अलवर. जिले के किसानों पर इन दिनों मौसम की मार पड़ती हुई नजर आ रही है. बुधवार को दिन के समय अचानक बादल छाए रहे. कुछ देर में बारिश शुरू हुई. उसके बाद शाम तक बारिश का दौर जारी रहा. कुछ दिन पहले ओलावृष्टि से हुए नुकसान के आकलन की कार्यवाही पूरी भी नहीं हो पाई. उससे पहले बारिश और ओलावृष्टि ने फिर से अलवर के किसान पर हमला कर दिया.
अलवर शहर में 54 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र सहित जिले के अन्य क्षेत्रों में भी भारी ओलावृष्टि हुई. मौसम विभाग की ओर से अलवर सहित प्रदेश के कई जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, 7 तारीख तक इसी तरह के हालात रहने की संभावना जताई गई है. अलवर शहर में बारिश के कारण सभी जगहों पर पानी भर गया. इससे लोगों को आने-जाने में खासी परेशानी हुई और यातायात प्रभावित रहा.
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बारिश के आकलन की बात करें, तो अलवर शहर में 54 मिलीमीटर, बानसूर में 14, किशनगढ़ बास में 24 और मुंडावर में तीन तिजारा में 6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. अचानक हुई बारिश के कारण अलवर बहरोड थोड़ी सी जिंदोली की घाटी में भूस्खलन हो गया. बारिश के कारण जिंदोली की घाटी स्थित सुरंग के आगे पहाड़ से बड़े-बड़े पत्थर सड़क पर गिर गए. पत्थर के साथ मरवा भी सड़क पर आ गया. बारिश के बाद लोगों ने सड़क से पत्थर हटाए, इसके बाद यातायात शुरू हुआ.
जिले के सिलीसेढ़, माजरी, उमरैण, अलवर ग्रामीण, खैरथल, किशनगढ़ बास, बानसूर माजरी कला सहित कई स्थानों पर चने के आकार के ओले गिरे. दूसरी तरफ बारिश के कारण अलवर रोड मार्ग स्थित सिनौली की घाटी के पास अचानक भूस्खलन होने से 2 घंटे तक यातायात प्रभावित रहा. बारिश का पानी तेजी से पहाड़ से नीचे गिरता हुआ नजर आया. पानी के साथ मार्बल पत्थर भी घाटी से नीचे सड़क पर गिरने लगे, इसलिए सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई. इससे लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी.
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मौसम विभाग ने प्रदेश के 17 जिलों में बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जताई है, लेकिन अलर्ट के 1 दिन पहले 4 मार्च को ही पूर्वी राजस्थान में ओलावृष्टि और बारिश ने दस्तक दे दी है.