ETV Bharat / city

राजस्थान रोडवेज को घाटे से उबारने के लिए रूट छोटा करने की कवायद शुरू - बस समय सारणी बीकानेर

राजस्थान रोजवेज प्रशासन लगातार घाटे में चल रही है. इसके चलते रोजवेज प्रशासन ने बीकानेर में बसों के किमी (रूट छोटा करने) घटाने की तैयारी कर ली है. अब यहां बसों की रूट को 3 हजार किमी कम कर दिया गया है.

राजस्थान रोजवेज प्रशासन खबर, rajasthan roadways latest news, bikaner latest hindi news, buses time table bikaner, बस समय सारणी बीकानेर, बीकानेर लेटेस्ट हिंदी न्यूज
राजस्थान रोजवेज प्रशासन खबर, rajasthan roadways latest news, bikaner latest hindi news, buses time table bikaner, बस समय सारणी बीकानेर, बीकानेर लेटेस्ट हिंदी न्यूज
author img

By

Published : Dec 22, 2019, 5:29 PM IST

बीकानेर. लगातार घाटे में चल रही राजस्थान रोडवेज प्रशासन ने जिले में बसों की रूटों को कम करने का निर्णय लिया है. प्रशासन ने यात्रियों को नई बसें देने की बजाय रूट को छोटा कर किमी घटाने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में अब प्रत्येक डिपो पर किमी घटाने की कवायद की जा रही है.

रोडवेज के अधिकारियों के मानें तो पिछले काफी समय से चल रहे टाइम टेबल में सुधार किया जा रहा है. घाटे वाले रूट या जिन रोड पर यात्री भार कम है उस जगह कम बसें चला कर किलोमीटर घटाए गए हैं. बीकानेर डिपो से चलने वाली बसों में लगभग 3 हजार किमी कम किए गए हैं जिससे रोडवेज को प्रतिदिन 60 लाख की बचत हो रही है. जबकि रोडवेज प्रबंधन की मानें तो उन गाड़ियों को बंद किया जा रहा है, जहां से रोडवेज को प्राइवेट बस संचालकों से कड़ी टक्कर मिल रही है.

घाटे को कम करने किमी घटाने की हो रही कवायद

इन रूटों में कई प्राइवेट गाड़ियां ऐसी है, जो रोडवेज की गाड़ी के आगे-पीछे चलती हैं. उदाहरण के तौर पर गंगानगर रूट, जहां प्राइवेट व अवैध बसों ने इस रूट को रोडवेज से हथिया लिया है, लेकिन मार्च-अप्रैल में नई बसे आने के बाद स्थिति में सुधार होगा.

यह भी पढ़ें- जयपुरः CAA के खिलाफ पैदल मार्च पूरा कर मंच पर पहुंचे सीएम गहलोत, सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त

जोनल मैनेजर ने बताया कि पहले कम आय वाले रूटों की समीक्षा मुख्यालय पर की गई थी. उसके बाद रोडवेज मुख्यालय ने यह कदम उठाते हुए प्रति किमी कम आय वाले बसों के संचालन को कम करने के निर्देश दिए हैं. इसका मुख्य कारण हाईवे पर रोडवेज बसों के समानांतर निजी बसें लोक परिवहन वह अवैध वाहन हैं, जो अब धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं.

रोडवेज प्रशासन ने कई बार जिला प्रशासन परिवहन अधिकारी को पत्र लिखकर इन वाहनों पर अंकुश लगाने का आग्रह किया था. अधिकारी ने बताया कि रोडवेज के घाटे का मुख्य कारण अवैध रूप से चलने वाले निजी वाहन और लोक परिवहन वाहन हैं. ऐसे में यदि अवैध वाहनों का संचालन पर अंकुश लगता है, तो यह कदम रोडवेज के लिए फायदे का सौदा साबित होगा.

बीकानेर. लगातार घाटे में चल रही राजस्थान रोडवेज प्रशासन ने जिले में बसों की रूटों को कम करने का निर्णय लिया है. प्रशासन ने यात्रियों को नई बसें देने की बजाय रूट को छोटा कर किमी घटाने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में अब प्रत्येक डिपो पर किमी घटाने की कवायद की जा रही है.

रोडवेज के अधिकारियों के मानें तो पिछले काफी समय से चल रहे टाइम टेबल में सुधार किया जा रहा है. घाटे वाले रूट या जिन रोड पर यात्री भार कम है उस जगह कम बसें चला कर किलोमीटर घटाए गए हैं. बीकानेर डिपो से चलने वाली बसों में लगभग 3 हजार किमी कम किए गए हैं जिससे रोडवेज को प्रतिदिन 60 लाख की बचत हो रही है. जबकि रोडवेज प्रबंधन की मानें तो उन गाड़ियों को बंद किया जा रहा है, जहां से रोडवेज को प्राइवेट बस संचालकों से कड़ी टक्कर मिल रही है.

