भीलवाड़ा. प्रदेश के मुख्यमंत्री रविवार को एक दिवसीय दौरे पर भीलवाड़ा पहुंचे. जहां हाल ही में थल सेनाध्यक्ष द्वारा संसद के आदेश के बाद पीओके को भारत में मिलाने के बयान के पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह पहले थल सेनाध्यक्ष है. जिन्होंने इस तरह के बयान दिए हैं. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ऐसे सेंसेटिव विषय पर समस्त विपक्षी पार्टियों को कॉन्फिडेंस में लेने के बाद ही राजनेताओं और थल सेना अध्यक्ष को बयान देने चाहिए.
बता दें कि प्रदेश के मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष अपने एक दिवसीय दौरे पर भीलवाड़ा जिले के बड़लियास गांव में पहुंचे, जहां भीलवाड़ा जिले के वरिष्ठ कांग्रेस राजनेता कुंवर देवेंद्र सिंह के निधन पर उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होकर पुष्प चक्र अर्पित किया और परिवार के लोगों को ढाढस बंधाया.
वहीं पीओके पर कब्जे को लेकर थल सेनाध्यक्ष के संसद के आदेश के इंतजार के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सेंसिटिव मामला है मेरे लिए कमेंट करना उचित नहीं है. यह पहले सेनाध्यक्ष ऐसे हैं, जिन्होंने इस तरह की बात कही. मैं समझता हूं कोई भी ऐसे मामले में प्रधानमंत्री को चाहिए कि वह विपक्ष की पार्टियों को विश्वास में लेना चाहिए. सरकार की सोच क्या है. इसके बाद सेनाध्यक्ष और नेता को कमेंट करना चाहिए.
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क्या था सेनाध्यक्ष का बयान...
आपको बता दें कि सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शनिवार को कहा था कि देश की संसद अगर आदेश देगी, तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर हमारा होगा. उन्होंने कहा कि PoK भारत का हिस्सा है और जब भी संसद से हमें आदेश मिलेगा, तो हम इस पर कार्रवाई करेंगे.