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'वंदे भारत मिशन' के तहत 4 फ्लाइट से 523 प्रवासी पहुंचे जयपुर, सभी के गृह जिलों में भी होगी क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था

केंद्र सरकार के 'वंदे भारत मिशन' के तहत मंगलवार को चार फ्लाइट से 523 प्रवासी राजस्थानी जयपुर पहुंचे. बता दें कि इस समय वंदे भारत मिशन का चौथा चरण चल रहा है, जिसमें विदेशों में फंसे प्रवासी राजस्थानियों को वापस लाया जा रहा है.

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4 फ्लाइट से 523 प्रवासी पहुंचे जयपुर
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Published : Jul 1, 2020, 12:27 AM IST

जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे वंदे भारत मिशन के तहत विदेशों में फंसे प्रवासियों को अब वापस राजस्थान लाया जा रहा है, जिसके तहत मंगलवार को चार फ्लाइट से 523 प्रवासी राजस्थानी जयपुर पहुंचे.

बता दें कि जिसमें कुबैत की दो फ्लाइट से 328, दुबई की फ्लाइट से 189 और 6 लोग चार्टर विमान से जयपुर आए हैं. इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि एयरपोर्ट पर सभी यात्रियों के उतरने के बाद उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई. साथ ही चिकित्सकों की टीम की ओर से मेडिकल चेकअप भी किया गया. वहीं, इमिग्रेशन के बाद सभी प्रवासी राजस्थानियों को संस्थागत क्वॉरेंटाइन के लिए भिजवाया गया.

यह भी पढ़ेंः राजस्थान विधानसभा में 15 समितियों का गठन

अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विदेशों से आने वाले प्रवासियों को उनके गृह जिलों में संस्थागत क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था की गई है. वहीं जयपुर में पेड संस्थागत क्वॉरेंटाइन के लिए 40 होटल चिन्हित किए हुए हैं. इसके अलावा जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा संस्थागत क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि संस्थागत क्वॉरेंटाइन की अतिरिक्त व्यवस्था के लिए जयपुर के आसपास के जिलों में सीकर, दौसा, झुन्झुनू, चूरू और नागौर में भी आवश्यक व्यवस्थाएं करने के लिए निर्देशित किया गया है. वहीं उदयपुर संभाग के प्रवासियों को बसों के माध्यम से क्वॉरेंटाइन के लिए राजस्थान रोडवेज के बसों से भिजवाने की व्यवस्था की गई है. अग्रवाल ने बताया कि उदयपुर के संभागीय आयुक्त विकास भाले, उदयपुर संभाग की क्वॉरेंटाइन व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. संभाग के सभी जिलों में समुचित व्यवस्था सुनिश्चित हो गई है.

एयरपोर्ट को बार-बार किया जाता है सेनेटाइज

वाईपी सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए व्यवस्था की गई है. साथ ही एयरपोर्ट को बार-बार सेनेटाइज भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हवाई किराया और होटल से लेकर सारा खर्चा यात्रियों को वहन करना है. एयरपोर्ट पर यात्रियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करवाया गया है, जिन यात्रियों में कोरोना के लक्षण नहीं होंगे, उनका इमिग्रेशन क्लीयरेंस कराया जा रहा है.

एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद

जयपुर एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वंदे भारत मिशन के तहत आने वाले सभी प्रवासी राजस्थानियों की एयरपोर्ट पर थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है. वहीं, पुलिस का जाप्ता भी एयरपोर्ट पर तैनात कर रखा है. ऐसे में पुलिस निगरानी के बीच ही सभी यात्रियों को संस्थागत क्वॉरेंटाइन में भेजा जा रहा है. सभी यात्रियों को सात दिन के संस्थागत क्वॉरेंटाइन में रहना होगा. उसके बाद उन्हें 7 दिन की होम क्वॉरेंटाइन में भी रखा जाएगा.

यात्रियों के पासपोर्ट CISF के अधिकारियों के पास

सीनियर कमांडेंट के मुताबिक यात्रियों के पासपोर्ट सीआईएसएफ के एक अधिकारी के पास है. इमीग्रेशन क्लीयरेंस के बाद ही यात्रियों को लगेज कलेक्शन के लिए ले जाया जाता है. इसके बाद यात्रियों को कस्टम क्लीयरेंस लेना होता है. फिर 20-20 के ग्रुप में यात्रियों को पुलिस को सौंपा जाता है.

