भरतपुर. बीते कई महीने से कोरोना संक्रमण के साए में जीवन जी रहे लोग अनलॉक के बाद अब बाजार और मंदिरों में भी जाने लगे हैं. मंदिरों में पहुंच रहे श्रद्धालुओं की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. लेकिन साथ ही कोरोना संक्रमण का खतरा अभी भी मंडरा रहा है. यही वजह है कि भरतपुर जिले के बयाना कस्बा के बामड़ा हनुमान मंदिर में श्रद्धालुओं को कोरोना संक्रमण के खतरे से बचाने के लिए एक नवाचार किया गया है. इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को अब हाथ से छूकर घंटी बजाने की जरूरत नहीं पड़ती. ऐसे में कोरोना संक्रमण के खतरे से भी निजात मिल गयी है.
कोरोना संक्रमण में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनकी आस्था को ध्यान में रखते हुए मंदिर में एक भामाशाह की मदद से नवाचार किया गया है. इसके तहत एक भामाशाह बलराज सिंघल ने मंदिर में एक सेंसर युक्त घंटी लगाई है. इससे अब यहां आने वाले श्रद्धालु बिना हाथ लगाए ही आसानी से घंटी बजा सकते हैं. इसके लिए श्रद्धालुओं को घंटी में लगे सेंसर के सामने अपनी हथेली करनी होती है. इससे घंटी में लगाया गया सेंसर और उपकरण सक्रिय हो जाता है और बिना छुए ही घंटी बजने लगती है.
घंटी बजाने में नहीं सताता डर
कोरोना काल में संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए देश भर में मंदिरों को बंद कर दिया गया था. वहीं अब अनलॉक में मंदिर खोले गए हैं. अभी भी लोग कोरोना संक्रमण के खतरे को लेकर डर रहे हैं.ऐसे में सेंसर वाली घंटी से संक्रमण फैलने का खतरा कम हो गया है.पूजा करने आए एक श्रद्धालु महेश ने बताया कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में सेंसरयुक्त घंटी से श्रद्धालुओं को काफी राहत मिली है. क्योंकि मंदिर आने वाला प्रत्येक श्रद्धालु घंटी बजा कर भगवान की आराधना करना चाहता है. लेकिन कुछ समय पहले तक कोरोना संक्रमण के चलते मंदिर में आने वाले लोग घंटी बजाने से हिचकिचाते थे. अब सेंसर युक्त घंटी लगने से यह डर दूर हो गया है.
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घंटियों पर बांधने पड़े थे कपड़े
कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए मंदिरों में घंटी बचाने पर प्रतिबंध लगाया गया था. जिस कारण मंदिरों में घंटियों को बांधकर रखा गया था. लोगों को घंटी नहीं बजाने दी जाती थी. मंदिर महंत रामनिवास मुद्गल ने बताया कि कोरना लॉकडाउन के बाद जब अनलॉक हुआ और मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए खोला गया. श्रद्धालुओं को घंटी बजाने से रोकना पड़ता था. इतना ही नहीं गलती से कोई श्रद्धालु घंटी न बजाए, इसके लिए मंदिर में लगी सभी घंटियों पर कपड़े बांधने पड़े थे.
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गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के चलते लंबे समय तक श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए गए थे. वहीं अनलॉक होने पर भी मंदिरों में कोरोना गाइडलाइन की पालना शक्ति से कराने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन मंदिर में आने वाले श्रद्धालु न चाहते हुए भी घंटियां बजाते थे. इससे संक्रमण फैलने का खतरा भी मंडराता रहता था. ऐसे में बयाना के बामड़ा हनुमान मंदिर में लगाई गई सेंसर युक्त घंटी के नवाचार को जिले के अन्य मंदिरों में भी प्रयोग में लाया जा सकता है.