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41st National Traders Day : 41वां राष्ट्रीय व्यापारी दिवस का आयोजन दिल्ली में 9 अगस्त को, व्यापारियों के हितों को लेकर होगी चर्चा

भारतीय उद्योग व्यापार मंडल की ओर से 41वां राष्ट्रीय व्यापारी दिवस 9 अगस्त को मनाया जाएगा (41st National Traders Day will celebrated on 9th August). इस कार्यक्रम का आयोजन राजधानी दिल्ली में किया जाएगा. कार्यक्रम के दौरान व्यापारी अपने हितों को लेकर चर्चा करेंगे.

41st National Traders Day
व्यापारियों ने मांगों से जुड़ा एक पत्र केंद्रीय मंत्री को सौंपा
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Published : Jun 21, 2022, 3:35 PM IST

जयपुर. भारतीय उद्योग व्यापार मंडल की ओर से 41वां राष्ट्रीय व्यापारी दिवस 9 अगस्त को मनाया जाएगा (41st National Traders Day will celebrated on 9th August) और कार्यक्रम का आयोजन इस बार देश की राजधानी दिल्ली में किया जाएगा. जहां व्यापारी अपने हितों को लेकर चर्चा करेंगे. इस कार्यक्रम में देश भर से आए विभिन्न व्यापार से जुड़े व्यापारी हिस्सा लेंगे. दिल्ली में आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल होंगे.

मामले को लेकर भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि राष्ट्रीय व्यापारी दिवस का आयोजन बड़े स्तर पर किया जाएगा और हमारी कोशिश है कि देश के हर व्यापारी वर्ग को इससे जोड़ा जाए. उन्होंने कहा कि हमारी कुछ मांगे केंद्र सरकार से भी हैं और मांगों से जुड़ा एक पत्र केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को भी सौंपा गया है.

राष्ट्रीय चेयरमैन भारतीय उद्योग व्यापार मंडल का बयान

बीयूवीएम ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर मांगा समय: बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि केन्द्र सरकार की ओर से सिंगल यूज प्लास्टिक का यूज प्रतिबंधित किया गया है. बीयूवीएम इसकी प्रशंसा करता है परन्तु हमारी मांग है कि सिंगल यूज प्लाटिक की प्रतिबंधता के लिए व्यापारियों को 4 माह का समय देकर की जाए. इसके अलावा उनका कहना है कि व्यापारियों की कुछ मांगे हैं जैसे एफएसएसएआई एक्ट में आ रही विसंगतियां को दूर किया जाए. लाइसेंस फीस को 2000 से 7500 रुपए कर दिया गया है. जिसे पूर्व की भांति अधिकतम 100 रुपये रखा जाना चाहिए. वार्षिक रिटर्न और ऑडिट के प्रावधान को समाप्त किया जाना चाहिए. चेक-इन करते समय वस्तु के निर्माता पर ही वाद दायर किया जाना चाहिए. चाहे वह सेम्पल फेल का हो अथवा मिसब्राण्ड का हो. क्रेता की ओर से मांगी गयी क्वालिटी अनुसार माल नहीं होने पर 5 लाख की पेनल्टी, मिसब्राण्ड के लिये 3 लाख की पेनल्टी, मिथ्या सूचना के लिए 3 माह तक की सजा तथा 2 लाख का जुर्माना आदि ऐसे प्रावधान हैं जिन पर पुनः विचार कर कम किया जाना आवश्यक है.

पढ़ेंः आर्थिक मंदी से अजमेर के बाजार भी ग्राहकों को तरसे, व्यापारियों की मांग जीएसटी में राहत दे सरकार

तेल-तिलहन पर लगायी स्टॉक सीमा समाप्त हो: व्यापारियों का कहना है कि हमारी मांग है कि केन्द्र सरकार तेल-तिलहन पर लगाई स्टॉक सीमा को समाप्त करे. क्योंकि पिछले कुछ समय से खाद्य तेलों में गिरावट लगातार जारी है. बाबूलाल गुप्ता का यह भी कहना है कि भारतीय उद्योग व्यापार मंडल की मांग पर जीएसटी काउंसिल ने समय-समय पर प्रक्रियाओं में और कर गणना में बदलाव किए हैं. लेकिन अभी भी हमारी मांग है कि रिवाईज रिटर्न का प्रावधान किया जाए. मिसमैच की समस्या को दूर करने के लिए एमनेस्टी स्कीम लाई जाए.

