भरतपुर. बीते दो माह की बरसात ने केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पानी की पूर्ति कर दी है. जंगल में चारों तरफ पक्षियों की बढ़ती संख्या दिखने लगी (migratory birds in Keoladeo National Park) है. पर्यटन सीजन के पहले महीने में ही उद्यान में करीब 100 से अधिक प्रजाति के देसी विदेशी पक्षियों ने डेरा डाल लिया है. पेड़ों पर घोंसलों में नवजात पक्षियों का कलरव भी गूंजने लगा है. ऐसे में उद्यान से जुड़े नेचर गाइड और अन्य लोगों में इस पर्यटन सीजन से अच्छी उम्मीद जाग गई है. घना में पर्यटकों का आना भी शुरू हो गया है.
इन प्रजातियों के पक्षी पहुंचे: नेचर गाइड अंसार खान ने बताया कि घना में सितंबर और अक्टूबर माह में हुई बरसात से काफी पर्याप्त मात्रा में पानी मिल गया है. अच्छी मात्रा में पानी मिलने की वजह से उद्यान में देसी-विदेशी पक्षी पहुंचने लगे हैं. खान ने बताया कि उद्यान में ओपन बिल स्टार्क, पेंटेड स्टार्क, आईबिस समेत सेंट्रल एशिया से गार्गनी, पिंटेल, शोबलर, कॉमन टील भी पहुंच गए हैं. इन दिनों उद्यान में करीब 100 से अधिक प्रजाति के पक्षियों ने नेस्टिंग कर ली है. आसपास के जंगल में भी पक्षियों ने अच्छी मात्रा में नेस्टिंग की है. स्पूनबिल, ईग्रेट, आईबिस के घोंसलों में नवजात पक्षियों का कलरव सुनाई देने लगा है.
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400 एमसीएफटी से अधिक पानी मिला: उद्यान में यूं तो एक पर्यटन सीजन के लिए करीब 550 एमसीएफटी पानी की जरूरत होती है. इस बार मानसूनी सीजन में कम बरसात के चलते घना की जरूरत पूरी नहीं हो पाई. लेकिन लौटते मानसून की बरसात और अक्टूबर माह में हुई बरसात से घना इस सीजन में जलसंकट से उबर गया. उद्यान को करीब 400 एमसीएफटी से अधिक पानी की आवक हुई है. जिससे उद्यान की रौनक लौट आई है.
पहुंचने लगे पर्यटक: अक्टूबर माह को पर्यटन का पहला महीना माना जाता है, लेकिन उद्यान में सितंबर माह में ही अच्छी संख्या में पर्यटक पहुंचना शुरू हो गए थे. सितंबर माह में घना में कुल 4013 पर्यटक पहुंचे, जिनमें 235 विदेशी पर्यटक शामिल थे. वहीं अक्टूबर माह में भी पर्यटक अच्छी संख्या में पहुंच रहे हैं. वीकेंड में पूरे एनसीआर और उत्तर प्रदेश के पर्यटक अच्छी संख्या में घना घूमने आ रहे हैं.