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बॉर्डर की बंदिशें: रारह बॉर्डर पर फंसे बिहार और झारखंड के 250 मजदूर...

लॉकडाउन के वजह से प्रत्येक राज्य सरकार ने अपने बॉर्डर क्षेत्र में प्रवेश पर बंदिशें लगा दी हैं. जिसके बाद भरतपुर के बॉर्डर पर शनिवार को करीब 250 मजदूरों का जमावड़ा हो गया. इन मजदूरों को ना तो उत्तर प्रदेश सरकार लेने को तैयार है और ना ही राजस्थान सरकार. वहीं कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह लगातार अधिकारियों से पूरे घटनाक्रम को लेकर फीडबैक ले रहे हैं. साथ ही सरकार को भी हालात से अवगत करा दिया गया है.

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बॉर्डर पर फंसे 250 मजदूर
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Published : May 9, 2020, 10:18 PM IST

भरतपुर. कोरोना महामारी ने देश को इस कदर तोड़ा है कि लोग प्रदेशों में बंटकर रह गए हैं. प्रत्येक राज्य सरकार ने अपने बॉर्डर क्षेत्र में प्रवेश पर बंदिशें लगा दी हैं. भरतपुर के बॉर्डर पर शनिवार को करीब 250 मजदूरों का जमावड़ा हो गया. इन मजदूरों को ना तो उत्तर प्रदेश सरकार लेने को तैयार है और ना ही राजस्थान सरकार. इसी के चलते रारह बॉर्डर पर शनिवार दोपहर बाद राजस्थान और उत्तर प्रदेश की पुलिस आमने-सामने हो गई.

सरकार प्रवेश देने को तैयार नहीं

राजस्थान पुलिस का आरोप है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपने क्वॉरेंटाइन सेंटर से इन मजदूरों को लाकर रारह बॉर्डर पर छोड़ दिया है. वहीं उत्तर प्रदेश पुलिस है कि इनको अपना श्रमिक मानने से इनकार कर रही है. इस पूरे मामले को लेकर कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह लगातार अधिकारियों से फीडबैक ले रहे हैं. साथ ही सरकार को भी हालात से अवगत करा दिया गया है.

पढ़ेंः कोटा में फंसे बिहार के 5 हजार बच्चों को नहीं लेना चाहती नीतीश सरकार: प्रताप सिंह खाचरियावास

जानकारी के अनुसार शनिवार को रारह बॉर्डर पर करीब 250 मजदूरों का जमावड़ा हो गया. यह सभी मजदूर पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड सहित कई प्रदेशों के हैं, जो कि उत्तर प्रदेश के रास्ते अपने घर जाना चाहते हैं. राजस्थान पुलिस का आरोप है कि ये सभी मजदूर उत्तर प्रदेश की जाजमपट्टी के क्वॉरेंटाइन सेंटर में ठहरे हुए थे, जहां से उत्तर प्रदेश पुलिस ने इनको इकट्ठा करके रारह बॉर्डर पर छोड़ दिया.

अब इन मजदूरों को ना तो उत्तर प्रदेश पुलिस अपनी तरफ प्रवेश दे रही है और ना ही राजस्थान पुलिस. ऐसे में यह मजदूर अब रारह बॉर्डर पर फंसे हुए हैं. इसी बात को लेकर उत्तर प्रदेश और राजस्थान पुलिस बॉर्डर पर एक-दूसरे के सामने खड़ी हैं. जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस सिर्फ उत्तर प्रदेश के लोगों को ही अपने यहां प्रवेश दे रही है, बाकी अन्य प्रदेश के मजदूरों को राज्य में प्रवेश देने से रोक दिया गया है.

पढ़ेंः राजस्थान में दिन का तापमान बढ़कर 45 डिग्री के पास पहुंचा, मौसम विभाग ने जारी किया 'ऑरेंज' और 'येलो अलर्ट'

जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश पुलिस का यह भी दावा है कि राजस्थान सरकार की ओर से पहले ही उत्तर प्रदेश के सभी श्रमिकों को पहुंचाया जा चुका है. ऐसे में राज्य सरकार के आदेशानुसार बिना पास और अनुमति वाले अन्य राज्यों के श्रमिकों को उनके प्रदेश में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. वहीं इस पूरे घटनाक्रम के बाद जिला कलेक्टर नथमल डिडेल और पुलिस अधीक्षक हैदर अली जैदी मौके पर पहुंच गए और समझाइश का दौर जारी है.

