बीकानेर. 17 अगस्त 2009 की आम सभा में लिए गए निर्णय के अनुसार हर माह की 17 तारीख को प्रोटेस्ट डे मनाया जाता है. इसी के तहत शुक्रवार को शहर के एडवोकेट्स ने न्यायालय में पैरवी नहीं की. साथ ही संभाग मुख्यालय पर उच्च न्यायालय की बेंच स्थापित करने की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौपा.
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार पुरोहित ने बताया कि बीकानेर में वर्ष 1922 से 1950 तक बीकानेर हाईकोर्ट अस्तित्व में थी. जिसे बाद में राजस्थान के एकीकरण के पश्चात हाईकोर्ट को बीकानेर से हटाकर जोधपुर स्थानांतरण कर दिया गया. केंद्र सरकार की नीति के तहत आम आदमी को न्याय सुलभ और सुगम होना चाहिए.
इसी के तहत जिला न्यायालय को तहसील स्तर पर खोला जा रहा है. भारत जैसे बड़े देश में जहां लाखों मुकदमे अदालतों में लंबित है. ऐसे में हमारी मांग है कि हाईकोर्ट का भी विकेंद्रीकरण होना चाहिए.
माननीय विधि मंत्री भारत सरकार ने भी इस संबंध में उच्च स्तरीय कमेटी गठन की थी और विधि आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च न्यायालयों का विकेंद्रीकरण होना चाहिए. इसी मांग के तहत बीकानेर संभाग के सभी अधिवक्ताओं ने 125 दिनों तक हड़ताल भी रखी थी. बता दें कि बीकानेर के अधिवक्ता हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत है.