जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे कई परिवार है जो इसका दंश झेल चुके हैं और अपनी सकारात्मक सोच के चलते इस महामारी को मात भी दे चुके हैं. हम आपको बताएंगे ऐसी ही कोरोना वॉरियर्स आरती विजयवर्गीय के बारे में जो पहले से ही ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन और थायराइड जैसी बीमारियों से ग्रसित थी, लेकिन अपनी सकारात्मक सोच और योग के जरिए महज 11 दिनों में इस महामारी को हराकर वापस अपने परिवार में लौट चुकी है.
बता दें, कि जयपुर की जनता कॉलोनी निवासी आरती विजयवर्गीय को 6 मई का वो दिन आज भी याद है जब उनके 71 वर्षीय ससुर को लगातार तीन दिन बुखार होने के बाद उनकी कोरोना की जांच कराई गई. जिसमें वो कोरोना पॉजिटिव आए. एतिहात के तौर पर परिवार के अन्य सदस्यों और घरेलू कर्मचारी की भी कोरोना जांच कराई गई, लेकिन आरती को इस बात का पहले से आभास था कि वो इस महामारी की चपेट में आ सकती है.
ये आभास होना लाजमी भी था, क्योंकि 42 वर्षीय आरती विजयवर्गीय बीते 14 साल से ब्लड शुगर, 10 साल से हाइपरटेंशन और बीपी और 20 वर्षों से थायराइड जैसी बीमारियों से ग्रसित है. आरती का अंदेशा सही निकला जब 9 मई को परिवार के अन्य सदस्यों की जांच रिपोर्ट आई तो आरती और उनके घर काम करने वाला कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव आया. हालांकि पति विनोद विजयवर्गीय और दोनों बच्चों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई. रिपोर्ट सामने आने के बाद एक बार तो परिवार के सदस्यों को डर लगा, लेकिन आरती और उनके ससुर ने खुद पर इस महामारी को हावी नहीं होने दिया.
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आरती उनके ससुर और घरेलू कर्मचारी तीनों ही एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती हुए और 11 दिन बाद 19 मई में कोरोना से महाजंग जीतकर आरती वापस अपने घर लौट आई. वहीं, उनके ससुर और नौकर 21 मई को इस महामारी से जंग जीतकर वापस घर लौटे. अब इन सबकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव है. ईटीवी भारत में जब सबके लिए मिसाल बनी आरती विजयवर्गीय से बात की तो उन्होंने इस दौरान घटित हर बात साझा की और कहा कि मौजूदा समय में इस बीमारी से डरने का नहीं बल्कि उस से लड़कर जीतने का है और इसके लिए सबसे जरूरी है सकारात्मक सोच और मजबूत आत्म बल की.
योग प्राणायाम और अध्यात्म का मिला सहारा, नकारात्मक सोच रखी दूर
ईटीवी भारत से खास बातचीत में आरती विजयवर्गीय ने बताया कि उनके ससुर बीते कई सालों से लगातार मॉर्निंग ओर इवनिंग वॉक करते हैं. साथ ही योग और प्राणायाम भी करते हैं. वहीं आरती को भी योग, प्राणायाम अध्यात्म और मॉर्निंग वॉक के साथ डांस का शौक रहा है. आरती कहती है कि इस महाजंग में जीत का सबसे बड़ा कारण सकारात्मक सोच बताती है. आरती इस महामारी के दौरान जब अस्पताल में भर्ती रही तब भी उन्होंने योग प्राणायाम और अपने डांस के शौक को नहीं छोड़ा और इसके बलबूते उन्होंने नकारात्मक सोच खुद पर हावी नहीं होने दी और महज 11 दिन के बाद ही वो इस महाजंग को जीतकर अपने घर परिवार के पास लौट आयी.
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चिकित्सक और नर्सिंगकर्मियों की मिली बहुत मदद
आरती विजयवर्गी कहती है कि आप जहां उपचार ले रहे हैं वहां का माहौल भी सकारात्मक होना चाहिए. खासतौर पर इस महामारी इस संक्रमण को जानने के बावजूद जो चिकित्साकर्मी और नर्सिंगकर्मी आपकी सेवा में लगे हैं. वही आपका मनोबल बढ़ाते हैं. आर्थिक अनुसार अस्पताल में चिकित्सकों ने प्रॉपर उनकी देखभाल की. वहीं, नर्सिंगकर्मियों ने भी लगातार उनका हौसला बढ़ाया और इसी सकारात्मक वातावरण के चलते इतनी बीमारियों के बावजूद वह इस महामारी से रिकवर हो पाई.
कोरोना संक्रमण का इंतजार ना करें पहले से ही खुद को इसके लिए तैयार रखें
आरती का मानना है कि मौजूदा परिस्थितियों में अब लोगों को इस महामारी से डरना नहीं चाहिए. बल्कि इससे लड़ने के लिए खुद को तैयार रखना चाहिए. आरती के अनुसार लॉकडाउन के दौरान वे और उनका परिवार घर से बाहर नहीं निकला बावजूद इसके उन्हें कोरोना संक्रमण हो गया. ऐसे में यह बीमारी कब किसको हो जाए, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. आरती के अनुसार ऐसी परिस्थितियों में अब आम आदमी को पहले से ही इस महामारी से लड़ने के लिए खुद को मजबूत रखना होगा और इसके लिए जरूरी है कि वे अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रखें.