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Bharatpur Co Operative bank Fraud: 323 अशिक्षित किसानों के नाम पर डकार लिए 2.62 करोड़, 3 आरोपी निलंबित...जांच के लिए विशेष टीम गठित - loan sanctioned to illiterate farmers

दी भरतपुर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक में किसानों के नाम पर करोड़ों की हेरफेर (Bharatpur Co Operative bank Fraud) होने पर 3 को निलंबित कर दिया गया. जिन 323 किसानों का डाटा पोर्टल पर अपलोड किया उन किसानों ने ऋण लिया ही नहीं था. फर्जी प्रमाणीकरण करवा बकाया राशि से करीब 3 गुना ज्यादा ऋण माफ करवा कर पूरा पैसा हड़प लिया.

Bharatpur Co Operative bank Fraud
323 अशिक्षित किसानों के नाम पर डकार लिए 2.62 करोड़
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Published : Apr 2, 2022, 12:12 PM IST

Updated : Apr 2, 2022, 1:02 PM IST

भरतपुर. जिले की दी भरतपुर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक (Bharatpur Co Operative bank Fraud) में किसानों के नाम पर 2.62 करोड़ के घोटाले (misappropriation Bharatpur cooperative bank money) का सनसनीखेज मामला सामने आया है. इस पूरे घोटाले में दो तत्कालीन शाखा प्रबंधक और ग्राम सेवा समिति के व्यवस्थापक मिले हुए हैं. तीनों आरोपियों को बैंक के एमडी आरपी मीणा ने निलंबित कर उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने के निर्देश दे दिए हैं साथ ही पूरे मामले की जांच के लिए शनिवार को विशेष टीम भी गठित की है. चौंकाने वाली बात यह है कि तीनों आरोपियों ने जिन किसानों के नाम पर फर्जी ऋण माफी का खेल किया है उनमें से अधिकतर किसान अशिक्षित हैं.

बिना ऋण लिए माफ करवाया: जानकारी के अनुसार बैंक एमडी आरपी मीणा ने 9 जून 2021 को कामां शाखा में ऋण माफी की अनियमितताओं की जांच के आदेश दिए थे. जांच अधिकारी की रिपोर्ट में व्यवस्थापक रुकमदेव द्वारा फर्जीवाड़ा करने की तथ्य स्पष्ट की पुष्टि हो गई. असल में कामां क्षेत्र के बमनवाडी ग्राम सेवा समिति के व्यवस्थापक रुकमदेव शर्मा उर्फ पिंटू ने क्षेत्र के 323 किसानों का डाटा पोर्टल पर अपलोड कर दिया जबकि उन किसानों ने ऋण लिया ही नहीं (agricultural loans to farmers) था.

वहीं किसानों का फर्जी प्रमाणीकरण करवा कर 30 नवंबर 2018 को बकाया राशि से करीब 3 गुना ज्यादा ऋण माफ करवा कर पूरा पैसा हड़प लिया. जानकारी के अनुसार व्यवस्थापक ने यह पूरा पैसा समिति के बचत खातों में जमा करा दिया और उसके बाद धीरे-धीरे करके पूरा पैसा निकाल कर निजी उपयोग में काम ले लिया. जबकि नियम अनुसार समिति का पैसा कोई भी व्यवस्थापक निजी काम में नहीं ले सकता.

पढ़ें- Bharatpur ACB Action in Kota: सीनियर डीसीएम 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

ऑडिट सालों से था पेंडिंग: जांच में ये बात भी सामने आई है कि बमनवाडी ग्राम सेवा समिति के व्यवस्थापक रुकमदेव ने वर्ष 2010-11 से अब तक कोई ऑडिट नहीं कराई थी. जिसका खुलासा होने पर 22 मार्च को जिला स्तरीय परामर्श दात्री समिति ने उसे सस्पेंड कर दिया. द भरतपुर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के मैनेजर दिलबाग सिंह और नवीन गौतम का सर्विस रिकॉर्ड सवालों के घेरे में रहा है. दोनों ने डीग में भी फर्जी ऋण माफी और गबन किया था. उन मामलों में भी कार्रवाई चल रही है.

अशिक्षित किसान निशाने पर: जांच में सामने आया है कि जिन 323 किसानों के नाम पर फर्जी ऋण माफी का खेल किया गया है, उनमें से अधिकतर किसान मुस्लिम समुदाय के हैं. साथ ही अधिकतर किसान अशिक्षित भी हैं. इन सभी किसानों को बरगला कर और गलत जानकारी देकर अंगूठा लगवाया गया. चूंकि ये पढ़ लिख नहीं सकते थे तो इन्हें कागजी औपचारिकाताओं का ज्ञान भी नहीं था इसलिए ये फ्रॉड अफसरों के आसान टारगेट बने.

