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आप भी देख सकेंगे, बीकानेर को मिला वार ट्रॉफी टैंक T-55 - टैंक T-55 युद्ध ट्रॉफी

दुश्मनों को धूल चटाने वाले भारतीय सेना का टी-55 टैंक आम लोगों को बीकानेर में देखने को मिलेगा. मंगलवार को बीकानेर के सैनिक कल्याण अधिकारी कार्यालय के बाहर इस टैंक को स्थापित किया गया. इससे पहले बीकानेर के पब्लिक पार्क मे एक टैंक रखा हुआ है, जो पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने जीता था.

बीकानेर में टैंक टी -55, टैंक T-55 युद्ध ट्रॉफी, tank T-55 as war trophy, tank T-55 in Bikaner
बीकानेर पहुंचा टैंक T- 55
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Published : Mar 4, 2020, 7:19 PM IST

बीकानेर. पुणे स्थित खिड़की सैन्य छावनी से वार ट्रॉफी के रूप में टैंक T- 55 बीकानेर पहुंच गया है. आमजन के लिए बीकानेर में इसे जिला सैनिक कल्याण कार्यालय के बाहर स्थापित किया गया है. बीकानेर में सेना की ओर से वार ट्रॉफी के रूप में दो टैंक को स्थापित करने की मंजूरी दी गई थी. जिसमें से पहला टैंक मंगलवार को पहुंचा वहीं दूसरा टैंक भी जल्द पहुंचने की उम्मीद है.

बीकानेर पहुंचा टैंक T- 55

बीकानेर की जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल पीएस राठौड़ ने बताया कि इस टैंक के यहां स्थापित होने से आमजन इस को नजदीक से देख सकेंगे. इससे युवाओं में सेना के प्रति उत्सुकता और जागरूकता बढ़ेगी. वहीं पूर्व सैन्य अधिकारी ब्रिगेडियर जगमाल सिंह ने कहा कि यह बीकानेर के लिए गौरव की बात है कि, सेना का टैंक 55 बीकानेर में स्थापित हुआ है. उन्होंने कहा कि भले ही इस टैंक ने किसी भी युद्ध में भाग नहीं लिया हो, लेकिन कई ऑपरेशंस में टैंक का इस्तेमाल हुआ है.

ये पढ़ेंः बीकानेर: जनता क्लिनिक नहीं खोलने से नाराज ग्रामीणों ने शुरू किया अनशन

रिटायर्ड सैन्य अधिकारी कर्नल हेम सिंह शेखावत ने बताया कि सेना के प्रति जज्बा जुनून होना चाहिए. इस तरह की गतिविधियों से आमजन और खासकर युवाओं में सेना के प्रति क्रेज बढ़ता है. बीकानेर में इस टैंक का स्थापित होना वाकई में एक गर्व की बात है. साथ ही रिटायर्ड सूबेदार जे एस भाटी का कहना है कि वार ट्राफी के रूप में बीकानेर को मिला यह टैंक भारतीय सेना के शौर्य पराक्रम का साक्षात उदाहरण है.

इन खासियत से लबरेज है टैंक टी 55

1976 में बने यह टैंक भारतीय सेना ने रसिया से खरीदे थे. हालांकि इसके बाद कोई युद्ध नहीं हुआ. लेकिन सेना के विभिन्न ऑपरेशन में इन टैंकों का इस्तेमाल किया गया. करीब 40 टन वजनी इस टैंक में 105 mm की गन लगी हुई है, जो ढाई किलोमीटर तक सीधे हमला करने में सक्षम है. वहीं करीब 9 किलोमीटर तक इसका हमला करने की रेंज है.

बीकानेर. पुणे स्थित खिड़की सैन्य छावनी से वार ट्रॉफी के रूप में टैंक T- 55 बीकानेर पहुंच गया है. आमजन के लिए बीकानेर में इसे जिला सैनिक कल्याण कार्यालय के बाहर स्थापित किया गया है. बीकानेर में सेना की ओर से वार ट्रॉफी के रूप में दो टैंक को स्थापित करने की मंजूरी दी गई थी. जिसमें से पहला टैंक मंगलवार को पहुंचा वहीं दूसरा टैंक भी जल्द पहुंचने की उम्मीद है.

बीकानेर पहुंचा टैंक T- 55

बीकानेर की जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल पीएस राठौड़ ने बताया कि इस टैंक के यहां स्थापित होने से आमजन इस को नजदीक से देख सकेंगे. इससे युवाओं में सेना के प्रति उत्सुकता और जागरूकता बढ़ेगी. वहीं पूर्व सैन्य अधिकारी ब्रिगेडियर जगमाल सिंह ने कहा कि यह बीकानेर के लिए गौरव की बात है कि, सेना का टैंक 55 बीकानेर में स्थापित हुआ है. उन्होंने कहा कि भले ही इस टैंक ने किसी भी युद्ध में भाग नहीं लिया हो, लेकिन कई ऑपरेशंस में टैंक का इस्तेमाल हुआ है.

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रिटायर्ड सैन्य अधिकारी कर्नल हेम सिंह शेखावत ने बताया कि सेना के प्रति जज्बा जुनून होना चाहिए. इस तरह की गतिविधियों से आमजन और खासकर युवाओं में सेना के प्रति क्रेज बढ़ता है. बीकानेर में इस टैंक का स्थापित होना वाकई में एक गर्व की बात है. साथ ही रिटायर्ड सूबेदार जे एस भाटी का कहना है कि वार ट्राफी के रूप में बीकानेर को मिला यह टैंक भारतीय सेना के शौर्य पराक्रम का साक्षात उदाहरण है.

इन खासियत से लबरेज है टैंक टी 55

1976 में बने यह टैंक भारतीय सेना ने रसिया से खरीदे थे. हालांकि इसके बाद कोई युद्ध नहीं हुआ. लेकिन सेना के विभिन्न ऑपरेशन में इन टैंकों का इस्तेमाल किया गया. करीब 40 टन वजनी इस टैंक में 105 mm की गन लगी हुई है, जो ढाई किलोमीटर तक सीधे हमला करने में सक्षम है. वहीं करीब 9 किलोमीटर तक इसका हमला करने की रेंज है.

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