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दूसरे राज्यों के फार्मूले का परीक्षण कर राजस्थान बोर्ड में होगा निर्णय - Rajasthan education department

कोरोना के चलते CBSE के बाद राजस्थान बोर्ड ने भी 10 और 12वीं परीक्षा को रद्द करते हुए विद्यार्थियों को क्रमोन्नत कर दिया था लेकिन क्रमोन्नति के बाद विद्यार्थियों का क्रमोन्नति का असेसमेंट किस आधार पर होगा और इसको सरकार स्तर पर कोई निर्णय नहीं हो पाया है.

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दूसरे राज्यों के फार्मूले का परीक्षण कर राजस्थान बोर्ड में होगा निर्णय
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Published : Jun 10, 2021, 11:07 PM IST

बीकानेर. प्रदेश में 10वीं और 12 वीं कक्षा के विद्यार्थियों को क्रमोन्नत करने के बाद अभी तक विद्यार्थियों के ग्रेडिंग असेसमेंट्स को लेकर कोई नीति नहीं बन पाई है. दरअसल प्रदेश 21 किस लाख स्टूडेंट्स को सरकार ने बिना परीक्षा दिए ही पास करने के निर्देश दिए थे और इसके लिए शिक्षा विभाग को विद्यार्थियों के भी परिणाम आकलन को लेकर नीति बनानी थी. सरकार की और से बनाई जाने वाली नीति को लेकर शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के बीच मंत्रणादी हुई और शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी भी दो दिन से जयपुर की दौरे पर है.

हालांकि सरकार के स्तर पर अभी तक मंथन का दौर जारी है. वहीं बताया जा रहा है कि देश के अन्य राज्यों में किए जाने वाले निर्णयों के परीक्षण के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है. बताया ज्यादा है कि सरकार स्तर पर अब तक इस बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं किया गया है, लेकिन एक्सपर्ट की राय को लेकर भी मशविरा किया जा रहा है. दरअसल CBSE और राजस्थान बोर्ड एक दूसरे के पूरक नहीं है ऐसे में CBSE और राजस्थान बोर्ड में किसी भी तरह के निर्णय को आधार मानना संभव नहीं लग रहा है.

पढ़ें: 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों का परिणाम जारी करने में इंटरनल अंक होंगे अहम

एक विद्यार्थी लगातार दूसरे साल क्रमोन्नत

दरअसल दसवीं और बारहवीं दोनों ही कक्षा की विद्यार्थियों को लगातार दूसरे साल बिना परीक्षा दिए पास किया गया है. पिछले साल बिना परीक्षा दिए नौंवी और 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों को पास किया गया था और अब इन्हीं विद्यार्थियों को पास किया गया है.

बीकानेर. प्रदेश में 10वीं और 12 वीं कक्षा के विद्यार्थियों को क्रमोन्नत करने के बाद अभी तक विद्यार्थियों के ग्रेडिंग असेसमेंट्स को लेकर कोई नीति नहीं बन पाई है. दरअसल प्रदेश 21 किस लाख स्टूडेंट्स को सरकार ने बिना परीक्षा दिए ही पास करने के निर्देश दिए थे और इसके लिए शिक्षा विभाग को विद्यार्थियों के भी परिणाम आकलन को लेकर नीति बनानी थी. सरकार की और से बनाई जाने वाली नीति को लेकर शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के बीच मंत्रणादी हुई और शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी भी दो दिन से जयपुर की दौरे पर है.

हालांकि सरकार के स्तर पर अभी तक मंथन का दौर जारी है. वहीं बताया जा रहा है कि देश के अन्य राज्यों में किए जाने वाले निर्णयों के परीक्षण के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है. बताया ज्यादा है कि सरकार स्तर पर अब तक इस बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं किया गया है, लेकिन एक्सपर्ट की राय को लेकर भी मशविरा किया जा रहा है. दरअसल CBSE और राजस्थान बोर्ड एक दूसरे के पूरक नहीं है ऐसे में CBSE और राजस्थान बोर्ड में किसी भी तरह के निर्णय को आधार मानना संभव नहीं लग रहा है.

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एक विद्यार्थी लगातार दूसरे साल क्रमोन्नत

दरअसल दसवीं और बारहवीं दोनों ही कक्षा की विद्यार्थियों को लगातार दूसरे साल बिना परीक्षा दिए पास किया गया है. पिछले साल बिना परीक्षा दिए नौंवी और 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों को पास किया गया था और अब इन्हीं विद्यार्थियों को पास किया गया है.

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