यह भी पढ़ेंः लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर अब तक 17 हजार से अधिक वाहन जब्त, 1.34 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला

वहीं, राज्य सरकार के तीन श्रेणियां लो, मीडियम और हाई श्रेणी के लिए चयनित किए गए हैं. यात्रियों को जिन होटलों में ठहराया जा रहा है, उनका किराया भी उन्हीं को चुकाना है. साथ ही अंतिम दिन कोरोना टेस्ट कराया जाता है. जिसका भुगतान भी यात्री ही करते हैं. वहीं, टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही यात्री घर लौट सकते हैं.

जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे वंदे भारत मिशन के तहत विदेशों में फंसे प्रवासियों को अब वापस राजस्थान लाया जा रहा है, जिसके तहत मंगलवार को चार फ्लाइट से 523 प्रवासी राजस्थानी जयपुर पहुंचे.

बता दें कि जिसमें कुबैत की दो फ्लाइट से 328, दुबई की फ्लाइट से 189 और 6 लोग चार्टर विमान से जयपुर आए हैं. इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि एयरपोर्ट पर सभी यात्रियों के उतरने के बाद उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई. साथ ही चिकित्सकों की टीम की ओर से मेडिकल चेकअप भी किया गया. वहीं, इमिग्रेशन के बाद सभी प्रवासी राजस्थानियों को संस्थागत क्वॉरेंटाइन के लिए भिजवाया गया.

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अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विदेशों से आने वाले प्रवासियों को उनके गृह जिलों में संस्थागत क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था की गई है. वहीं जयपुर में पेड संस्थागत क्वॉरेंटाइन के लिए 40 होटल चिन्हित किए हुए हैं. इसके अलावा जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा संस्थागत क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि संस्थागत क्वॉरेंटाइन की अतिरिक्त व्यवस्था के लिए जयपुर के आसपास के जिलों में सीकर, दौसा, झुन्झुनू, चूरू और नागौर में भी आवश्यक व्यवस्थाएं करने के लिए निर्देशित किया गया है. वहीं उदयपुर संभाग के प्रवासियों को बसों के माध्यम से क्वॉरेंटाइन के लिए राजस्थान रोडवेज के बसों से भिजवाने की व्यवस्था की गई है. अग्रवाल ने बताया कि उदयपुर के संभागीय आयुक्त विकास भाले, उदयपुर संभाग की क्वॉरेंटाइन व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. संभाग के सभी जिलों में समुचित व्यवस्था सुनिश्चित हो गई है.

एयरपोर्ट को बार-बार किया जाता है सेनेटाइज

वाईपी सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए व्यवस्था की गई है. साथ ही एयरपोर्ट को बार-बार सेनेटाइज भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हवाई किराया और होटल से लेकर सारा खर्चा यात्रियों को वहन करना है. एयरपोर्ट पर यात्रियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करवाया गया है, जिन यात्रियों में कोरोना के लक्षण नहीं होंगे, उनका इमिग्रेशन क्लीयरेंस कराया जा रहा है.

एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद

जयपुर एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वंदे भारत मिशन के तहत आने वाले सभी प्रवासी राजस्थानियों की एयरपोर्ट पर थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है. वहीं, पुलिस का जाप्ता भी एयरपोर्ट पर तैनात कर रखा है. ऐसे में पुलिस निगरानी के बीच ही सभी यात्रियों को संस्थागत क्वॉरेंटाइन में भेजा जा रहा है. सभी यात्रियों को सात दिन के संस्थागत क्वॉरेंटाइन में रहना होगा. उसके बाद उन्हें 7 दिन की होम क्वॉरेंटाइन में भी रखा जाएगा.

यात्रियों के पासपोर्ट CISF के अधिकारियों के पास

सीनियर कमांडेंट के मुताबिक यात्रियों के पासपोर्ट सीआईएसएफ के एक अधिकारी के पास है. इमीग्रेशन क्लीयरेंस के बाद ही यात्रियों को लगेज कलेक्शन के लिए ले जाया जाता है. इसके बाद यात्रियों को कस्टम क्लीयरेंस लेना होता है. फिर 20-20 के ग्रुप में यात्रियों को पुलिस को सौंपा जाता है.

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वहीं, राज्य सरकार के तीन श्रेणियां लो, मीडियम और हाई श्रेणी के लिए चयनित किए गए हैं. यात्रियों को जिन होटलों में ठहराया जा रहा है, उनका किराया भी उन्हीं को चुकाना है. साथ ही अंतिम दिन कोरोना टेस्ट कराया जाता है. जिसका भुगतान भी यात्री ही करते हैं. वहीं, टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही यात्री घर लौट सकते हैं.

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