन्सटेबल भर्ती के पात्र माना था. अपील में कहा गया था कि जो अभ्यर्थी ट्रायल कोर्ट से सीधे दोषमुक्त नहीं हुए हैं, उन्हें भर्ती के लिए पात्र नहीं माना जा सकता. वहीं प्रभावितों की ओर से अधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि इस संबंध में 28 मार्च 2017 को राज्य सरकार ने सर्कुलर जारी किया था.

यह भी पढ़ें- 'छपाक' के समर्थन में JAP कार्यकर्ता, सिनेमा हॉल पहुंचकर विरोधियों को दी चेतावनी

जिसमें कहा गया है कि राजीनामा और संदेह के लाभ के आधार पर बरी अभ्यर्थी कॉन्सटेबल भर्ती के पात्र हो सकते हैं. इसके अलावा इन अभ्यर्थियों पर झगड़ा और मारपीट जैसे लघु प्रकृति के मामले ही दर्ज हुए थे. जिसमें भी वे बरी हो चुके हैं जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को सही मानते हुए अपील को खारिज कर दी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कॉन्सटेबल भर्ती-2013 के मामले में एकलपीठ के आदेश को सही मानते हुए कहा है कि आपराधिक मामलों मे राजीनामा और संदेह के लाभ के आधार पर बरी उम्मीदवार कॉन्सटेबल भर्ती के लिए पात्र है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की ओर से पेश अपील को खारिज करते हुए दिए.

कॉन्सटेबल भर्ती के लिए पात्र-हाईकोर्ट

अपील में एकलपीठ के गत 12 मार्च के उस आदेश को चुनौती दी गई थी. जिसमें एकलपीठ ने आपराधिक मामलों में राजीनामा और संदेह के लाभ के आधार पर बरी उम्मीदवारों को कॉन्सटेबल भर्ती के पात्र माना था. अपील में कहा गया था कि जो अभ्यर्थी ट्रायल कोर्ट से सीधे दोषमुक्त नहीं हुए हैं, उन्हें भर्ती के लिए पात्र नहीं माना जा सकता. वहीं प्रभावितों की ओर से अधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि इस संबंध में 28 मार्च 2017 को राज्य सरकार ने सर्कुलर जारी किया था.

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जिसमें कहा गया है कि राजीनामा और संदेह के लाभ के आधार पर बरी अभ्यर्थी कॉन्सटेबल भर्ती के पात्र हो सकते हैं. इसके अलावा इन अभ्यर्थियों पर झगड़ा और मारपीट जैसे लघु प्रकृति के मामले ही दर्ज हुए थे. जिसमें भी वे बरी हो चुके हैं जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को सही मानते हुए अपील को खारिज कर दी है.

Intro:प्रभावितों के वकील विज्ञान शाह


जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने कॉन्सटेबल भर्ती-2013 के मामले में एकलपीठ के आदेश को सही मानते हुए कहा है कि आपराधिक मामलों मे राजीनामा और संदेह के लाभ के आधार पर बरी उम्मीदवार कॉन्सटेबल भर्ती के लिए पात्र हैं। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की ओर से पेश अपील को खारिज करते हुए दिए।Body:अपील में एकलपीठ के गत 12 मार्च के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें एकलपीठ ने आपराधिक मामलों में राजीनामा और संदेह के लाभ के आधार पर बरी उम्मीदवारों को कॉन्सटेबल भर्ती के पात्र माना था। अपील में कहा गया था कि जो अभ्यर्थी ट्रायल कोर्ट से सीधे दोषमुक्त नहीं हुए हैं, उन्हें भर्ती के लिए पात्र नहीं माना जा सकता। वहीं प्रभावितों की ओर से अधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि इस संबंध में 28 मार्च 2017 को राज्य सरकार ने सर्कुलर जारी किया था। जिसमें कहा गया है कि राजीनामा और संदेह के लाभ के आधार पर बरी अभ्यर्थी कॉन्सटेबल भर्ती के पात्र हो सकते हैं। इसके अलावा इन अभ्यर्थियों पर झगडा और मारपीट जैसे लघु प्रकृति के मामले ही दर्ज हुए थे। जिसमें भी वे बरी हो चुके हैं। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को सही मानते हुए अपील को खारिज कर दिया है।Conclusion:
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