बहरोड़. हाईकोर्ट के आदेश पर पद से हटाए गए पंचायत समिति के तत्कालीन विकास अधिकारी (बीडीओ) विरेंद्र चौहान शनिवार को चोरी छुपे कार्यालय पहुंचे और फाइलों को खंगालते नजर आए. बीडीओ ऑफिस में पहुंचने की सूचना लगते ही पंचायत समिति के प्रधान पति बस्तीराम यादव मौके पर (Uproar in Alwar BDO office) पहुंचे. उन्होंने वीरेंद्र चौहान से जब कार्यालय आने को लेकर सवाल किया, तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए और कार्यालय छोड़कर बाहर निकल आए.
मौके पर मौजूद मीडियाकर्मी ने जब इस मामले में विरेंद्र चौहान से सवाल किया, तो उन्होंने बताया कि वे ग्रामीण ओलंपिक खेलों के भुगतान की फाइलों को देखने आए थे. उन्होंने कहा कि उनके साथ दो अन्य कर्मचारी भी आए थे, उनको प्रधान पति ने कार्यालय से बाहर कर दिया.
हाईकोर्ट के आदेश पर तत्कालीन विकास अधिकारी को पद से हटाए जाने के बाद नीमराणा विकास अधिकारी को अतिरिक्त भार दिया गया है. बहरोड़ प्रधाज सरोज यादव ने इस मामले पर कहा कि अगर फाइलों में कोई गड़बड़ी पाई गई, तो तत्कालीन विकास अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही अगर कोई फाइल गायब मिली, तो इसके लिए भी विरेंद्र चौहान ही जिम्मेदार होंगे.
आपको बता दें कि बहरोड़ प्रधान सरोज यादव ने हाईकोर्ट में एक अर्जी लगाई थी. इसमें बताया गया था कि बहरोड़ के विकास अधिकारी वीरेंद्र चौहान पर संगीन मामले दर्ज हैं. इसके बावजूद भी सरकार ने उनको बहरोड़ विकास अधिकारी पद पर लगाया था. इस पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने 19 सितंबर को तत्कालीन विकास अधिकारी वीरेंद्र चौहान को पद से हटा दिया था और शुक्रवार को उनका अतिरिक्त भार नीमराणा विकास अधिकारी को सौंपा.