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स्पेशलः राजस्थान के इन जिलों में नाराज दिखे 'इंद्रदेव'...कम बारिश से रबी की फसल की बुआई पर पड़ेगा असर

पिछले साल की तुलना में इस साल भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले में बारिश कम हुई, जिससे इस जिलों के अधिकतर बांध पानी का इंतजार ही करते रह गए. ऐसे में इस बार पिछले साल की तुलना में तीनों जिलों में कम मात्रा में रबी की फसल की बुवाई होगी, जिससे इस बार किसानों की उम्मीद पर पानी फिरता नजर आ रहा है. किसानों को इस बार मनरेगा के तहत ही घर खर्च चलाने से उम्मीद है.

Bhilwara News, less rainfall, रबी की फसल
भीलवाड़ा में इस साल कम होगी रबी की फसल की बुआई
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Published : Nov 7, 2020, 2:33 PM IST

भीलवाड़ा. विश्वव्यापी कोरोना महामारी के चलते किसान भी इस साल खासे परेशान हैं. वहीं, इस बार खरीफ की फसल में ना के बराबर उपज हुई. इसके बाद किसान रबी की फसल से उम्मीद लगाए बैठे थे. लेकिन, इस साल भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले में बारिश कम हुई, जिससे इस जिलों के अधिकतर बांध पानी का इंतजार ही करते रह गए. इससे रबी की फसल की भी कम बुवाई होगी.

अब मानसून की विदाई हो चुकी है और कई बांधों में पानी नहीं आने के कारण पिछले साल की तुलना में इस बार कम मात्रा में रबी की फसल के रूप में गेहूं, जौ, चना, सरसों और तारामीरा फसल की बुवाई होगी. बांधों की स्थिति को समझने के लिए ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा में सिंचाई विभाग के कार्यालय पहुंची. यहां भीलवाड़ा सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता सत्यपाल मीणा ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल काफी कम मात्रा में बारिश हुई है. ऐसे में रबी की फसल की कम मात्रा में बुवाई हो रही है.

भीलवाड़ा में इस साल कम होगी रबी की फसल की बुआई

पढ़ें: Special: जल सरंक्षण ने बदल दी झुंझुनू के इस गांव की किस्मत, बढ़ गया फसलों का उत्पादन

अधीक्षण अभियंता सत्यपाल मीणा ने कहा कि भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले में कुल 113 बांध हैं. भीलवाड़ा जिले में 60 , चित्तौड़गढ़ जिले में 39 और प्रतापगढ़ जिले में 14 बांध स्थित हैं. इस साल बारिश कम हुई है. पिछले साल की तुलना में आधी बारिश हुई है. इससे भीलवाड़ा के 60 बांधों में से महज 3 बांध ही ओवरफ्लो हुए हैं. वहीं, 45 बांधों में 50-75 प्रतिशत पानी आया है और बाकी 12 बांध बिल्कुल खाली हैं. उन्होंने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिले में 39 बांधो में से एक बांध ओवरफ्लो हुआ है, जबकि 28 बांधों में 50-75 प्रतिशत पानी आया है. 10 बांध पानी का इंतजार करते रह गए. इसी तरह प्रतापगढ़ के 14 बांधों में से 12 बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं. 2 बांधों में आधा पानी आया है. इस तरह भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले में सबसे ज्यादा प्रतापगढ़ जिले में बांध लबालब हुए.

Bhilwara News, less rainfall,  बांधों में पानी
साल 2020 में बांधो में पानी का आंकड़ा

अधीक्षण अभियंता सत्यपाल मीणा के मुताबिक भीलवाड़ा जिले में 60 बांधों में से 35 बांध ओवरफ्लो हुए थे और 22 बांधों में 75 पानी आया था. 3 बांध ही खाली रहे थे. वहीं, चित्तौड़गढ़ जिले के साल 2019 में सभी बांध भर गए थे और प्रतापगढ़ जिले के भी सभी बांध पर गए थे. उन्होंने कहा कि किसानों को नहरों से सिंचाई के लिए कम पानी मिलेगा. ऐसे में किसानों से अपील है कि कम पाली वाली फसल की बुवाई करें.

Bhilwara News, less rainfall,  बांधों में पानी
साल 2019 में बांधों में पानी का आंकड़ा

इस संबंध में भीलवाड़ा कृषि विभाग के उपनिदेशक रामपाल खटीक ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि यहां इस बार रबी की फसल के रूप में गेहूं, जो ,सरसों, तारामीरा और चने की फसल की बुवाई हो रही है. हमने 2 लाख 47 हजार हेक्टेयर भूमि में बुवाई का लक्ष्य रखा है. पिछले साल जिले में तीन लाख एक हजार हेक्टेयर भूमि में बुवाई हुई थी. इससे जिले में बिल्कुल जमीन खाली नहीं थी. पिछले साल सबसे ज्यादा गेहूं और चने की बुवाई हुई थी. लेकिन, पिछले साल की तुलना में इस साल बांधों में पानी नहीं होने से बहुत कम बुआई हो रही है.

