बीकानेर. लगातार घाटे में चल रही राजस्थान रोडवेज प्रशासन ने जिले में बसों की रूटों को कम करने का निर्णय लिया है. प्रशासन ने यात्रियों को नई बसें देने की बजाय रूट को छोटा कर किमी घटाने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में अब प्रत्येक डिपो पर किमी घटाने की कवायद की जा रही है.
रोडवेज के अधिकारियों के मानें तो पिछले काफी समय से चल रहे टाइम टेबल में सुधार किया जा रहा है. घाटे वाले रूट या जिन रोड पर यात्री भार कम है उस जगह कम बसें चला कर किलोमीटर घटाए गए हैं. बीकानेर डिपो से चलने वाली बसों में लगभग 3 हजार किमी कम किए गए हैं जिससे रोडवेज को प्रतिदिन 60 लाख की बचत हो रही है. जबकि रोडवेज प्रबंधन की मानें तो उन गाड़ियों को बंद किया जा रहा है, जहां से रोडवेज को प्राइवेट बस संचालकों से कड़ी टक्कर मिल रही है.
इन रूटों में कई प्राइवेट गाड़ियां ऐसी है, जो रोडवेज की गाड़ी के आगे-पीछे चलती हैं. उदाहरण के तौर पर गंगानगर रूट, जहां प्राइवेट व अवैध बसों ने इस रूट को रोडवेज से हथिया लिया है, लेकिन मार्च-अप्रैल में नई बसे आने के बाद स्थिति में सुधार होगा.
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जोनल मैनेजर ने बताया कि पहले कम आय वाले रूटों की समीक्षा मुख्यालय पर की गई थी. उसके बाद रोडवेज मुख्यालय ने यह कदम उठाते हुए प्रति किमी कम आय वाले बसों के संचालन को कम करने के निर्देश दिए हैं. इसका मुख्य कारण हाईवे पर रोडवेज बसों के समानांतर निजी बसें लोक परिवहन वह अवैध वाहन हैं, जो अब धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं.
रोडवेज प्रशासन ने कई बार जिला प्रशासन परिवहन अधिकारी को पत्र लिखकर इन वाहनों पर अंकुश लगाने का आग्रह किया था. अधिकारी ने बताया कि रोडवेज के घाटे का मुख्य कारण अवैध रूप से चलने वाले निजी वाहन और लोक परिवहन वाहन हैं. ऐसे में यदि अवैध वाहनों का संचालन पर अंकुश लगता है, तो यह कदम रोडवेज के लिए फायदे का सौदा साबित होगा.