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विश्वास मत के दौरान सदन से नदारद रहे चारों विधायकों ने रखा अपना पक्ष, कटारिया बोले जल्द करेंगे फैसला

बीते 14 अगस्त को राजस्थान विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव रखा गया था. इस दौरान भाजपा के 4 विधायक सदन से अनुपस्थित थे. जिसको लेकर चारों विधायकों को जयपुर में जवाब तलब किया गया. जहां चारों विधायकों ने अपना-अपना पक्ष नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के समक्ष रखा.

राजस्थान राजनीतिक खबर, Rajasthan political news
चारों विधायकों ने कटारिया के सामने रखा अपना पक्ष
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Published : Aug 20, 2020, 1:38 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सदन की कार्रवाई के दौरान जब सरकार ने अपना विश्वास मत प्रस्ताव रखा तब भाजपा के चार विधायक गायब रहे. इन चारों विधायकों ने गुरुवार को जयपुर पहुंचकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के समक्ष अपना पक्ष रखा. इन्हें कटारिया और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने जयपुर तलब किया था.

चारों विधायकों ने कटारिया के सामने रखा अपना पक्ष

करीब डेढ़ घंटे चली इस मुलाकात के दौरान इन विधायकों का पक्ष जाना गया फिर कटारिया ने कहा कि अपने फीडबैक और प्रदेश नेताओं से चर्चा के बाद विधायकों को लेकर अंतिम फैसला किया जाएगा. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के निवास पर करीब डेढ़ घंटे तक इन विधायकों से अलग-अलग चर्चा की गई. व्यक्तिगत रुप से कटारिया ने चारों से बात की और उनका पक्ष भी जाना और जो फीडबैक संगठन के स्तर पर उन्हें मिला था उसे क्रॉस चेक भी किया.

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उसके बाद जब यह विधायक बैठक से बाहर निकले तो मीडिया के समक्ष भी उन्होंने अपनी बात रखी. विधायक गोपीचंद मीणा ने कहा कि सत्र के दौरान ही उनकी तबीयत खराब हो गई थी और जब सदन की कार्रवाई पहली बार स्थगित हुई तो वह खराब स्वास्थ्य के चलते ही वहां से निकल गए. यही बात उन्होंने नेता प्रतिपक्ष के समक्ष भी रखी. मीणा ने यह भी कहा कि वे शुरू से पार्टी के सच्चे सिपाही रहे हैं. वहीं, विधायक कैलाश मीणा ने कहा कि जो भी सवाल नेता प्रतिपक्ष ने उनसे पूछे उन्होंने उसका जवाब दे दिया है. अब वह प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया से मिलकर उनके समक्ष अपनी बात रखेंगे.

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मीणा ने कहा कि वो विधानसभा सत्र के दौरान सदन की कार्रवाई से व्यक्तिगत कार्य के चलते चले गए थे, लेकिन तब तक तय हो चुका था कि बीजेपी सदन में अविश्वास प्रस्ताव नहीं लेकर आएगी. हरेंद्र जी निमामा ने भी यही बात कही कि वह सदन की कार्रवाई के दौरान बाहर जरुर गए थे, लेकिन उन्हें इस बात का इल्म नहीं था कि बात इतनी बढ़ जाएगी. उन्होंने कहा की वो बाहर व्यक्तिगत काम से गए थे, लेकिन बरसात के चलते फिर वो वापस विधानसभा नहीं आ पाए. उन्हें भाजपा विधायक गौतम मीणा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के समक्ष उन्होंने अपनी बात रख दी है और जो सवाल पूछे गए थे उसके जवाब भी दे दिया है.

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वहीं, इस मामले में मीडिया से बातचीत के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सारे पहलुओं को ध्यान में रखकर इन विधायकों से बात की गई है और व्यक्तिगत रूप से भी अलग-अलग एक-एक विधायक से उनका पक्ष जानना गया है. कटारिया ने कहा कि जो फीडबैक हमें मिला है उससे इनके द्वारा आए जवाब को चेक किया जाएगा और फिर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी इन से चर्चा करेंगे. इसके बाद आपस में चर्चा करने के बाद हम लोग इनके बारे में कोई निर्णय लेंगे.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सदन की कार्रवाई के दौरान जब सरकार ने अपना विश्वास मत प्रस्ताव रखा तब भाजपा के चार विधायक गायब रहे. इन चारों विधायकों ने गुरुवार को जयपुर पहुंचकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के समक्ष अपना पक्ष रखा. इन्हें कटारिया और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने जयपुर तलब किया था.

चारों विधायकों ने कटारिया के सामने रखा अपना पक्ष

करीब डेढ़ घंटे चली इस मुलाकात के दौरान इन विधायकों का पक्ष जाना गया फिर कटारिया ने कहा कि अपने फीडबैक और प्रदेश नेताओं से चर्चा के बाद विधायकों को लेकर अंतिम फैसला किया जाएगा. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के निवास पर करीब डेढ़ घंटे तक इन विधायकों से अलग-अलग चर्चा की गई. व्यक्तिगत रुप से कटारिया ने चारों से बात की और उनका पक्ष भी जाना और जो फीडबैक संगठन के स्तर पर उन्हें मिला था उसे क्रॉस चेक भी किया.

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उसके बाद जब यह विधायक बैठक से बाहर निकले तो मीडिया के समक्ष भी उन्होंने अपनी बात रखी. विधायक गोपीचंद मीणा ने कहा कि सत्र के दौरान ही उनकी तबीयत खराब हो गई थी और जब सदन की कार्रवाई पहली बार स्थगित हुई तो वह खराब स्वास्थ्य के चलते ही वहां से निकल गए. यही बात उन्होंने नेता प्रतिपक्ष के समक्ष भी रखी. मीणा ने यह भी कहा कि वे शुरू से पार्टी के सच्चे सिपाही रहे हैं. वहीं, विधायक कैलाश मीणा ने कहा कि जो भी सवाल नेता प्रतिपक्ष ने उनसे पूछे उन्होंने उसका जवाब दे दिया है. अब वह प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया से मिलकर उनके समक्ष अपनी बात रखेंगे.

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मीणा ने कहा कि वो विधानसभा सत्र के दौरान सदन की कार्रवाई से व्यक्तिगत कार्य के चलते चले गए थे, लेकिन तब तक तय हो चुका था कि बीजेपी सदन में अविश्वास प्रस्ताव नहीं लेकर आएगी. हरेंद्र जी निमामा ने भी यही बात कही कि वह सदन की कार्रवाई के दौरान बाहर जरुर गए थे, लेकिन उन्हें इस बात का इल्म नहीं था कि बात इतनी बढ़ जाएगी. उन्होंने कहा की वो बाहर व्यक्तिगत काम से गए थे, लेकिन बरसात के चलते फिर वो वापस विधानसभा नहीं आ पाए. उन्हें भाजपा विधायक गौतम मीणा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के समक्ष उन्होंने अपनी बात रख दी है और जो सवाल पूछे गए थे उसके जवाब भी दे दिया है.

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वहीं, इस मामले में मीडिया से बातचीत के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सारे पहलुओं को ध्यान में रखकर इन विधायकों से बात की गई है और व्यक्तिगत रूप से भी अलग-अलग एक-एक विधायक से उनका पक्ष जानना गया है. कटारिया ने कहा कि जो फीडबैक हमें मिला है उससे इनके द्वारा आए जवाब को चेक किया जाएगा और फिर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी इन से चर्चा करेंगे. इसके बाद आपस में चर्चा करने के बाद हम लोग इनके बारे में कोई निर्णय लेंगे.

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