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विधायकों के खरीद-फरोख्त से जुड़ी पत्रावलियां बनी फुटबॉल

विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े मामले में एसओजी की ओर से राजद्रोह की धारा हटाने के बाद केस की पत्रावलियां फुटबॉल बन गई है. पहले सीएमएम कोर्ट ने पत्रावलियों को एसओजी की गुहार पर एसीबी कोर्ट में भेज दिया तो वहीं अब एसीबी कोर्ट ने इस पर अपना क्षेत्राधिकार नहीं मानकर पत्रावली को वापस सीएमएम कोर्ट में लौटा दिया है.

Jaipur Sessions Court Order,  case related to horse trading
विधायकों के खरीद-फरोख्त से जुड़ी पत्रावलियां बनी फुटबॉल
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Published : Aug 6, 2020, 9:18 PM IST

जयपुर. विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े मामले में एसओजी की ओर से राजद्रोह की धारा हटाने के बाद केस की पत्रावलियां फुटबॉल बन गई है. पहले सीएमएम कोर्ट ने पत्रावलियों को एसओजी की गुहार पर एसीबी कोर्ट में भेज दिया तो वहीं अब एसीबी कोर्ट ने इस पर अपना क्षेत्राधिकार नहीं मानकर पत्रावली को वापस सीएमएम कोर्ट में लौटा दिया है.

अदालत ने कहा कि एसीबी की रिपोर्ट के अनुसार अब तक मामले में जांच अधिकारी ही नियुक्त नहीं हुआ है. वहीं एसीबी ने मामले में रिपोर्ट भी दर्ज नहीं की है. मामले के अनुसार एसओजी की ओर से राजद्रोह की धारा हटाने के बाद प्रकरण को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत बताते हुए सीएमएम कोर्ट को इसकी जानकारी दी गई थी. इस पर सीएमएम कोर्ट से पत्रावली को एसीबी कोर्ट में भेजा गया था.

पढ़ें- विधायक खरीद-फरोख्त मामला: ACB ने प्रोडक्शन वारंट पर संजय जैन को किया गिरफ्तार

वहीं, एसीबी कोर्ट ने एसीबी से मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की थी. रिपोर्ट में सामने आया कि मामले में अभी तक जांच अधिकारी नियुक्त नहीं हुआ है. एसओजी ने डीजीपी के जरिए भी फाइल नहीं भेजी है. इस पर एसीबी कोर्ट ने पत्रावली में को वापस सीएमएम कोर्ट में भेज दिया है. दूसरी ओर मामले में आरोपी संजय जैन ने एडीजे-5 अदालत में पेश जमानत अर्जी को राजद्रोह की धारा हटने के बाद वापस ले लिया है.

जयपुर. विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े मामले में एसओजी की ओर से राजद्रोह की धारा हटाने के बाद केस की पत्रावलियां फुटबॉल बन गई है. पहले सीएमएम कोर्ट ने पत्रावलियों को एसओजी की गुहार पर एसीबी कोर्ट में भेज दिया तो वहीं अब एसीबी कोर्ट ने इस पर अपना क्षेत्राधिकार नहीं मानकर पत्रावली को वापस सीएमएम कोर्ट में लौटा दिया है.

अदालत ने कहा कि एसीबी की रिपोर्ट के अनुसार अब तक मामले में जांच अधिकारी ही नियुक्त नहीं हुआ है. वहीं एसीबी ने मामले में रिपोर्ट भी दर्ज नहीं की है. मामले के अनुसार एसओजी की ओर से राजद्रोह की धारा हटाने के बाद प्रकरण को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत बताते हुए सीएमएम कोर्ट को इसकी जानकारी दी गई थी. इस पर सीएमएम कोर्ट से पत्रावली को एसीबी कोर्ट में भेजा गया था.

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वहीं, एसीबी कोर्ट ने एसीबी से मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की थी. रिपोर्ट में सामने आया कि मामले में अभी तक जांच अधिकारी नियुक्त नहीं हुआ है. एसओजी ने डीजीपी के जरिए भी फाइल नहीं भेजी है. इस पर एसीबी कोर्ट ने पत्रावली में को वापस सीएमएम कोर्ट में भेज दिया है. दूसरी ओर मामले में आरोपी संजय जैन ने एडीजे-5 अदालत में पेश जमानत अर्जी को राजद्रोह की धारा हटने के बाद वापस ले लिया है.

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