जयपुर. राजस्थान समेत देश के चार मंडियों में 1 दिन की हड़ताल का आह्वान किया गया है. केंद्र सरकार की कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश 2020 के विरोध में मंडी व्यापारी शुक्रवार को हड़ताल करने जा रहे हैं. राजस्थान में शुक्रवार को 247 मंडी बंद रहेगी.
प्रदेश के सभी मंडी व्यापारियों और आढ़तियों को व्यापार बंद करने के निर्देश दिए गए हैं. राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार महासंघ अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि केंद्र सरकार के कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश का विरोध मंडी के कारोबारी कर रहे हैं. उनका कहना है कि केंद्र सरकार से अध्यादेश के तहत मंडियों में सेस समेत सभी टैक्स समाप्त करने की मांग की गई है.
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केंद्र सरकार यह नहीं कर सकती है तो मंडी के बाहर कृषि जिंसों के खरीदने वाले व्यापारी आदि से भी मंडी टैक्स लेने का कानून बनाया जाए. अपनी इन्हीं मांगों को लेकर प्रदेश की 247 मंडियों में शुक्रवार को कारोबार बंद रहेगा. राजस्थान के अलावा हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ की मंडिया भी बंद रहेगी.
क्या है कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश 2020
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक 'कृषि और संबद्ध गतिविधियों में लगे किसानों और ग्रामीण भारत को आगे बढ़ाने के लक्ष्य के लिए भारत के राष्ट्रपति ने इन अध्यादेशों को अपनी मंजूरी दे दी है. सरकार ने 'कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020' को अधिसूचित किया. इसका लक्ष्य किसानों को राज्य के भीतर और अन्य राज्यों में अपनी पसंद के बाजार में कृषि उपज को बेचने की छूट देना है.
बिना पैन कार्ड खरीदारी नहीं कर सकेंगे व्यापारी
वहीं, एक अन्य अध्यादेश 'मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और सुरक्षा) समझौता अध्यादेश-2020' किसानों को प्रसंस्करण इकाइयों, थोक व्यापारियों, बड़ी खुदरा कंपनियों और निर्यातकों के साथ पहले से तय कीमतों पर समझौते की छूट देगा.कृषि उपज संगठनों (एफपीओ) या कृषि सहकारी संस्थाओं को छोड़कर अन्य कोई भी व्यापारी किसी भी सूचीबद्ध कृषि उत्पाद में पैन संख्या या अन्य तय दस्तावेज के बिना व्यापार नहीं कर सकेगा.
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भुगतान नहीं करने पर भरना होगा जुर्माना
किसान के साथ व्यापार करने वाले व्यापारी को किसान को उसी दिन या अधिकतम तीन कार्यदिवसों के भीतर भुगतान करना होगा. इस प्रावधान का उल्लंघन करने वाले व्यापारी पर व्यापारी पर न्यूनतम 25,000 रुपए और अधिकतम पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. तीन दिन के बाद भी व्यापारी किसान को भुगतान नहीं करता है तो हर दिन के हिसाब से 5,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान होगा और अधिकतम 5 लाख रुपये का जुर्माना देय होगा.