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जयपुर: 2 थानों के बीच 9 महीनों तक उलझा रहा मामला, अब कब होगी जांच और कब मिलेगा न्याय

जयपुर में पुलिस की लापरवाही का एक मामला सामने आया है. दरअसल, यहां कोतवाली में धोखाधड़ी का मामला जुलाई 2019 में दर्ज हुआ था. लेकिन, पुलिस को 9 माह बाद मार्च 2020 में पता चला कि मामला दूसरे इलाके का है. 18 माह बाद कोर्ट के आदेश पर एफआईआर कोतवाली से नाहरगढ़ थाने में दर्ज की गई, जबकि सरकार के स्पष्ट आदेश है कि थाने में केस दर्ज ना हो तो एसपी के यहां केस दर्ज करा सकते हैं.

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Published : Jan 21, 2021, 4:52 PM IST

Updated : Jan 22, 2021, 6:16 AM IST

Jaipur News, पुलिस की लापरवाही
जयपुर में पुलिस की लापरवाही का मामला

जयपुर. ड्रग्स फ्री जयपुर में रिकॉर्ड तोड़ कार्रवाई करने वाली जयपुर पुलिस के कई अच्छे कामों पर छोटी-छोटी लापरवाही पुलिस की किरकिरी करा देती है. लापरवाही का एक ऐसा ही मामला कोतवाली और नारगढ़ थाने में सामने आया है. यहां कोतवाली में धोखाधड़ी का मामला जुलाई 2019 में दर्ज हुआ था. लेकिन, पुलिस को 9 माह बाद मार्च 2020 में पता चला कि मामला दूसरे इलाके का है. ऐसे में अफसरों ने आनन-फानन में एफआर लगा दी और 9 माह बाद मामला नाहरगढ़ में दर्ज हुआ है.

जयपुर में पुलिस की लापरवाही का मामला

पढ़ें: धौलपुर: NH-3 पर चंबल की बजरी का भंडारण जब्त, फरार हुए बजरी माफिया

बता दें कि जुलाई 2019 में कोतवाली में धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ था. इसमें पीड़ित ने दर्ज कराया था कि एक महिला से उनकी शादी कराई गई. लेकिन, कुछ दिनों बाद ही महिला 2 लाख रुपये और गहने लेकर चली गई. इसके बाद मार्च 2020 में पुलिस ने एफआर लगाई की यह इस थाने इलाके का मामला नहीं है. अब 18 माह बाद कोर्ट के आदेश पर एफआईआर कोतवाली से नाहरगढ़ थाने में दर्ज की गई, जबकि सरकार के स्पष्ट आदेश है कि थाने में केस दर्ज ना हो तो एसपी के यहां केस दर्ज करा सकते हैं.

पढ़ें: चित्तौड़गढ़ में युवक की हत्या कर शव फेंका, बंधे मिले हाथ, मौके पर खून से सना पत्थर भी बरामद

बता दें कि पुलिस कमिश्नरेट जयपुर के थानों में अभी भी 30 फीसदी से ज्यादा पेंडेंसी है. चारों जिलों में 2020 में हत्या के 88 मामले दर्ज किए गए, इसमें से 35 मामलों में चालान पेश किया गया है, जबकि 43 पेंडिंग है. वहीं, हत्या के प्रयास के मामलों में 76 में से 30 पेंडिंग है. डकैती के 2 मामले दर्ज किए गए और दोनों ही अभी पेंडिंग चल रहे है. साथ ही लूट के 24, अपहरण के 113, दुष्कर्म के 120, नकबजनी के 162, चोरियों के 961 मामले पेंडिंग थानों में पड़े है.

जयपुर. ड्रग्स फ्री जयपुर में रिकॉर्ड तोड़ कार्रवाई करने वाली जयपुर पुलिस के कई अच्छे कामों पर छोटी-छोटी लापरवाही पुलिस की किरकिरी करा देती है. लापरवाही का एक ऐसा ही मामला कोतवाली और नारगढ़ थाने में सामने आया है. यहां कोतवाली में धोखाधड़ी का मामला जुलाई 2019 में दर्ज हुआ था. लेकिन, पुलिस को 9 माह बाद मार्च 2020 में पता चला कि मामला दूसरे इलाके का है. ऐसे में अफसरों ने आनन-फानन में एफआर लगा दी और 9 माह बाद मामला नाहरगढ़ में दर्ज हुआ है.

जयपुर में पुलिस की लापरवाही का मामला

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बता दें कि जुलाई 2019 में कोतवाली में धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ था. इसमें पीड़ित ने दर्ज कराया था कि एक महिला से उनकी शादी कराई गई. लेकिन, कुछ दिनों बाद ही महिला 2 लाख रुपये और गहने लेकर चली गई. इसके बाद मार्च 2020 में पुलिस ने एफआर लगाई की यह इस थाने इलाके का मामला नहीं है. अब 18 माह बाद कोर्ट के आदेश पर एफआईआर कोतवाली से नाहरगढ़ थाने में दर्ज की गई, जबकि सरकार के स्पष्ट आदेश है कि थाने में केस दर्ज ना हो तो एसपी के यहां केस दर्ज करा सकते हैं.

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बता दें कि पुलिस कमिश्नरेट जयपुर के थानों में अभी भी 30 फीसदी से ज्यादा पेंडेंसी है. चारों जिलों में 2020 में हत्या के 88 मामले दर्ज किए गए, इसमें से 35 मामलों में चालान पेश किया गया है, जबकि 43 पेंडिंग है. वहीं, हत्या के प्रयास के मामलों में 76 में से 30 पेंडिंग है. डकैती के 2 मामले दर्ज किए गए और दोनों ही अभी पेंडिंग चल रहे है. साथ ही लूट के 24, अपहरण के 113, दुष्कर्म के 120, नकबजनी के 162, चोरियों के 961 मामले पेंडिंग थानों में पड़े है.

Last Updated : Jan 22, 2021, 6:16 AM IST
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