जयपुर. भारतीय उद्योग व्यापार मंडल की ओर से 41वां राष्ट्रीय व्यापारी दिवस 9 अगस्त को मनाया जाएगा (41st National Traders Day will celebrated on 9th August) और कार्यक्रम का आयोजन इस बार देश की राजधानी दिल्ली में किया जाएगा. जहां व्यापारी अपने हितों को लेकर चर्चा करेंगे. इस कार्यक्रम में देश भर से आए विभिन्न व्यापार से जुड़े व्यापारी हिस्सा लेंगे. दिल्ली में आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल होंगे.

मामले को लेकर भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि राष्ट्रीय व्यापारी दिवस का आयोजन बड़े स्तर पर किया जाएगा और हमारी कोशिश है कि देश के हर व्यापारी वर्ग को इससे जोड़ा जाए. उन्होंने कहा कि हमारी कुछ मांगे केंद्र सरकार से भी हैं और मांगों से जुड़ा एक पत्र केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को भी सौंपा गया है.

राष्ट्रीय चेयरमैन भारतीय उद्योग व्यापार मंडल का बयान

बीयूवीएम ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर मांगा समय: बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि केन्द्र सरकार की ओर से सिंगल यूज प्लास्टिक का यूज प्रतिबंधित किया गया है. बीयूवीएम इसकी प्रशंसा करता है परन्तु हमारी मांग है कि सिंगल यूज प्लाटिक की प्रतिबंधता के लिए व्यापारियों को 4 माह का समय देकर की जाए. इसके अलावा उनका कहना है कि व्यापारियों की कुछ मांगे हैं जैसे एफएसएसएआई एक्ट में आ रही विसंगतियां को दूर किया जाए. लाइसेंस फीस को 2000 से 7500 रुपए कर दिया गया है. जिसे पूर्व की भांति अधिकतम 100 रुपये रखा जाना चाहिए. वार्षिक रिटर्न और ऑडिट के प्रावधान को समाप्त किया जाना चाहिए. चेक-इन करते समय वस्तु के निर्माता पर ही वाद दायर किया जाना चाहिए. चाहे वह सेम्पल फेल का हो अथवा मिसब्राण्ड का हो. क्रेता की ओर से मांगी गयी क्वालिटी अनुसार माल नहीं होने पर 5 लाख की पेनल्टी, मिसब्राण्ड के लिये 3 लाख की पेनल्टी, मिथ्या सूचना के लिए 3 माह तक की सजा तथा 2 लाख का जुर्माना आदि ऐसे प्रावधान हैं जिन पर पुनः विचार कर कम किया जाना आवश्यक है.

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तेल-तिलहन पर लगायी स्टॉक सीमा समाप्त हो: व्यापारियों का कहना है कि हमारी मांग है कि केन्द्र सरकार तेल-तिलहन पर लगाई स्टॉक सीमा को समाप्त करे. क्योंकि पिछले कुछ समय से खाद्य तेलों में गिरावट लगातार जारी है. बाबूलाल गुप्ता का यह भी कहना है कि भारतीय उद्योग व्यापार मंडल की मांग पर जीएसटी काउंसिल ने समय-समय पर प्रक्रियाओं में और कर गणना में बदलाव किए हैं. लेकिन अभी भी हमारी मांग है कि रिवाईज रिटर्न का प्रावधान किया जाए. मिसमैच की समस्या को दूर करने के लिए एमनेस्टी स्कीम लाई जाए.

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