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भीलवाड़ा : रिमझिम बारिश से फसलों में बढ़ने लगा पीलापन

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Published : Aug 9, 2019, 12:12 PM IST

भीलवाड़ा जिले में खरीफ की फसलों में रिमझिम बरसात के कारण दलहनी फसलों में पीलापन का प्रकोप बढ़ने लगा है. वहीं पीलापन के साथ-साथ कीटों का भी प्रकोप बढ़ रहा है. पीलापन और कीटों के प्रकोप को रोकने के लिए कृषि उपनिदेशक डॉ चावला ने किसानों को फसल के बचाव का तरीका बताया है.

भीलवाड़ा : रिमझिम बरसात से फसलों में बढ़ने लगा पीलापन का प्रकोप

भीलवाड़ा. जिले में खरीफ की फसलों में रिमझिम बरसात का प्रभाव अब धीरे-धीरे दिखाई देने लगा है. खरीफ की फसलों में रिमझिम बरसात के कारण दलहनी फसलों में पीलापन का प्रकोप बढ़ने लगा है. वहीं पीलापन के साथ-साथ कीटों का भी प्रकोप बढ़ रहा है, जिससे किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखाई देने लगी हैं.

भीलवाड़ा : रिमझिम बरसात से फसलों में बढ़ने लगा पीलापन का प्रकोप


भीलवाड़ा में पिछले 15 दिन से कभी धूप तो कभी रिमझिम बरसात के कारण दलहनी फसल जैसे उड़द, मूंग, चवला और तिलहन की फसल को नुकसान हो रहा है. इन फसलों में ज्यादा पानी लगने की वजह से फसल पीला पड़ता जा रहा है. वहीं छोटे-छोटे कीट भी फसलों में होने लगे हैं, जिससे फसलों को नुकसान हो रहा है.

पढ़ें - उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू 14 अगस्त को जयपुर में
भीलवाड़ा कृषि उपनिदेशक डॉ चावला ने किसानों को फसल के बचाव का तरीका बताया है. उन्होंने कहा कि जिले में रिमझिम बरसात के कारण फसलों में पीलापन के साथ ही कीटों का प्रकोप बढ़ने लगा है. इसके रोकथाम के लिए जिले के समस्त कृषि पर्यवेक्षक किसानों के खेतों में जाकर उक्त फसल का बारीकी से निरीक्षण करेंगें और किसानों को इस फसल के बचाव के लिए आवश्यक उपाय भी बताएंगें. उन्होंने बताया कि जिले में खरीफ की फसल के लिए पर्याप्त मात्रा में आदान उपलब्ध है, जहां जिले के समस्त सहकारी समितियों के साथ-साथ निजी दुकानों पर भरपूर मात्रा में यूरिया खाद उपलब्ध है. डॉ चावला ने बताया कि फसलों में पीलापन नाइट्रोजन की कमी के कारण होता है. नाइट्रोजन की कमी को दूर करने के लिए यूरिया खाद का छिड़काव करना चाहिए, जिससे फसलों में पीलापन का प्रकोप खत्म हो सके.

पढ़ें - नेताजी चाहते हैं महंगाई सूचकांक की तरह ही उनके वेतन-भत्ते भी बढ़ते रहें​​​​​​​
भीलवाड़ा कृषि उपनिदेशक ने बताया कि जिले में इस बार कृषि विभाग द्वारा 4 लाख 39 हजार हेक्टेयर भूमि में खरीफ की फसल की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है जिसमें से किसानों ने 91 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है. किसानों ने इस बार मूंग, उड़द, तिल, बाजरा, कपास, सोयाबीन, मक्का और मूंगफली की फसल बोई हुई है.

भीलवाड़ा. जिले में खरीफ की फसलों में रिमझिम बरसात का प्रभाव अब धीरे-धीरे दिखाई देने लगा है. खरीफ की फसलों में रिमझिम बरसात के कारण दलहनी फसलों में पीलापन का प्रकोप बढ़ने लगा है. वहीं पीलापन के साथ-साथ कीटों का भी प्रकोप बढ़ रहा है, जिससे किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखाई देने लगी हैं.

भीलवाड़ा : रिमझिम बरसात से फसलों में बढ़ने लगा पीलापन का प्रकोप


भीलवाड़ा में पिछले 15 दिन से कभी धूप तो कभी रिमझिम बरसात के कारण दलहनी फसल जैसे उड़द, मूंग, चवला और तिलहन की फसल को नुकसान हो रहा है. इन फसलों में ज्यादा पानी लगने की वजह से फसल पीला पड़ता जा रहा है. वहीं छोटे-छोटे कीट भी फसलों में होने लगे हैं, जिससे फसलों को नुकसान हो रहा है.

