जयपुर. राजधानी के रामनगरिया और श्याम नगर थाना इलाके में बदमाशों द्वारा व्यापारियों पर फायरिंग कर लूट की वारदात को अंजाम देने वाली गैंग का खुलासा करते हुए पुलिस ने तीन शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बदमाशों से वारदात में प्रयुक्त हथियार और वाहन भी बरामद किए हैं. गैंग का सरगना दिनेश दीक्षित है, जो कि नई दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में एक हत्या के प्रकरण में सजायाफ्ता है और वर्तमान में पैरोल पर चल रहा है. दिनेश दीक्षित ने अपने बेटे और दो अन्य साथियों के साथ मिलकर व्यापारियों पर फायरिंग कर लूट की वारदात को अंजाम देने की साजिश रची थी.
एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अजय पाल लांबा ने बताया, राजधानी में 4 अप्रैल को रामनगरिया थाना इलाके में प्रॉपर्टी कारोबारी सचिन जैन पर फायरिंग कर रुपए से भरा बैग लूटने का प्रयास किया गया था. हालांकि, सचिन ने बदमाशों से संघर्ष किया, जिसके चलते बदमाश रुपए से भरा बैग लूटकर ले जाने में सफल नहीं हो सके. उसके बाद बदमाशों द्वारा 11 अप्रैल को श्याम नगर थाना इलाके में पेप्सिको कंपनी के कैश कलेक्शन एजेंट विपुल गर्ग पर फायरिंग कर साढे सात लाख रुपए लूटे गए.
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व्यापारियों पर फायरिंग की दो वारदातों के बाद कमिश्नरेट स्पेशल टीम और डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम जुट गई. टेक्निकल इनपुट और लोकल इंटेलिजेंस के आधार पर सूचना प्राप्त हुई, दोनों ही वारदातों को एक ही गैंग द्वारा अंजाम दिया गया है. इसके बाद पुलिस द्वारा कार्रवाई करते हुए रामनगरिया थाना क्षेत्र से सोहेल उर्फ चिंटू, मंसूर आलम उर्फ वासू और इंद्रजीत सिंह उर्फ विक्की को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों के कब्जे से वारदात में प्रयुक्त हथियार बरामद किए जा चुके हैं. वहीं वारदात में प्रयुक्त कार और बाइक बरामद करने का प्रयास किया जा रहा है.
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पैरोल पर आए पिता ने अपने बेटे के साथ मिलकर रची वारदात
पुलिस की गिरफ्त में आए सोहेल उर्फ चिंटू के पिता दिनेश दीक्षित द्वारा फायरिंग कर लूट की वारदात को अंजाम देने की दोनों वारदातों की प्लानिंग की गई थी. दिनेश दीक्षित हत्या के प्रकरण में दिल्ली की तिहाड़ जेल में सजायाफ्ता है, जो कि 6 जुलाई 2020 को ही पैरोल पर बाहर आया है. कुछ महीने पहले ही दिनेश दीक्षित ने जयपुर आकर अपने पुत्र सोहेल उर्फ चिंटू को हथियार मुहैया करवाया. इसके बाद दिल्ली से अपने एक अन्य साथी मंसूर अली को जयपुर बुलाकर लूट की वारदातों को अंजाम देने के लिए तैयार किया.
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दिनेश दीक्षित पूर्व में व्यापारी सचिन जैन के साथ प्रॉपर्टी का काम कर चुका है, जिसके चलते उसने सचिन जैन को हथियार के दम पर लूटने की योजना बनाई. वारदात को अंजाम देने के लिए उसने अपने पुत्र सोहेल उर्फ चिंटू और अपने साथी मंसूर आलम का साथ लिया. वारदात को अंजाम देने के लिए मंसूर आलम ने अपने एक अन्य साथी इंद्रजीत सिंह उर्फ विक्की को दिल्ली से जयपुर बुलाया. उसके बाद दिनेश दीक्षित द्वारा सचिन जैन की रैकी की गई और 4 अप्रैल को वारदात को अंजाम दिया गया. उसके बाद बदमाशों द्वारा रैकी करने के बाद 11 अप्रैल को विपुल गर्ग पर फायरिंग कर लूट की वारदात को अंजाम दिया गया.
फिलहाल, प्रकरण में गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है, जिसमें कुछ अन्य वारदातों का खुलासा होने की संभावना है. वहीं प्रकरण में फरार चल रहे गैंग के सरगना दिनेश दीक्षित की तलाश में पुलिस जुटी हुई है.