घाटे को कम करने किमी घटाने की हो रही कवायद

इन रूटों में कई प्राइवेट गाड़ियां ऐसी है, जो रोडवेज की गाड़ी के आगे-पीछे चलती हैं. उदाहरण के तौर पर गंगानगर रूट, जहां प्राइवेट व अवैध बसों ने इस रूट को रोडवेज से हथिया लिया है, लेकिन मार्च-अप्रैल में नई बसे आने के बाद स्थिति में सुधार होगा.

यह भी पढ़ें- जयपुरः CAA के खिलाफ पैदल मार्च पूरा कर मंच पर पहुंचे सीएम गहलोत, सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त

जोनल मैनेजर ने बताया कि पहले कम आय वाले रूटों की समीक्षा मुख्यालय पर की गई थी. उसके बाद रोडवेज मुख्यालय ने यह कदम उठाते हुए प्रति किमी कम आय वाले बसों के संचालन को कम करने के निर्देश दिए हैं. इसका मुख्य कारण हाईवे पर रोडवेज बसों के समानांतर निजी बसें लोक परिवहन वह अवैध वाहन हैं, जो अब धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं.

रोडवेज प्रशासन ने कई बार जिला प्रशासन परिवहन अधिकारी को पत्र लिखकर इन वाहनों पर अंकुश लगाने का आग्रह किया था. अधिकारी ने बताया कि रोडवेज के घाटे का मुख्य कारण अवैध रूप से चलने वाले निजी वाहन और लोक परिवहन वाहन हैं. ऐसे में यदि अवैध वाहनों का संचालन पर अंकुश लगता है, तो यह कदम रोडवेज के लिए फायदे का सौदा साबित होगा.

Intro:लगातार घाटे में चल रही राजस्थान रोडवेज प्रशासन ने इस ओर ध्यान तो दिया है लेकिन यात्रियों को नई बसें देने की बजाय रूट को छोटा कर किलोमीटर घटाने के निर्देश दिए हैं ।ऐसे में अब प्रत्येक डिपो पर किलोमीटर घटाने की कवायद की जा रही है ।रोडवेज के अधिकारियों के माने तो पिछले काफी समय से चल रहे टाइम टेबल में सुधार किया जा रहा है ।घाटे वाले रूट या जिन रोड पर यात्री भार कम है उस जगह कम बसें चला कर किलोमीटर घटाए गए हैं।Body:बीकानेर डिपो से चलने वाली बसों मैं लगभग 3000 किलोमीटर कम किए गए हैं जिससे रोडवेज को प्रतिदिन ₹600000 की बचत हो रही है रोडवेज प्रबंधन की माने तो उन गाड़ियों को बंद किया जा रहा है जहां रोडवेज को प्राइवेट बस संचालकों से कड़ी टक्कर मिल रही है इन रूटों में कई प्राइवेट गाड़ियां ऐसी है जो रोडवेज की गाड़ी के आगे पीछे चलती है उदाहरण के तौर पर गंगानगर रूट जहां प्राइवेट व अवैध बसों ने इस रूट को रोडवेज से हथिया लिया है लेकिन मार्च-अप्रैल में नई बसे आने के बाद स्थिति में सुधार होगा ऐसा आ जाए अधिकारियों का मानना हैConclusion:अधिकारियों ने बताया कि पहले कम आय वाले रूटों की समीक्षा मुख्यालय पर की गई थी उसके बाद रोडवेज मुख्यालय ने यह कदम उठाते हुए प्रति किलोमीटर कम आय वाले बसों के संचालन को कम करने के निर्देश दिए हैं‌‌। इसका मुख्य कारण हाईवे पर रोडवेज बसों के समानांतर निजी बसें लोक परिवहन वह अवैध वाहन हैं जो अब धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं ।रोडवेज प्रशासन ने अनेक बार जिला प्रशासन परिवहन अधिकारी को पत्र लिखकर इन वाहनों पर अंकुश लगाने का आग्रह किया था ।अधिकारियों ने बताया कि रोडवेज के घाटे का मुख्य कारण अवैध रूप से चलने वाले निजी वाहन और लोक परिवहन वाहन हैं ।ऐसे में यदि अवैध वाहनों का संचालन पर अंकुश लगता है तो यह कदम रोडवेज के लिए फायदे का सौदा साबित होगा।

बाइट ओम प्रकाश शर्मा, उपमहाप्रबंधक, जोनल मैनेजर।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.