बीकानेर. राजस्थान के वीर शिरोमणि हल्दीघाटी युद्ध के विजेता महाराणा प्रताप की प्रतिमा अब विदेशी धरती पर उनके यश व संघर्ष की गाथा कहेगी. मूर्तिकार महावीर भारती ने बताया कि जयपुर स्थित भारती शिल्पकला स्टूडियो में प्रतिमाएं बनाई जा रही है. उन्हाेंने बताया कि अभी तक महाराणा प्रताप अपने स्वामिभक्त चेतक पर सवार प्रतिमाओं में ही देखे गए है. विदेशी धरती पर उनकी ये अलग तरह की पहली प्रतिमा स्थापित होगी.
महाराणा प्रताप हाथी रामप्रसाद पर सवार के साथ-साथ चेतक पर सवार प्रतिमा स्थापित की जाएगी. महारानी पद्मावती और राजस्थान के भागीरथ कहे जाने वाले राजा गंगासिंह की भव्य प्रतिमाएं भी तैयार की गई है. ये चारों प्रतिमाएं दुबई में शारजहां समुद्र के किनारे चोखी ढाणी रिसोर्ट में स्थापित की जायेंगी.
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दुबई एक्सपो में विजिट करने वाले पर्यटकों को भारत के गौरवशाली इतिहास के महत्वपूर्ण अंग रहे इन विभूतियों की अद्वितीय प्रतिमाओं के अवलोकन का अवसर मिलेगा. चोखी ढाणी के डायरेक्टर मेहुल वसनानी ने बताया कि मूर्तिकार महावीर भारती का चयन उनकी गुणवत्ता व वचनबद्ध कार्यशैली को देखकर किया गया है. इन सभी प्रतिमाओं के साथ उनके जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी शिलापट के द्वारा उकेरी भी जाएगी.
प्रतिमाओं की विशेषताएं
मूर्तिकार महावीर भारती ने बताया कि हाथी पर सवार प्रताप की प्रतिमा 14 फीट ऊंची व 2 टन वजनी है. जिनमें महाराणा प्रताप राजसी पोशाक व वैभव के साथ विराजमान है.एक हाथ मे तलवार व दूसरे हाथ मे स्वर्णमुद्राओं व धन से भरी पोटली है पीछे सेवक उनकी सेवा के लिए बैठे हैं. महावत एक हाथ मे घण्टी व दूसरे हाथ मे अंकुश लिए हुए है. हाथी व पालकी को डिजायनर निर्मला कुल्हरी की ओर से सुंदर सजाया गया है जिससे प्रतिमा देखने योग्य बनी है. चेतक पर सवार प्रतिमा 12.6 फीट ऊंची है.