सभी शाखाओं में निर्देश चस्पा किए: बैंक के एमडी आर पी मीणा ने बताया कि पूरे मामले में तीनों आरोपियों को बर्खास्त कर एफ आई आर दर्ज कराने के निर्देश दे दिए हैं. साथ ही इस पूरे मामले की विशेष जांच के लिए शनिवार सुबह एक विशेष टीम गठित की गई है, जोकि 3 से 4 दिन में और गहराई से जांच करेगी. इससे संबंधित सभी निर्देश विभिन्न शाखाओं में चस्पा कर दिए गए हैं.

भरतपुर. जिले की दी भरतपुर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक (Bharatpur Co Operative bank Fraud) में किसानों के नाम पर 2.62 करोड़ के घोटाले (misappropriation Bharatpur cooperative bank money) का सनसनीखेज मामला सामने आया है. इस पूरे घोटाले में दो तत्कालीन शाखा प्रबंधक और ग्राम सेवा समिति के व्यवस्थापक मिले हुए हैं. तीनों आरोपियों को बैंक के एमडी आरपी मीणा ने निलंबित कर उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने के निर्देश दे दिए हैं साथ ही पूरे मामले की जांच के लिए शनिवार को विशेष टीम भी गठित की है. चौंकाने वाली बात यह है कि तीनों आरोपियों ने जिन किसानों के नाम पर फर्जी ऋण माफी का खेल किया है उनमें से अधिकतर किसान अशिक्षित हैं.

बिना ऋण लिए माफ करवाया: जानकारी के अनुसार बैंक एमडी आरपी मीणा ने 9 जून 2021 को कामां शाखा में ऋण माफी की अनियमितताओं की जांच के आदेश दिए थे. जांच अधिकारी की रिपोर्ट में व्यवस्थापक रुकमदेव द्वारा फर्जीवाड़ा करने की तथ्य स्पष्ट की पुष्टि हो गई. असल में कामां क्षेत्र के बमनवाडी ग्राम सेवा समिति के व्यवस्थापक रुकमदेव शर्मा उर्फ पिंटू ने क्षेत्र के 323 किसानों का डाटा पोर्टल पर अपलोड कर दिया जबकि उन किसानों ने ऋण लिया ही नहीं (agricultural loans to farmers) था.

वहीं किसानों का फर्जी प्रमाणीकरण करवा कर 30 नवंबर 2018 को बकाया राशि से करीब 3 गुना ज्यादा ऋण माफ करवा कर पूरा पैसा हड़प लिया. जानकारी के अनुसार व्यवस्थापक ने यह पूरा पैसा समिति के बचत खातों में जमा करा दिया और उसके बाद धीरे-धीरे करके पूरा पैसा निकाल कर निजी उपयोग में काम ले लिया. जबकि नियम अनुसार समिति का पैसा कोई भी व्यवस्थापक निजी काम में नहीं ले सकता.

पढ़ें- Bharatpur ACB Action in Kota: सीनियर डीसीएम 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

ऑडिट सालों से था पेंडिंग: जांच में ये बात भी सामने आई है कि बमनवाडी ग्राम सेवा समिति के व्यवस्थापक रुकमदेव ने वर्ष 2010-11 से अब तक कोई ऑडिट नहीं कराई थी. जिसका खुलासा होने पर 22 मार्च को जिला स्तरीय परामर्श दात्री समिति ने उसे सस्पेंड कर दिया. द भरतपुर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के मैनेजर दिलबाग सिंह और नवीन गौतम का सर्विस रिकॉर्ड सवालों के घेरे में रहा है. दोनों ने डीग में भी फर्जी ऋण माफी और गबन किया था. उन मामलों में भी कार्रवाई चल रही है.

अशिक्षित किसान निशाने पर: जांच में सामने आया है कि जिन 323 किसानों के नाम पर फर्जी ऋण माफी का खेल किया गया है, उनमें से अधिकतर किसान मुस्लिम समुदाय के हैं. साथ ही अधिकतर किसान अशिक्षित भी हैं. इन सभी किसानों को बरगला कर और गलत जानकारी देकर अंगूठा लगवाया गया. चूंकि ये पढ़ लिख नहीं सकते थे तो इन्हें कागजी औपचारिकाताओं का ज्ञान भी नहीं था इसलिए ये फ्रॉड अफसरों के आसान टारगेट बने.

सभी शाखाओं में निर्देश चस्पा किए: बैंक के एमडी आर पी मीणा ने बताया कि पूरे मामले में तीनों आरोपियों को बर्खास्त कर एफ आई आर दर्ज कराने के निर्देश दे दिए हैं. साथ ही इस पूरे मामले की विशेष जांच के लिए शनिवार सुबह एक विशेष टीम गठित की गई है, जोकि 3 से 4 दिन में और गहराई से जांच करेगी. इससे संबंधित सभी निर्देश विभिन्न शाखाओं में चस्पा कर दिए गए हैं.

Last Updated : Apr 2, 2022, 1:02 PM IST
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