भरतपुर. राजस्थान के बॉर्डर क्षेत्र के भरतपुर जिले में क्राइम तेजी से बढ़ रहा है. लेकिन अपराध को नियंत्रित करने के लिए जिला पुलिस के पास ना तो पर्याप्त स्टाफ है और ना ही पर्याप्त वाहन. जिले के पुलिस विभाग में लंबे समय से चल रहे संसाधनों (Bharatpur Police Lacks Resources) की कमी के कारण पुलिस को क्राइम कंट्रोल करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
पुलिस विभाग में नफरी में वर्तमान में 1060 पद स्वीकृत हैं. लेकिन स्वीकृत नफरी के मुकाबले हैड कांस्टेबल से लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर तक के 378 (35%) पुलिस अधिकारियों के पद रिक्त (378 Posts Also Vacant) हैं. इनमें स्वीकृत नफरी के मुकाबले जिला पुलिस में 1 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 4 उप पुलिस अधीक्षक, 4 पुलिस निरीक्षक, 65 उप निरीक्षक, 228 सहायक पुलिस निरीक्षक और 76 हैड कांस्टेबलों की कमी है.
58 वाहनों की कमी
इतना ही नहीं जिला पुलिस के बेड़े में स्वीकृत वाहनों की संख्या के मुकाबले छोटे-बड़े 58 वाहनों की कमी चल रही है. 36 लाइट मोटर व्हीकलों की कमी है. नव सृजित सीओ के लिए 4, नव सृजित पुलिस थानों के लिए 2, अन्य पुलिस थानों के नकारा वाहनों के बदले 15, हाईवे पेट्रोलिंग के लिए 5, एस्कॉर्ट ड्यूटी के लिए 4 और पुलिस लाइन रिजर्व के लिए 2 एलएमवी वाहनों की जरूरत है. वहीं डीएसटी टीम सहित साइबर सैल, डीएसबी, मानव तस्करी विरोधी यूनिट के लिए भी 1-1 एलएमवी की आवश्यकता है. साथ ही पुलिस के बेड़े को अभी भी 5 मिनी बस, 3 बड़ी बसों के अलावा 14 दुपहिया वाहनों की आवश्यकता है.
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हालांकि पुलिस के बेड़े में छोटे-बड़े 255 वाहन हैं, लेकिन जरूरत के लिए अभी भी 58 वाहन (Bharatpur Police Lacks Resources) की ओर आवश्यकता है. पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार विश्नोई ने बताया कि जिला पुलिस में स्टाफ और वाहनों की जरूरत संबंधी रिपोर्ट हर महीने मुख्यालय भेजी जाती है. जिला पुलिस उपलब्ध संसाधनों से ही क्राइम कंट्रोल करने का प्रयास करती है.