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SPECIAL: बीकानेर में कोरोना के आंकड़े डराने वाले, हर दिन बढ़ रही संक्रमितों की संख्या

बीकानेर में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. जैसे-जैसे दिन बीतता जा रहा है, वैसे-वैसे संक्रमण के नए मामले दोगनी रफ्तार से सामने आ रहे हैं. बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच चिकित्सा विभाग ने इसका तोड़ निकालते हुए रोगियों को कम करने का तरीका ढूंढ लिया है. देखिए खास रिपोर्ट...

Bikaner latest news, Bikaner Corona Update
बीकानेर में कोरोना के आंकड़ें डरावने वाले
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Published : Oct 19, 2020, 9:32 PM IST

बीकानेर. देश और दुनिया में लगातार बढ़ रहे कोरोना रोगियों की संख्या के बीच अब बीकानेर में भी महामारी ने रफ्तार पकड़ ली है. हर दिन बड़ी संख्या में पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं. बीकानेर पूरे प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव के आंकड़ों में तीसरे नंबर पर आ गया है. हालात यह है कि कोरोना को रोकने का दावा करने वाला चिकित्सा विभाग भी अब शायद हिम्मत छोड़ चुका है.

बीकानेर में कोरोना के आंकड़ें डरावने वाले

पहले खुद विभाग के अधिकारी कोरोना रोगी के सामने आने के बाद उसके संपर्क में आने वाले लोगों की जांच करवाने की बात कहते थे और ज्यादा से ज्यादा लोग लोगों को जांच के लिए प्रेरित करते थे. वहीं अब खुद सरकारी स्तर पर भी न सिर्फ जांच पर अंकुश लगा दिया गया है. बल्कि सामने आ रहे पॉजिटिव के आंकड़ों को भी कम करके बताया जा रहा है. दरअसल हर दिन बड़ी संख्या में सामने आने वाले पॉजिटिव मरीजों के बाद अब बढ़ते आंकड़ों को रोकने के लिए कोई कदम उठाने की बजाए जांचों को कम कर आंकड़ों पर नियंत्रण किया जा रहा है. हालांकि सरकारी स्तर पर प्रदेश सरकार के इस निर्णय की बात अधिकारी कहते हुए नजर आते हैं, लेकिन कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इनकार करते हैं.

कोरोना संक्रमण का बीकानेर में इतना स्प्रेड हो चुका है कि खुद जिले के कलेक्टर नमित मेहता, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य और पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक के साथ ही अतिरिक्त जिला कलेक्टर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भी पॉजिटिव हो चुके हैं. लगातार बाजारों में दिखती भीड़ और हाल ही में हुए पंचायत चुनाव के चलते अब पॉजिटिव बढ़ रहे हैं. बीकानेर में अप्रैल महीने में कोरोना का पहला मामला सामने आया था. दरअसल सितंबर महीने में बीकानेर में कोरोना के मामले बढ़ते गए और दूसरी ओर जांचों को कम कर दिया गया. अगस्त में जहां 60 हजार जांच हुई, वहीं सितंबर में 43 हजार जांच हुई. जबकि अगस्त में 2871 पॉजिटिव आए तो सितंबर में कम जांच होने के बावजूद 4641 पॉजिटिव रिपोर्ट हुए.

पढ़ेंः जोधपुर में नगर निगम चुनावों के लिए नामांकन हुए दाखिल, कोरोना गाइडलाइन का कराया गया पालन

इतना ही नहीं अब तक बीकानेर में सामने आए 12,500 के आंकड़ें भी वो हैं जो जिलास्तर से बताए जाते रहे हैं. इन आंकड़ों को भी सितंबर माह से वास्तविक संख्या से कम बताया जाता रहा है. लेकिन हैरत की बात तो यह है कि राज्य की ओर से जाने वाली सूची में आज भी बीकानेर का आंकड़ा 8500 ही बताया जा रहा है और मौत का आंकड़ा 166 के मुकाबले 122 ही बताया जा रहा है.

पढ़ेंः कोरोना काल में पीपीई किट पहनकर नामांकन दाखिल करने पहुंचा उम्मीदवार

उधर, विभाग की ओर से बोले जा रहे झूठ का खुलासा खुद विभाग की और से हर दिन तैयार होने वाली रिपोर्ट से भी हो रहा है. खुद बीकानेर के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से सरकार को हर दिन भेजी जाने वाली रिपोर्ट में बीकानेर में 12 हजार 500 के करीब पॉजिटिव बताए जा रहे हैं. वहीं मृतकों का आंकड़ा 166 बताया जा रहा है. लेकिन सरकार की मंशा के अनुरूप खुद सीएमएचओ डॉ. बीएल मीणा भी कैमरे के सामने सरकार की ओर से बताए जाने वाले आंकड़े को ही दोहराते हुए नजर आते हैं. लेकिन शायद वे यह भूल जाते हैं कि उनके द्वारा पूर्व में जारी किए गए आंकड़ों की संख्या और उनके द्वारा बताए गए आंकड़ों की संख्या का कोई मेल नहीं है.

