भरतपुर. केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान और बंध बारैठा अभ्यारण्य में वन्यजीवों की गणना शुरू हो गई है. इसके लिए केवलादेव घना में 30 वाटर होल्स बनाए गए हैं और बंध बारैठा अभयारण्य में 10 वाटर होल्स बनाए गए हैं. यह वन्यजीव गणना हर साल पूर्णमासी की रात को की जाती है. लेकिन शुक्रवार रात को मौसम खराब होने की वजह से वन्यजीव गणना में परेशानी आई. जल्द ही गणना की रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी.
बंध बारैठा के रेंजर जतन सिंह ने बताया कि वन्य जीव गणना के लिए 225 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले बंध बारैठा रेंज के बारैठा रेंज में तीन, बंसी पहाड़पुर में तीन, कोट में दो और शाहपुर नाका क्षेत्र में 2 प्वॉइंट बनाए गए हैं. सभी प्वॉइंट पर 2-2 लोगों की टीम के साथ स्थानीय दो वन्यकर्मियों की ड्यूटी भी लगाई गई है. वन्य जीव गणना के आंकड़े शनिवार शाम तक प्राप्त होने की संभावना है.
लॉकडाउन के चलते टल गई थी गणना
असल में अभी तक मई महीने में आने वाली बुद्ध पूर्णिमा के दिन वन्यजीव गणना होती आई है. पूर्णमासी की रात में चंद्रमा की रोशनी में आसानी से वन्यजीवों की गणना हो जाती है. इसीलिए हर साल पूर्णमासी की रात को ही वन्यजीव गणना की जाती है. लेकिन इस साल लॉकडाउन के चलते गणना को टाल दिया गया था और इसीलिए शुक्रवार से शनिवार तक गणना की गई.
मोबाइल और धूम्रपान पर रही पाबंदी
रेंजर जतन सिंह ने बताया कि वन्यजीव गणना के दौरान कर्मचारियों के मोबाइल और धूम्रपान पर सख्ती से पाबंदी रहती है. इस दौरान कोई भी वन्यकर्मी ना तो मोबाइल का इस्तेमाल कर सकता है और ना ही किसी प्रकार की खुशबू वाली चीज का उपयोग कर सकता है. इसके पीछे की वजह यह है कि वन्यजीवों में सूंघने की शक्ति इतनी तेज होती है कि जरा सी हलचल होते ही या खुशबू महसूस होते ही वन्यजीव भाग जाते हैं.
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गौरतलब है कि हर वर्ष भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान और बंध बारैठा क्षेत्र में वन्यजीव गणना की जाती है. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के कारण यह गणना एक माह देरी से की जा रही है.