भरतपुर. राजस्थान और उत्तर प्रदेश के ऊंचा नगला बॉर्डर पर मंगलवार को दिन भर अनुमति के इंतजार में 500 बसें खड़ी रही. राजस्थान सरकार की ओर से इन बसों को उत्तर प्रदेश में फंसे प्रवासी राजस्थानियों को लाने के लिए भेजा जाना था, लेकिन उत्तरप्रदेश सरकार ने देर शाम तक इनको प्रवेश की अनुमति नहीं दी.
ऊंचा नगला बॉर्डर पर ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में उत्तर प्रदेश के किरावली जिले के उपखंड अधिकारी नंदकिशोर ने बताया, कि राजस्थान सरकार की ओर से वाहन और वाहन चालकों के सभी कागजात उत्तर प्रदेश सरकार को उपलब्ध नहीं कराए हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश है कि जब तक राजस्थान सरकार की ओर से सभी कागजात उपलब्ध नहीं कराए जाएंगे तब तक बसों को उत्तर प्रदेश में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.
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नंदकिशोर ने बताया कि सुबह से ही दोनों प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों की बातचीत का दौर जारी रहा. एसडीएम किरावली का आरोप है कि राजस्थान सरकार की ओर से भेजी जाने वाली करीब 500 बसों की फिटनेस सर्टिफिकेट, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस आदि उचित और पूरे कागजात अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार को उपलब्ध नहीं कराए गए हैं. यही वजह है कि इन बसों को अभी तक उत्तर प्रदेश में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है.
एसडीएम किरावली ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि जब तक राजस्थान सरकार की ओर से सभी कागजात उपलब्ध नहीं कराए जाएंगे तब तक बसों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. नंदकिशोर ने बताया कि प्रवासी राजस्थानियों को उत्तर प्रदेश में ठहराने और खाने-पीने की सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. प्रवासी राजस्थानियों का उत्तर प्रदेश सरकार पूरा ख्याल रख रही है.
गौरतलब है कि मंगलवार सुबह से ही राजस्थान सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में प्रवासी राजस्थानियों को लाने के लिए भेजी गई 500 बसें ऊंचा नगला बॉर्डर पर खड़ी रही. लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें उत्तर प्रदेश में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई.