जयपुर. पुलिस कमिश्नरेट की स्पेशल टीम ने फर्जी कॉल सेंटर का संचालन कर अमेरिकन नागरिकों से करोड़ों रुपए की ठगी करने वालों पर नकेल कसी है. पुलिस गिरफ्त में आए 23 शातिर ठगों से पूछताछ की जा रही है. पुलिस की कड़ी पूछताछ में आरोपी कैसे वारदात को अंजाम देते थे इसका भी खुलासा कर दिया है.
आरोपियों के मुताबिक कॉल सेंटर में उन्हीं लोगों को काम पर रखा जाता था जिनकी अंग्रेजी पर पकड़ काफी अच्छी होती है. ऐसे लोगों को रखा जाता था जो विदेशी नागरिकों से फोन के जरिए बेहतर कम्युनिकेशन कर सके याकिन की अपने जाल में अपनी बातों से फंसा सकें.
इसके साथ ही कुछ युवाओं को ट्रेनिंग के नाम पर भी कॉल सेंटर में काम करने के लिए रखा जाता और अमेरिकी नागरिकों को उनके जरिए बातों में उलझा कर ठगी के जाल में फंसाया जाता. एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि पुलिस द्वारा शिप्रा पथ और श्याम नगर थाना इलाके में 25 फरवरी को दो फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर गिरफ्तार किए गए 23 शातिर ठगों से पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.
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पुलिस गिरफ्त में आए ठाकुर नाम के शख्स ने बताया कि कॉल सेंटर का संचालन करने वाले गैंग के मास्टरमाइंड उन्हीं लोगों को काम पर रखते थे जिनकी इंग्लिश स्पीकिंग काफी अच्छी थी. ऐसे लोगों को सेलेक्ट करने के बाद उन्हें 15 से 20 दिन की अमेरिकन एक्सेंट की ट्रेनिंग दी जाती. इसके बाद गैंग के सदस्य विभिन्न वेबसाइट के माध्यम से उन अमेरिकी नागरिकों का डाटा कलेक्ट करते थे जिन्हें लोन की रिक्वायरमेंट हो.
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ऐसे अमेरिकन नागरिकों का डाटा इकट्ठा करने के बाद फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों से संपर्क साध उन्हें सस्ते दरों पर लोन दिलाने का झांसा देकर आरोपी ठगी का शिकार बनाते थे.