गौरतलब है कि हाल ही में राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने एक दूसरे के श्रमिकों को रोडवेज बसों से एक दूसरे के राज्यों तक पहुंचाया था. जिसके बाद राजस्थान सरकार ने भी अपने प्रदेश की सीमाओं को अवैध रूप से प्रवेश करने वाले श्रमिकों के लिए सील कर दिया है. वहीं उत्तर प्रदेश सरकार भी बिना अनुमति वाले मजदूरों को प्रदेश में प्रवेश देने से रोक रही है.

भरतपुर. कोरोना महामारी ने देश को इस कदर तोड़ा है कि लोग प्रदेशों में बंटकर रह गए हैं. प्रत्येक राज्य सरकार ने अपने बॉर्डर क्षेत्र में प्रवेश पर बंदिशें लगा दी हैं. भरतपुर के बॉर्डर पर शनिवार को करीब 250 मजदूरों का जमावड़ा हो गया. इन मजदूरों को ना तो उत्तर प्रदेश सरकार लेने को तैयार है और ना ही राजस्थान सरकार. इसी के चलते रारह बॉर्डर पर शनिवार दोपहर बाद राजस्थान और उत्तर प्रदेश की पुलिस आमने-सामने हो गई.

सरकार प्रवेश देने को तैयार नहीं

राजस्थान पुलिस का आरोप है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपने क्वॉरेंटाइन सेंटर से इन मजदूरों को लाकर रारह बॉर्डर पर छोड़ दिया है. वहीं उत्तर प्रदेश पुलिस है कि इनको अपना श्रमिक मानने से इनकार कर रही है. इस पूरे मामले को लेकर कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह लगातार अधिकारियों से फीडबैक ले रहे हैं. साथ ही सरकार को भी हालात से अवगत करा दिया गया है.

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जानकारी के अनुसार शनिवार को रारह बॉर्डर पर करीब 250 मजदूरों का जमावड़ा हो गया. यह सभी मजदूर पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड सहित कई प्रदेशों के हैं, जो कि उत्तर प्रदेश के रास्ते अपने घर जाना चाहते हैं. राजस्थान पुलिस का आरोप है कि ये सभी मजदूर उत्तर प्रदेश की जाजमपट्टी के क्वॉरेंटाइन सेंटर में ठहरे हुए थे, जहां से उत्तर प्रदेश पुलिस ने इनको इकट्ठा करके रारह बॉर्डर पर छोड़ दिया.

अब इन मजदूरों को ना तो उत्तर प्रदेश पुलिस अपनी तरफ प्रवेश दे रही है और ना ही राजस्थान पुलिस. ऐसे में यह मजदूर अब रारह बॉर्डर पर फंसे हुए हैं. इसी बात को लेकर उत्तर प्रदेश और राजस्थान पुलिस बॉर्डर पर एक-दूसरे के सामने खड़ी हैं. जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस सिर्फ उत्तर प्रदेश के लोगों को ही अपने यहां प्रवेश दे रही है, बाकी अन्य प्रदेश के मजदूरों को राज्य में प्रवेश देने से रोक दिया गया है.

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जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश पुलिस का यह भी दावा है कि राजस्थान सरकार की ओर से पहले ही उत्तर प्रदेश के सभी श्रमिकों को पहुंचाया जा चुका है. ऐसे में राज्य सरकार के आदेशानुसार बिना पास और अनुमति वाले अन्य राज्यों के श्रमिकों को उनके प्रदेश में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. वहीं इस पूरे घटनाक्रम के बाद जिला कलेक्टर नथमल डिडेल और पुलिस अधीक्षक हैदर अली जैदी मौके पर पहुंच गए और समझाइश का दौर जारी है.

गौरतलब है कि हाल ही में राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने एक दूसरे के श्रमिकों को रोडवेज बसों से एक दूसरे के राज्यों तक पहुंचाया था. जिसके बाद राजस्थान सरकार ने भी अपने प्रदेश की सीमाओं को अवैध रूप से प्रवेश करने वाले श्रमिकों के लिए सील कर दिया है. वहीं उत्तर प्रदेश सरकार भी बिना अनुमति वाले मजदूरों को प्रदेश में प्रवेश देने से रोक रही है.

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