पढ़ें - उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू 14 अगस्त को जयपुर में
भीलवाड़ा कृषि उपनिदेशक डॉ चावला ने किसानों को फसल के बचाव का तरीका बताया है. उन्होंने कहा कि जिले में रिमझिम बरसात के कारण फसलों में पीलापन के साथ ही कीटों का प्रकोप बढ़ने लगा है. इसके रोकथाम के लिए जिले के समस्त कृषि पर्यवेक्षक किसानों के खेतों में जाकर उक्त फसल का बारीकी से निरीक्षण करेंगें और किसानों को इस फसल के बचाव के लिए आवश्यक उपाय भी बताएंगें. उन्होंने बताया कि जिले में खरीफ की फसल के लिए पर्याप्त मात्रा में आदान उपलब्ध है, जहां जिले के समस्त सहकारी समितियों के साथ-साथ निजी दुकानों पर भरपूर मात्रा में यूरिया खाद उपलब्ध है. डॉ चावला ने बताया कि फसलों में पीलापन नाइट्रोजन की कमी के कारण होता है. नाइट्रोजन की कमी को दूर करने के लिए यूरिया खाद का छिड़काव करना चाहिए, जिससे फसलों में पीलापन का प्रकोप खत्म हो सके.

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भीलवाड़ा कृषि उपनिदेशक ने बताया कि जिले में इस बार कृषि विभाग द्वारा 4 लाख 39 हजार हेक्टेयर भूमि में खरीफ की फसल की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है जिसमें से किसानों ने 91 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है. किसानों ने इस बार मूंग, उड़द, तिल, बाजरा, कपास, सोयाबीन, मक्का और मूंगफली की फसल बोई हुई है.

Intro:भीलवाड़ा - भीलवाड़ा जिले में खरीफ की फसलों में रिमझिम बरसात का प्रभाव अब धीरे-धीरे दिखाई देने लगा है । जिससे जिले में खरीफ की फसल के रूप में वोई गई दलहनी फसलों में पीलापन के साथ ही कीटों का प्रकोप बढ़ने लग गया है। जिससे किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखाई देने लग गई है।


Body:जिले में पिछले 15 दिन से कभी धूप तो कभी रिमझिम बरसात के कारण जिले में खरीफ की फसल के रूप में बोई गई दलहनी फसलों यानी उड़द ,मूंग, चवला और तिलहन की फसल में नुकसान होने लग गया है। इन फसलों में अब धीरे-धीरे ज्यादा पानी की वजह से पीलापन का प्रकोप बढ़ने लग गया है। इसी के साथ ही छोटे-छोटे कीट भी इन फसलों में होने लगे हैं जिससे फसलों में नुकसान की आशंका को देखते हुए किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें देखी जा रही है।
भीलवाड़ा जिले में किसानों को फसल के बचाव के ईटीवी भारत पर तरीका बताते हुए भीलवाड़ा कृषि उपनिदेशक डॉ चावला ने कहा कि जिले में रिमझिम बरसात के कारण फसलों में पीलापन के साथ ही कीटों का प्रकोप बढ़ने लगा है। इसके रोकथाम के लिए हमने जिले के समस्त कृषि पर्यवेक्षकों को निर्देश दिए कि वह पूरे जिले में किसानों के खेतों में जाकर उक्त फसल का बारीकी से निरीक्षण करें और किसानों को इस फसल के बचाव के लिए आवश्यक उपाय बताएं । साथ ही जिले में खरीफ की फसल के लिए पर्याप्त मात्रा में आदान उपलब्ध है। जहां जिले के समस्त है सहकारी समितियों के साथ ही निजी दुकानों पर भरपूर मात्रा में यूरिया खाद उपलब्ध है। इन फसलों में पीलापन को खत्म करने के लिए इन फसलों में नाइट्रोजन की कमी होती है जिसके कारण फसलों में पीलापन का प्रकोप बढ़ता है । नाइट्रोजन की कमी दूर करने के लिए यूरिया खाद का छिड़काव करना चाहिये ।जिससे इन फसलों में पीलापन का प्रकोप खत्म हो सके। साथ ही जिले में इस बार कृषि विभाग द्वारा 439000 हेक्टेयर भूमि में खरीफ की फसल की बुवाई का लक्ष्य रखा है। जहां इस बार किसानों ने 3,99,968 यानी 91% लक्ष्य हासिल कर लिया है । किसानों ने इस बार मूंग ,उड़द ,तिल ,बाजरा, कपास, सोयाबीन, मक्का और मूंगफली की फसल बोई हुई है।
अब देखना यह होगा कि पशुओं में कीटों का प्रकोप बढ़ा है इनकी रोकथाम के लिए कृषि विभाग के साथ ही कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को क्या उपाय बताते हैं जिससे इस बार खरीफ की फसल का उत्पादन अच्छा हो सके।

सोम दत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

बाईट- डां. जी.एल.चावला
कृषि उपनिदेशक , भीलवाड़ा


Conclusion:
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