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भरतपुर : क्षेत्र में हुई ओलावृष्टि को लेकर कलेक्टर ने की सर्वे के लिए टीम गठित, होगा फसल खराबे का आंकलन

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Published : Feb 5, 2021, 8:17 PM IST

भरतपुर के कामां में गुरुवार शाम को हुई ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो गई है. जिसके आंकलन के लिए अब जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने सर्वे के लिए एक टीम का गठन किया है. ये टीम ओलावृष्टि से खराब हुई फसल का आंकलन कर रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी. जिससे किसानों को उनकी फसलों का उचित मुआवजा मिल सके.

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ओले के कारण खराब हुई फसल का हो आंकलन

कामां (भरतपुर). जिले के कामां कस्बे सहित ग्रामीण क्षेत्र में गुरुवार शाम को आई तेज बारिश के साथ करीब 15 मिनट तक पड़े ओले की वजह से किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. जिसे लेकर किसान काफी परेशान हैं और किसानों ने मुआवजा दिलाने की मांग की है.

कामां विधायक जाहिदा खान ने भरतपुर जिला कलेक्टर नथमल डिडेल से वार्ता कर किसानों कि खराब फसल का आंकलन कर तुरंत प्रभाव से राज्य सरकार की सहायता दिलाने को लेकर चर्चा की. जिसके बाद कलेक्टर ने सर्वे करने के लिए टीमों का गठन किया है.

ओले के कारण खराब हुई फसल का हो आंकलन

भरतपुर जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने बताया कि गुरुवार शाम को कामां कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्रों में ओलावृष्टि होने की सूचना कामां विधायक जाहिदा खान और एसडीएम विनोद कुमार मीणा ने दी है. विधायक जाहिदा खान के दूरभाष पर वार्ता के बाद एसडीएम विनोद मीणा को कामां क्षेत्र में ओलावृष्टि से हुए फसल के नुकसान के आंकलन करने के निर्देश दिए हैं. शीघ्र ही कामां क्षेत्र के अंदर जहां-जहां ओलावृष्टि से किसानों की फसल खराब हुई है उन किसानों की फसलों का आंकलन कराया जा रहा है.

पिछले साल भरतपुर जिले के 5 उपखंडों में ओलावृष्टि हुई थी जिनको राज्य सरकार और कंपनी की तरफ से करीब 120 करोड़ का मुआवजा दिया गया था. इस बार भी प्रशासन पूर्ण तरीके से संवेदनशील है और कामां विधायक जाहिदा खान ने भी दूरभाष पर अवगत करा दिया है, लेकिन ओलावृष्टि के बाद नियम अनुसार 72 घंटे में इसकी सूचना देनी होती है. जो सूचना तीन माध्यमों से दी जा सकती है जिसमें सबसे पहले कंपनी के टोल फ्री नंबर या एग्रीकल्चर सुपरवाइजर और पटवारी के माध्यम से किसान अपनी फसल खराबी की सूचना दे सकता है.

पढ़ें- कृषि कानूनों के खिलाफ विश्वेंद्र सिंह की किसान महापंचायत...6 जनवरी को UP के लोग भी होंगे शामिल

इसके संबंध में कामां उपखंड अधिकारी विनोद कुमार मीणा को निर्देश देकर ओलावृष्टि का आंकलन करने के लिए टीमों का गठन करा दिया गया है. ये टीम ओलावृष्टि से खराब हुई फसल का आंकलन करके रिपोर्ट देगी, जिससे ये सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी व्यक्ति का कोई नुकसान नहीं हो और उसे पर्याप्त मुआवजा राज्य सरकार की ओर से दिया जा सके.

उल्लेखनीय है कि कामां क्षेत्र में गुरुवार को हुई ओलावृष्टि के चलते करीब 1 दर्जन गांवों और कामां कस्बा में किसानों की फसल खराब हो गई है जिसे लेकर क्षेत्र के किसान काफी चिंतित हैं और सरकार से उम्मीद लगा रहे हैं कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में मुआवजा मिल सके.

कामां (भरतपुर). जिले के कामां कस्बे सहित ग्रामीण क्षेत्र में गुरुवार शाम को आई तेज बारिश के साथ करीब 15 मिनट तक पड़े ओले की वजह से किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. जिसे लेकर किसान काफी परेशान हैं और किसानों ने मुआवजा दिलाने की मांग की है.

कामां विधायक जाहिदा खान ने भरतपुर जिला कलेक्टर नथमल डिडेल से वार्ता कर किसानों कि खराब फसल का आंकलन कर तुरंत प्रभाव से राज्य सरकार की सहायता दिलाने को लेकर चर्चा की. जिसके बाद कलेक्टर ने सर्वे करने के लिए टीमों का गठन किया है.

ओले के कारण खराब हुई फसल का हो आंकलन

भरतपुर जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने बताया कि गुरुवार शाम को कामां कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्रों में ओलावृष्टि होने की सूचना कामां विधायक जाहिदा खान और एसडीएम विनोद कुमार मीणा ने दी है. विधायक जाहिदा खान के दूरभाष पर वार्ता के बाद एसडीएम विनोद मीणा को कामां क्षेत्र में ओलावृष्टि से हुए फसल के नुकसान के आंकलन करने के निर्देश दिए हैं. शीघ्र ही कामां क्षेत्र के अंदर जहां-जहां ओलावृष्टि से किसानों की फसल खराब हुई है उन किसानों की फसलों का आंकलन कराया जा रहा है.

पिछले साल भरतपुर जिले के 5 उपखंडों में ओलावृष्टि हुई थी जिनको राज्य सरकार और कंपनी की तरफ से करीब 120 करोड़ का मुआवजा दिया गया था. इस बार भी प्रशासन पूर्ण तरीके से संवेदनशील है और कामां विधायक जाहिदा खान ने भी दूरभाष पर अवगत करा दिया है, लेकिन ओलावृष्टि के बाद नियम अनुसार 72 घंटे में इसकी सूचना देनी होती है. जो सूचना तीन माध्यमों से दी जा सकती है जिसमें सबसे पहले कंपनी के टोल फ्री नंबर या एग्रीकल्चर सुपरवाइजर और पटवारी के माध्यम से किसान अपनी फसल खराबी की सूचना दे सकता है.

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इसके संबंध में कामां उपखंड अधिकारी विनोद कुमार मीणा को निर्देश देकर ओलावृष्टि का आंकलन करने के लिए टीमों का गठन करा दिया गया है. ये टीम ओलावृष्टि से खराब हुई फसल का आंकलन करके रिपोर्ट देगी, जिससे ये सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी व्यक्ति का कोई नुकसान नहीं हो और उसे पर्याप्त मुआवजा राज्य सरकार की ओर से दिया जा सके.

उल्लेखनीय है कि कामां क्षेत्र में गुरुवार को हुई ओलावृष्टि के चलते करीब 1 दर्जन गांवों और कामां कस्बा में किसानों की फसल खराब हो गई है जिसे लेकर क्षेत्र के किसान काफी चिंतित हैं और सरकार से उम्मीद लगा रहे हैं कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में मुआवजा मिल सके.

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