पढ़ें: Special : कोरोना काल में पटरी पर लौटा वस्त्र उद्योग...भीलवाड़ा के कपड़ों की विदेशों में भी बढ़ी मांग

वहीं, किसान रामगोपाल माली ने कहा कि गेहूं और सरसों की बुआई कम हो रही है. लेकिन, पिछले की तुलना में इस बार कम बारिश होने से हमारी उम्मीद पर पानी फिर गया है. उन्होंने कहा कि पहले हम दूसरे प्रदेश में आइसक्रीम से जुड़ा का काम करते थे. लेकिन, कोरोना के चलते वो भी चौपट हो गया है और यहां भी पानी नहीं है. कुछ कुओं में पानी है, जिससे कम मात्रा में रबी की फसल के रूप में गेहूं, जौ, सरसों, तारामीरा और चने की फसल की बुवाई हो रही है. अब मनरेगा से ही उम्मीद है.

भीलवाड़ा. विश्वव्यापी कोरोना महामारी के चलते किसान भी इस साल खासे परेशान हैं. वहीं, इस बार खरीफ की फसल में ना के बराबर उपज हुई. इसके बाद किसान रबी की फसल से उम्मीद लगाए बैठे थे. लेकिन, इस साल भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले में बारिश कम हुई, जिससे इस जिलों के अधिकतर बांध पानी का इंतजार ही करते रह गए. इससे रबी की फसल की भी कम बुवाई होगी.

अब मानसून की विदाई हो चुकी है और कई बांधों में पानी नहीं आने के कारण पिछले साल की तुलना में इस बार कम मात्रा में रबी की फसल के रूप में गेहूं, जौ, चना, सरसों और तारामीरा फसल की बुवाई होगी. बांधों की स्थिति को समझने के लिए ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा में सिंचाई विभाग के कार्यालय पहुंची. यहां भीलवाड़ा सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता सत्यपाल मीणा ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल काफी कम मात्रा में बारिश हुई है. ऐसे में रबी की फसल की कम मात्रा में बुवाई हो रही है.

भीलवाड़ा में इस साल कम होगी रबी की फसल की बुआई

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अधीक्षण अभियंता सत्यपाल मीणा ने कहा कि भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले में कुल 113 बांध हैं. भीलवाड़ा जिले में 60 , चित्तौड़गढ़ जिले में 39 और प्रतापगढ़ जिले में 14 बांध स्थित हैं. इस साल बारिश कम हुई है. पिछले साल की तुलना में आधी बारिश हुई है. इससे भीलवाड़ा के 60 बांधों में से महज 3 बांध ही ओवरफ्लो हुए हैं. वहीं, 45 बांधों में 50-75 प्रतिशत पानी आया है और बाकी 12 बांध बिल्कुल खाली हैं. उन्होंने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिले में 39 बांधो में से एक बांध ओवरफ्लो हुआ है, जबकि 28 बांधों में 50-75 प्रतिशत पानी आया है. 10 बांध पानी का इंतजार करते रह गए. इसी तरह प्रतापगढ़ के 14 बांधों में से 12 बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं. 2 बांधों में आधा पानी आया है. इस तरह भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले में सबसे ज्यादा प्रतापगढ़ जिले में बांध लबालब हुए.

Bhilwara News, less rainfall,  बांधों में पानी
साल 2020 में बांधो में पानी का आंकड़ा

अधीक्षण अभियंता सत्यपाल मीणा के मुताबिक भीलवाड़ा जिले में 60 बांधों में से 35 बांध ओवरफ्लो हुए थे और 22 बांधों में 75 पानी आया था. 3 बांध ही खाली रहे थे. वहीं, चित्तौड़गढ़ जिले के साल 2019 में सभी बांध भर गए थे और प्रतापगढ़ जिले के भी सभी बांध पर गए थे. उन्होंने कहा कि किसानों को नहरों से सिंचाई के लिए कम पानी मिलेगा. ऐसे में किसानों से अपील है कि कम पाली वाली फसल की बुवाई करें.

Bhilwara News, less rainfall,  बांधों में पानी
साल 2019 में बांधों में पानी का आंकड़ा

इस संबंध में भीलवाड़ा कृषि विभाग के उपनिदेशक रामपाल खटीक ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि यहां इस बार रबी की फसल के रूप में गेहूं, जो ,सरसों, तारामीरा और चने की फसल की बुवाई हो रही है. हमने 2 लाख 47 हजार हेक्टेयर भूमि में बुवाई का लक्ष्य रखा है. पिछले साल जिले में तीन लाख एक हजार हेक्टेयर भूमि में बुवाई हुई थी. इससे जिले में बिल्कुल जमीन खाली नहीं थी. पिछले साल सबसे ज्यादा गेहूं और चने की बुवाई हुई थी. लेकिन, पिछले साल की तुलना में इस साल बांधों में पानी नहीं होने से बहुत कम बुआई हो रही है.

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वहीं, किसान रामगोपाल माली ने कहा कि गेहूं और सरसों की बुआई कम हो रही है. लेकिन, पिछले की तुलना में इस बार कम बारिश होने से हमारी उम्मीद पर पानी फिर गया है. उन्होंने कहा कि पहले हम दूसरे प्रदेश में आइसक्रीम से जुड़ा का काम करते थे. लेकिन, कोरोना के चलते वो भी चौपट हो गया है और यहां भी पानी नहीं है. कुछ कुओं में पानी है, जिससे कम मात्रा में रबी की फसल के रूप में गेहूं, जौ, सरसों, तारामीरा और चने की फसल की बुवाई हो रही है. अब मनरेगा से ही उम्मीद है.

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