पॉजिटिव आंकड़ों पर एक नजर

  • अप्रैल 37
  • मई में 69
  • जून में 228
  • जुलाई में 1696
  • अगस्त में 2871
  • सितंबर में 4641
  • अक्टूबर में 3000 हजार

जांच के आंकड़ों पर एक नजर

  • मार्च 101
  • अप्रैल 2075
  • मई 8096
  • जून 17042
  • जुलाई 39620
  • अगस्त 60315
  • सितंबर 43964

बीकानेर. देश और दुनिया में लगातार बढ़ रहे कोरोना रोगियों की संख्या के बीच अब बीकानेर में भी महामारी ने रफ्तार पकड़ ली है. हर दिन बड़ी संख्या में पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं. बीकानेर पूरे प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव के आंकड़ों में तीसरे नंबर पर आ गया है. हालात यह है कि कोरोना को रोकने का दावा करने वाला चिकित्सा विभाग भी अब शायद हिम्मत छोड़ चुका है.

बीकानेर में कोरोना के आंकड़ें डरावने वाले

पहले खुद विभाग के अधिकारी कोरोना रोगी के सामने आने के बाद उसके संपर्क में आने वाले लोगों की जांच करवाने की बात कहते थे और ज्यादा से ज्यादा लोग लोगों को जांच के लिए प्रेरित करते थे. वहीं अब खुद सरकारी स्तर पर भी न सिर्फ जांच पर अंकुश लगा दिया गया है. बल्कि सामने आ रहे पॉजिटिव के आंकड़ों को भी कम करके बताया जा रहा है. दरअसल हर दिन बड़ी संख्या में सामने आने वाले पॉजिटिव मरीजों के बाद अब बढ़ते आंकड़ों को रोकने के लिए कोई कदम उठाने की बजाए जांचों को कम कर आंकड़ों पर नियंत्रण किया जा रहा है. हालांकि सरकारी स्तर पर प्रदेश सरकार के इस निर्णय की बात अधिकारी कहते हुए नजर आते हैं, लेकिन कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इनकार करते हैं.

कोरोना संक्रमण का बीकानेर में इतना स्प्रेड हो चुका है कि खुद जिले के कलेक्टर नमित मेहता, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य और पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक के साथ ही अतिरिक्त जिला कलेक्टर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भी पॉजिटिव हो चुके हैं. लगातार बाजारों में दिखती भीड़ और हाल ही में हुए पंचायत चुनाव के चलते अब पॉजिटिव बढ़ रहे हैं. बीकानेर में अप्रैल महीने में कोरोना का पहला मामला सामने आया था. दरअसल सितंबर महीने में बीकानेर में कोरोना के मामले बढ़ते गए और दूसरी ओर जांचों को कम कर दिया गया. अगस्त में जहां 60 हजार जांच हुई, वहीं सितंबर में 43 हजार जांच हुई. जबकि अगस्त में 2871 पॉजिटिव आए तो सितंबर में कम जांच होने के बावजूद 4641 पॉजिटिव रिपोर्ट हुए.

पढ़ेंः जोधपुर में नगर निगम चुनावों के लिए नामांकन हुए दाखिल, कोरोना गाइडलाइन का कराया गया पालन

इतना ही नहीं अब तक बीकानेर में सामने आए 12,500 के आंकड़ें भी वो हैं जो जिलास्तर से बताए जाते रहे हैं. इन आंकड़ों को भी सितंबर माह से वास्तविक संख्या से कम बताया जाता रहा है. लेकिन हैरत की बात तो यह है कि राज्य की ओर से जाने वाली सूची में आज भी बीकानेर का आंकड़ा 8500 ही बताया जा रहा है और मौत का आंकड़ा 166 के मुकाबले 122 ही बताया जा रहा है.

पढ़ेंः कोरोना काल में पीपीई किट पहनकर नामांकन दाखिल करने पहुंचा उम्मीदवार

उधर, विभाग की ओर से बोले जा रहे झूठ का खुलासा खुद विभाग की और से हर दिन तैयार होने वाली रिपोर्ट से भी हो रहा है. खुद बीकानेर के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से सरकार को हर दिन भेजी जाने वाली रिपोर्ट में बीकानेर में 12 हजार 500 के करीब पॉजिटिव बताए जा रहे हैं. वहीं मृतकों का आंकड़ा 166 बताया जा रहा है. लेकिन सरकार की मंशा के अनुरूप खुद सीएमएचओ डॉ. बीएल मीणा भी कैमरे के सामने सरकार की ओर से बताए जाने वाले आंकड़े को ही दोहराते हुए नजर आते हैं. लेकिन शायद वे यह भूल जाते हैं कि उनके द्वारा पूर्व में जारी किए गए आंकड़ों की संख्या और उनके द्वारा बताए गए आंकड़ों की संख्या का कोई मेल नहीं है.

पॉजिटिव आंकड़ों पर एक नजर

  • अप्रैल 37
  • मई में 69
  • जून में 228
  • जुलाई में 1696
  • अगस्त में 2871
  • सितंबर में 4641
  • अक्टूबर में 3000 हजार

जांच के आंकड़ों पर एक नजर

  • मार्च 101
  • अप्रैल 2075
  • मई 8096
  • जून 17042
  • जुलाई 39620
  • अगस्त 60315
  • सितंबर 43964
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