अलवर. शहर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के मेडिकल आईसीयू से एक शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. जहां बुधवार अलसुबह 3 से 4 बजे के बीच आईसीयू में एक व्यक्ति चादर ओढ़कर घुसा और डायबिटीज की जांच करने के बहाने वहां भर्ती कोरोना पीड़ित एक महिला रोगी से छेड़छाड़ की. महिला के शोर मचाने पर व्यक्ति मौके से भाग गया.
हालांकि आरोपी सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है, लेकिन उसका चेहरा दिखाई नहीं दे रहा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रशासन की तरफ से तुरंत कार्रवाई करते हुए इस मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई. वहीं पुलिस भी मामले की जांच में जुट चुकी है.
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जानकारी के अनुसार राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के आईसीयू में कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती किया जाता है. वार्ड में भर्ती एक 35 वर्षीय महिला के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. एक व्यक्ति डायबिटीज चेक करने के बहाने से आईसीयू में गया और इस दौरान उसने महिला को यूरिन में शुगर चेक करने की बात कही. जिसके बाद महिला टॉयलेट में जाकर डिब्बी में यूरिन डालने लगी. ऐसे में वह व्यक्ति भी पीछे से वहां पहुंचा और उसने महिला के साथ छेड़छाड़ की.
हालांकि इस दौरान महिला ने शोर मचा दिया. जिसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गया. यह पूरा वाक्य महज 5 मिनट में हुआ. आईसीयू के स्टाफ ने मामले की जानकारी डिप्टी कंट्रोलर को दी. इसके बाद अस्पताल के अन्य अधिकारियों को इसके बारे में बताया गया और पुलिस को सूचना दी गई. देर रात अस्पताल के स्टाफ ने सीसीटीवी कैमरे को चेक किया. जिसमें व्यक्ति आईसीयू में आता हुआ और जाता हुआ नजर आ रहा है, लेकिन उसका चेहरा सॉल से ढका हुआ है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल प्रशासन की तरफ से मामले की लिखित शिकायत कोतवाली थाना पुलिस को दी गई है. पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे और पीड़िता के बयान के आधार पर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है. अस्पताल प्रशासन की तरफ से इस पूरे मामले की जांच के लिए 3 सदस्य एक कमेटी बनाई है. इसमें डॉ. राजीव गुप्ता, पैथोलॉजिस्ट डॉ. मोनिका जैन और नर्सिंग अधीक्षक अशोक जैन को शामिल किया गया है.
इस घटनाक्रम के दौरान अस्पताल के स्टाफ द्वारा बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. स्टाफ द्वारा आईसीयू का गेट बंद नहीं किया गया था. वहीं आईसीयू जाते समय गैलरी में आमतौर पर गार्ड की व्यवस्था रहती है, लेकिन रात के समय गार्ड नहीं था. ऐसे में उस व्यक्ति को किसी ने नहीं रोका. अस्पताल के अन्य लोगों ने कहा कि यहां पहले भी कई तरह की घटनाएं हो चुकी हैं. इस घटना को देखकर लगता है कि अंदर का ही कोई व्यक्ति है, जो अस्पताल के अंदर आया और घटना करने के बाद फरार हो गया. क्योंकि उसको यूरिन टेस्ट में अन्य चीजों की जानकारी थी.
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आईसीयू में मौजूद स्टाफ महिला ने बताया कि आरोपी बिना पीपी किट के सादा कपड़ों में घुसा उसने कोई पीपी किट नहीं पहनी थी. जबकि आईसीयू में कोरोना के गंभीर मरीज रहते हैं. इस घटना के बाद अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल की व्यवस्थाओं पर सवाल उठने लगे हैं. ऐसे में साफ है कि अस्पताल के आईसीयू में भी मरीज सुरक्षित नहीं है.