ETV Bharat / city

'तुम स्वर्ग गए पर भारत का इतिहास अमर कर चले गए..' पुलवामा शहीदों को कविता के जरिए श्रद्धांजलि

14 फरवरी के दिन जम्मू कश्मीर के पुलवामा में वर्ष 2019 में सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें देश के 40 जवान शहीद हुए. वीरों की शहादत की प्रथम बरसी पर पूरे देश में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जा रही है. ऐसे में राष्ट्रीय कवि नरेंद्र दाधीच ने ईटीवी भारत पर अपनी कविता के माध्यम से पुलवामा में शहीद हुए जवानों को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी है.

भीलवाड़ा न्यूज, tribute through poem
शहीद जवानों को दी अश्रुपूरित कविता से श्रद्धांजलि
author img

By

Published : Feb 14, 2020, 7:39 PM IST

भीलवाड़ा. पूरा देश पुलवामा में शहीद हुए जवानों की शहादत के 1 साल पूरा होने पर जवानों को श्रद्धांजलि दे रहा है. भीलवाड़ा से राष्ट्रीय कवि नरेंद्र दाधीच ने कविता के जरिए शहीद जवानों को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी है.

शहीद जवानों को दी अश्रुपूरित कविता से श्रद्धांजलि

उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा, कि सबसे बड़ी बात यह थी, कि इस घटना में सबसे ज्यादा युवा सैनिक थे. जिनकी उम्र 19 से 25 वर्ष के बीच रही होगी. इस उम्र का कोई सैनिक शहीद होता है तो गर्व भी होता है, कि वो देश के प्रति कुर्बान हुए हैं, लेकिन बहुत ज्यादा दुख भी होता है.

पढ़ें: भोपालगढ़ : आसोप पुलिस थाने के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन, SP ने बैठक भी ली

राष्ट्रीय कवि नरेंद्र दाधीच की पंक्तियां...

तुम भरी जवानी में मां का मस्तक ऊंचा कर चले गए, तुम स्वर्ग गए पर भारत का इतिहास अमर कर चले गए..

तुमसे ही शान तिरंगा है, तुमसे ही मान तिरंगा है..

तुम सीमाओं पर डटे रहे, तुमसे अभिमान तिरंगा है..

जो श्रोणित बहा लिखा उससे, जन गण मन गान तिरंगा है..

तुमसे धरती पर बना हुआ ,जंग का दीवान तिरंगा है..

तुम समर भूमि में गर्व ताज माथे पर धर चले गए,

तुम स्वर्ग गए पर भारत का इतिहास अमर कर चले गए..

खाकर के कसम भवानी की, संहार लिखा, तत्काल लिखा..

तुमने ही पाक धरा पर हथियारों से उनका काल लिखा,

तुम भीम बने, हनुमान बने, जो भी लिखा विकराल लिखा..

तुम रणचंडी के दूत बने, अरी मुण्डो का महाकाल लिखा..

तुम रक्षा वचन निभाने को, कर प्राण समर्पण चले गए,

तुम स्वर्ग गए पर भारत का इतिहास अमर कर चले गएयय

वो बहिना की राखी टूटी, पत्नी का सिंदूरी दर्पण, जिस पर अधिकार था मैया का, वो किया मातृ भू पर अर्पण..

वो प्यार पिता का अर्पण कर, था मान बढ़ाया माटी का, थी परंपरा कुल की सदियों से ,भान रखा परिपाटी का..

वो सजी दुल्हन द्वारे पर थी, तुम मौत वरण कर चले गए,

तुम भरी जवानी में मां का मस्तक ऊंचा कर चले गए,

तुम स्वर्ग गए पर भारत का इतिहास अमर कर चले गए

इसी कविता के माध्यम से राष्ट्रीय कवि नरेंद्र दाधीच ने पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी.

भीलवाड़ा. पूरा देश पुलवामा में शहीद हुए जवानों की शहादत के 1 साल पूरा होने पर जवानों को श्रद्धांजलि दे रहा है. भीलवाड़ा से राष्ट्रीय कवि नरेंद्र दाधीच ने कविता के जरिए शहीद जवानों को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी है.

शहीद जवानों को दी अश्रुपूरित कविता से श्रद्धांजलि

उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा, कि सबसे बड़ी बात यह थी, कि इस घटना में सबसे ज्यादा युवा सैनिक थे. जिनकी उम्र 19 से 25 वर्ष के बीच रही होगी. इस उम्र का कोई सैनिक शहीद होता है तो गर्व भी होता है, कि वो देश के प्रति कुर्बान हुए हैं, लेकिन बहुत ज्यादा दुख भी होता है.

पढ़ें: भोपालगढ़ : आसोप पुलिस थाने के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन, SP ने बैठक भी ली

राष्ट्रीय कवि नरेंद्र दाधीच की पंक्तियां...

तुम भरी जवानी में मां का मस्तक ऊंचा कर चले गए, तुम स्वर्ग गए पर भारत का इतिहास अमर कर चले गए..

तुमसे ही शान तिरंगा है, तुमसे ही मान तिरंगा है..

तुम सीमाओं पर डटे रहे, तुमसे अभिमान तिरंगा है..

जो श्रोणित बहा लिखा उससे, जन गण मन गान तिरंगा है..

तुमसे धरती पर बना हुआ ,जंग का दीवान तिरंगा है..

तुम समर भूमि में गर्व ताज माथे पर धर चले गए,

तुम स्वर्ग गए पर भारत का इतिहास अमर कर चले गए..

खाकर के कसम भवानी की, संहार लिखा, तत्काल लिखा..

तुमने ही पाक धरा पर हथियारों से उनका काल लिखा,

तुम भीम बने, हनुमान बने, जो भी लिखा विकराल लिखा..

तुम रणचंडी के दूत बने, अरी मुण्डो का महाकाल लिखा..

तुम रक्षा वचन निभाने को, कर प्राण समर्पण चले गए,

तुम स्वर्ग गए पर भारत का इतिहास अमर कर चले गएयय

वो बहिना की राखी टूटी, पत्नी का सिंदूरी दर्पण, जिस पर अधिकार था मैया का, वो किया मातृ भू पर अर्पण..

वो प्यार पिता का अर्पण कर, था मान बढ़ाया माटी का, थी परंपरा कुल की सदियों से ,भान रखा परिपाटी का..

वो सजी दुल्हन द्वारे पर थी, तुम मौत वरण कर चले गए,

तुम भरी जवानी में मां का मस्तक ऊंचा कर चले गए,

तुम स्वर्ग गए पर भारत का इतिहास अमर कर चले गए

इसी कविता के माध्यम से राष्ट्रीय कवि नरेंद्र दाधीच ने पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.