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परकोटे की तर्ज पर हेरिटेज सिटी बसाने का प्लान, मल्टीफंक्शनल जोन पर लोगों ने दिए सुझाव और आपत्ति

जयपुर परकोटे की तर्ज पर हेरिटेज सिटी को बसाने की मंशा पर शहर वासियों ने अपने सुझाव और आपत्तियां दर्ज कराई हैं. योजना के तहत 10 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में मल्टीफंक्शनल जोन की प्लानिंग है. जिसके तहत 50 फीसदी आर्थिक गतिविधि का प्रस्ताव तैयार किया गया है. हालांकि लोगों ने इस पर आपत्ति जताई है. जिस पर अब जेडीए सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी विचार कर रही है, जिसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जाएगी.

Heritage City on lines of Jaipur Parkote, जयपुर परकोटे की तर्ज पर हेरिटेज सिटी
जयपुर परकोटे की तर्ज पर हेरिटेज सिटी
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Published : Mar 10, 2021, 10:28 PM IST

जयपुर. मास्टर प्लान 2025 में 40 वर्ग किलोमीटर में हेरिटेज और ग्रीन सिटी प्रस्तावित है. इनमें 10 वर्ग किलोमीटर में हेरिटेज सिटी योजना के तहत एक मल्टीफंक्शनल जोन बनना है. इसके पैरामीटर्स भी बनाए गए हैं. यहां 40 फीट चौड़ी सड़क पर कमर्शियल एक्टिविटी की अनुमति देने का प्रावधान तय किया गया है और 50 फीसदी हिस्सा आर्थिक गतिविधियों का रखा गया है, जिससे सम्बंधित एरिया सस्टेन कर सके.

जयपुर परकोटे की तर्ज पर हेरिटेज सिटी

इस संबंध में मुख्य नगर नियोजक आरके विजयवर्गीय ने बताया कि हेरिटेज सिटी एरिया में रेजिडेंशियल एरिया बढ़ता जा रहा है. ऐसे में वॉकिंग डिस्टेंस पर ही आर्थिक गतिविधि हो इस पर पैरामीटर्स तय कर आम जनता से आपत्ति और सुझाव मांगे गए थे. जिस पर कुछ डेवलपर्स, लैंड ओनर्स और आम जनता के आपत्ति और सुझाव प्राप्त हुए.

उनकी सुनवाई कर रिपोर्ट देने के लिए जेडीए सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है, जो विचार कर रिपोर्ट तैयार करेगी. नियमों के अंतर्गत जेडीए और राज्य सरकार के स्तर पर निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि अब तक किसी बदलाव का प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है, और ना ही नगर नियोजन स्तर पर इस तरह की कोई रिपोर्ट प्राप्त हुई है.

बता दें कि नगर नियोजन का कंसेप्ट लेकर हेरिटेज सिटी के प्लान का कारण कई किलोमीटर तक डवलप हो चुके रेजिडेंशियल एरिया में किसी तरह की आर्थिक गतिविधि और सिविक फैसिलिटी का नहीं होना है. ऐसे में किसी भी बिजनेस या कमर्शियल के लिए 20 किलोमीटर दूर रहने वाले नागरिकों को भी मुख्य शहरी क्षेत्र में आना पड़ता है. जिससे शहर में यातायात भार बढ़ता है. उसको कम करने के लिए पूरी दुनिया में मल्टीफंक्शनल जॉन डवलप करने का कंसेप्ट चल रहा है.

पढ़ें- बजट सत्र : विधानसभा की कार्यवाही, देखें LIVE

परकोटा क्षेत्र में नीचे दुकान-ऊपर मकान का कंसेप्ट और वाकिंग डिस्टेंस पर ही सारी फैसिलिटी उपलब्ध है. उसी कंसेप्ट पर हेरिटेज सिटी का निर्माण करने का प्लान है. ताकि उस जोन में ट्रांसपोर्टेशन की आवश्यकता कम हो सके. हालांकि हेरिटेज सिटी एरिया के लिए स्कीम प्लान और लैंड पुलिंग का भी सुझाव आया है.

जयपुर. मास्टर प्लान 2025 में 40 वर्ग किलोमीटर में हेरिटेज और ग्रीन सिटी प्रस्तावित है. इनमें 10 वर्ग किलोमीटर में हेरिटेज सिटी योजना के तहत एक मल्टीफंक्शनल जोन बनना है. इसके पैरामीटर्स भी बनाए गए हैं. यहां 40 फीट चौड़ी सड़क पर कमर्शियल एक्टिविटी की अनुमति देने का प्रावधान तय किया गया है और 50 फीसदी हिस्सा आर्थिक गतिविधियों का रखा गया है, जिससे सम्बंधित एरिया सस्टेन कर सके.

जयपुर परकोटे की तर्ज पर हेरिटेज सिटी

इस संबंध में मुख्य नगर नियोजक आरके विजयवर्गीय ने बताया कि हेरिटेज सिटी एरिया में रेजिडेंशियल एरिया बढ़ता जा रहा है. ऐसे में वॉकिंग डिस्टेंस पर ही आर्थिक गतिविधि हो इस पर पैरामीटर्स तय कर आम जनता से आपत्ति और सुझाव मांगे गए थे. जिस पर कुछ डेवलपर्स, लैंड ओनर्स और आम जनता के आपत्ति और सुझाव प्राप्त हुए.

उनकी सुनवाई कर रिपोर्ट देने के लिए जेडीए सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है, जो विचार कर रिपोर्ट तैयार करेगी. नियमों के अंतर्गत जेडीए और राज्य सरकार के स्तर पर निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि अब तक किसी बदलाव का प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है, और ना ही नगर नियोजन स्तर पर इस तरह की कोई रिपोर्ट प्राप्त हुई है.

बता दें कि नगर नियोजन का कंसेप्ट लेकर हेरिटेज सिटी के प्लान का कारण कई किलोमीटर तक डवलप हो चुके रेजिडेंशियल एरिया में किसी तरह की आर्थिक गतिविधि और सिविक फैसिलिटी का नहीं होना है. ऐसे में किसी भी बिजनेस या कमर्शियल के लिए 20 किलोमीटर दूर रहने वाले नागरिकों को भी मुख्य शहरी क्षेत्र में आना पड़ता है. जिससे शहर में यातायात भार बढ़ता है. उसको कम करने के लिए पूरी दुनिया में मल्टीफंक्शनल जॉन डवलप करने का कंसेप्ट चल रहा है.

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परकोटा क्षेत्र में नीचे दुकान-ऊपर मकान का कंसेप्ट और वाकिंग डिस्टेंस पर ही सारी फैसिलिटी उपलब्ध है. उसी कंसेप्ट पर हेरिटेज सिटी का निर्माण करने का प्लान है. ताकि उस जोन में ट्रांसपोर्टेशन की आवश्यकता कम हो सके. हालांकि हेरिटेज सिटी एरिया के लिए स्कीम प्लान और लैंड पुलिंग का भी सुझाव आया है.

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