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भीलवाड़ा: मनरेगा में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष आधे से भी कम मजदूर कर रहे हैं काम - कोरोना वायरस न्यूज

भीलवाड़ा में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार मनरेगा में आधे से कम मजदूर काम कर रहे हैं. पिछले वर्ष कोरोना के समय देश में सबसे ज्यादा मनरेगा श्रमिक भीलवाड़ा में कार्यरत थे. इस बार दो लाख का आंकड़ा भी नहीं छू पाए हैं. इसको लेकर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

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मनरेगा में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष आधे से भी कम मजदूर कर रहे हैं काम
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Published : Mar 14, 2021, 2:36 PM IST

भीलवाड़ा. जिले में गत वर्ष की तुलना में इस बार मनरेगा में आधे से कम मजदूर काम कर रहे हैं, जहां गत वर्ष कोरोना के समय देश में सबसे ज्यादा मनरेगा श्रमिक भीलवाड़ा में कार्यरत है. इस बार दो लाख का आंकड़ा भी नहीं छू पाए हैं. वहीं भीलवाड़ा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि गर्मी की ऋतु में अधिक से अधिक लोगों को मनरेगा में रोजगार मिले. भीलवाड़ा जिले में पंचायत राज विभाग की ओर से महात्मा गांधी नरेगा योजना में गत वर्ष की तुलना में इस बार श्रमिक कम काम कर रहे हैं, जहां गत वर्ष में भीलवाड़ा जिला देश में अव्वल रहा था, लेकिन इस बार दो लाख का आंकड़ा भी नहीं छु पाया है.

मनरेगा में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष आधे से भी कम मजदूर कर रहे हैं काम

वहीं हाल ही में मनरेगा कमिश्नर ने भी भीलवाड़ा मनरेगा कार्य स्थल का जायजा लिया. इस दौरान जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामचंद्र बैरवा को निर्देश दिए कि भीलवाड़ा जिले में अधिक से अधिक मनरेगा में श्रमिकों को रोजगार मिले. मनरेगा को लेकर भीलवाड़ा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामचंद्र बैरवा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि भीलवाड़ा जिले में वर्तमान में 1 लाख 72 हजार 538 मनरेगा में श्रमिक काम कर रहे हैं. इस समय जिले की प्रत्येक पंचायत क्षेत्र के प्रत्येक गांव में काम चल रहा है. सभी जगह सामूहिक नेचर के काम करवाए जा रहे हैं.

साथ ही मनरेगा में मजदूरी कम के सवाल पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि जिले में सभी जगह मनरेगा श्रमिकों को 180 से 200 रुपए तक पेमेंट मिल रहा है और कोशिश कर रहे हैं. जिले में अधिकांश श्रमिकों का मार्च माह के अंत तक 100 दिन पूरे हो जाएं. वहीं भीलवाड़ा जिले में गत वर्ष चार लाख श्रमिक काम कर रहे थे, जिस पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि उस समय कोरोना संक्रमण की वजह से देश भर में लोक डाउन था. इस कारण यहां के प्रवासी मजदूर वापस यहां आने के कारण अधिकतम मनरेगा में काम करते थे.

यह भी पढ़ें- व्यापारी से लूट मामले में कोटपूतली पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

इसलिए देश में सबसे ज्यादा मनरेगा श्रमिक भीलवाड़ा में काम करते थे, लेकिन वर्तमान में यह आंकड़ा कम है. उन्होंने कहा कि हम कोशिश कर रहे हैं कि धीरे-धीरे और श्रमिकों को रोजगार मिले. साथ ही हमने कार्यस्थल पर तमाम व्यवस्था के लिए जिले के तमाम विकास अधिकारियों को भी निर्देश दे रखे हैं. हम अच्छा अचीवमेंट करने के कारण स्टेट टेबल पर तो अग्रणी जिलों में शामिल है. अब देखना यह होगा कि सरकार की महत्वपूर्ण योजना मनरेगा में श्रमिकों को अधिक से अधिक रोजगार मिले इसके लिए भीलवाड़ा जिला परिषद प्रशासन क्या पहल करता है, जिसे ज्यादा रोजगार के साथ ही ज्यादा मजदूरी मिल सके.

भीलवाड़ा. जिले में गत वर्ष की तुलना में इस बार मनरेगा में आधे से कम मजदूर काम कर रहे हैं, जहां गत वर्ष कोरोना के समय देश में सबसे ज्यादा मनरेगा श्रमिक भीलवाड़ा में कार्यरत है. इस बार दो लाख का आंकड़ा भी नहीं छू पाए हैं. वहीं भीलवाड़ा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि गर्मी की ऋतु में अधिक से अधिक लोगों को मनरेगा में रोजगार मिले. भीलवाड़ा जिले में पंचायत राज विभाग की ओर से महात्मा गांधी नरेगा योजना में गत वर्ष की तुलना में इस बार श्रमिक कम काम कर रहे हैं, जहां गत वर्ष में भीलवाड़ा जिला देश में अव्वल रहा था, लेकिन इस बार दो लाख का आंकड़ा भी नहीं छु पाया है.

मनरेगा में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष आधे से भी कम मजदूर कर रहे हैं काम

वहीं हाल ही में मनरेगा कमिश्नर ने भी भीलवाड़ा मनरेगा कार्य स्थल का जायजा लिया. इस दौरान जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामचंद्र बैरवा को निर्देश दिए कि भीलवाड़ा जिले में अधिक से अधिक मनरेगा में श्रमिकों को रोजगार मिले. मनरेगा को लेकर भीलवाड़ा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामचंद्र बैरवा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि भीलवाड़ा जिले में वर्तमान में 1 लाख 72 हजार 538 मनरेगा में श्रमिक काम कर रहे हैं. इस समय जिले की प्रत्येक पंचायत क्षेत्र के प्रत्येक गांव में काम चल रहा है. सभी जगह सामूहिक नेचर के काम करवाए जा रहे हैं.

साथ ही मनरेगा में मजदूरी कम के सवाल पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि जिले में सभी जगह मनरेगा श्रमिकों को 180 से 200 रुपए तक पेमेंट मिल रहा है और कोशिश कर रहे हैं. जिले में अधिकांश श्रमिकों का मार्च माह के अंत तक 100 दिन पूरे हो जाएं. वहीं भीलवाड़ा जिले में गत वर्ष चार लाख श्रमिक काम कर रहे थे, जिस पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि उस समय कोरोना संक्रमण की वजह से देश भर में लोक डाउन था. इस कारण यहां के प्रवासी मजदूर वापस यहां आने के कारण अधिकतम मनरेगा में काम करते थे.

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इसलिए देश में सबसे ज्यादा मनरेगा श्रमिक भीलवाड़ा में काम करते थे, लेकिन वर्तमान में यह आंकड़ा कम है. उन्होंने कहा कि हम कोशिश कर रहे हैं कि धीरे-धीरे और श्रमिकों को रोजगार मिले. साथ ही हमने कार्यस्थल पर तमाम व्यवस्था के लिए जिले के तमाम विकास अधिकारियों को भी निर्देश दे रखे हैं. हम अच्छा अचीवमेंट करने के कारण स्टेट टेबल पर तो अग्रणी जिलों में शामिल है. अब देखना यह होगा कि सरकार की महत्वपूर्ण योजना मनरेगा में श्रमिकों को अधिक से अधिक रोजगार मिले इसके लिए भीलवाड़ा जिला परिषद प्रशासन क्या पहल करता है, जिसे ज्यादा रोजगार के साथ ही ज्यादा मजदूरी मिल सके.

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